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परेट 487
पर्याय परेट, परेड-अं० (स्त्री) 1 सैनिक शिक्षा 2 सैनिक शिक्षा देने __ (पु०) पत्तों की बनी छाजनवाली कुटिया; रचना, का मैदान
~शाला (स्त्री०) - पर्णकुटी परेता-(प्०) 1 बाँसी की पतली तीलियों का बना बेलन 2 सुत | पर्णन-सं० (पु०) पत्ते आना लपेटने के काम आनेवाला जलाहों का आला
पर्णिका-सं० (स्त्री०) शालपर्णी परेवा-(पु०) 1 कबूतर 2 पंड़की पक्षी, फाख्ता 3 तेज़ | पर्णी-सं० (पु०) वृक्ष, पेड़ उड़नेवाला कोई पक्षी
पर्त- बो० (पु०) परत परेशान-फा० (वि०) 1 व्याकुल 2 हैरान 3 सताया हुआ । पर्दा-फा० (पु०) - परदा। ~फ़ाश (पु०) भेद प्रकट कर परेशानकुन-फा० (वि०) परेशान करनेवाला परेशानी-फ़ा० (स्त्री०) 1 विकलता, हैरानी 2 झंझट पर्धा-(वि०) 1 आधे से कुछ कम 2 आधे से कुछ अधिक परेषक-(पु०) पारसल द्वारा अपना माल भेजने वाला व्यक्ति पर्पटी-सं० (स्त्री०) एक प्रकार की सुगंधित मिट्टी जो सौराष्ट्र परेषण-(पू.) पारसल द्वारा अपना माल भेजना नोट +अं० ___ आदि प्रदेशों में पाई जाती है (पु०) माल भेजने का नोट
पर्यक-सं० (पु०) पलंग परेषणी-(पु०) ऐसा व्यक्ति जिसके नाम पार्सल भेजा जाये पर्यंत-1 सं० घिरा हुआ (जैसे-वह उनकी सेवा जीवनपर्यंत परेषित-(वि०) किसी के नाम पार्सल भेजा गया
करता रहा) परेषिती-(पू०) माल भेजनेवाला
पर्यटक-सं० (१०) दूसरे देशों में घूमने फिरनेवाला। परेह-(पु०) बेसन आदि का पकाया हुआ घोल
-शिविर, स्थल (१०) सैलानियों के लिए रुकने का परेहा-बो० (पु०) जोती एवं सींची गई ज़मीन
स्थान परोक्त-दोष-सं० (१०) न्यायालय में ग़लत बयान देने का | पर्यटन-सं० (प.) विस्तृत भू-भाग में किया जानेवाला भ्रमण । अपराध
दल (पु०) सैलानियों का दल; ~शील (वि०) परोक्ष-[सं० (वि०) 1 जो आँखों के सामने न हो, आँखों से । भ्रमणशील
ओझल 2 जो सामने उपस्थित न हो, गैरहाज़िर 3 छिपा हुआ, | पर्यय-सं० (पु०) चारों ओर चक्कर लगाना गुप्त 4 जिसका किसी से प्रत्यक्ष संबंध न हो, अप्रत्यक्ष पर्यवदात-सं० (वि०) 1 पूर्णतः निर्मल एवं शुद्ध 2 ज्ञात एवं संबंधवाला 5 अपरिचित, अनजान II (पु०) 1 आँखों के | परिचित सामने न रहने की अवस्था, अनुपस्थिति 2 वर्तमान न होने की पर्यवरोध-सं० (पु०) चारों ओर से होनेवाली बाधा स्थिति, भृतकाल 3 व्या० पूर्ण भूतकाल III अ० गैरहाज़िरी में, पर्यवलोकन-सं० (पु०) 1 चारों ओर देखना 2 निरीक्षणात्मक पीठ-पीछे (जैसे-परोक्ष में किसी की निंदा करना कायरता है)। | दृष्टि से देखना
दर्शन (पु०) अतींद्रिय दृष्टि; निर्वाचन (पु०) जनता पर्यवसान-सं० (पु०) 1 अंत, समाप्ति 2 अंतर्भाव द्वारा नहीं अपितु जनता के प्रतिनिधियों द्वारा किया गया चुनाव; | पर्यवसाया-स० (वि०) समाप्त करनेवाला ~श्रवण (पु०) अतींद्रिय श्रवण
पर्यवसित-सं० (वि०) 1 समाप्त 2 निश्चित परोक्षार्थ-सं० (वि०) रहस्यपूर्ण अर्थवाला
पर्यवस्था-सं० (स्त्री०) 1 विरोध 2 प्रतिपक्षवाद, खंडन परोपकार-सं० (पु०) दूसरों के हित का काम
पर्यवेक्षक-सं० (पु०) काम की देखभाल करनेवाला अधिकारी परोपकारिता-सं० (स्त्री०) परोपकार करने का भाव पर्यवेक्षण-सं० (पु०) निगरानी करने का काम। चौकी + परोपकारी-सं० (वि०) भलाई करनेवाला
हिं० (स्त्री०) निगरानी करने के लिए पुलिस चौकी परोपकृत-सं० (वि०) जिसका उपकार किया गया हो। पर्य-सं० (वि०) 1 आँसुओं से भीगा हआ 2 जिसकी आँखों परोपजीविता-सं० (स्त्री०) दूसरे के सहारे जीवन बिताना | में आँसू भरे हों परोपजीवी-सं० (वि०) दूसरे के सहारे जीवित रहनेवाला पर्यसन-सं० (पु०) 1निकालना, बाहर करना 2 हटाना 3 रद्द परोल-अं० (पु०) सशर्त कारामुक्ति
करना परोसना-(स० क्रि०) थाली आदि में खाद्य पदार्थ रखना पर्यस्त-सं० (वि०) जिसे निकाल दिया गया हो परोसा-(पु०) एक आदमी को खाने के लिए दिये जानेवाला पर्याकुल-सं० (वि०) 1 घबराया हुआ 2 अस्त-व्यस्त 3 गंदला भोजन
4क्षुब्ध परोसैया-(पु०) भोजन परोसनेवाला व्यक्ति
पर्याण-सं० (पु०) घोड़े की ज़ीन, काठी परोहन-(पु०) 1 वह पशु जिसपर सवारी की जाये 2 वह पशु पर्याप्त-सं० (वि०) 1 काफ़ी, यथेष्ट (जैसे-इस कार्य हेत सौ जिस पर बोझ लादा जाये
__ रुपए पर्याप्त है) 2 पाया हआ, प्राप्त 3 सीमित परोहा-बो० (पु०) 1 बाँस-बाल्टी आदि से लटकाई गई दौरी पर्याप्तत:-सं० (क्रि० वि०) पर्याप्त रूप में
की सहायता से पानी उठाकर सींचने का प्रकार 2 पानी पर्याप्ति-सं० (स्त्री०) 1 यथेष्टता 2 प्राप्ति, मिलना 3 तृप्ति, निकालनेवाली दौरी 3 मोट, चरसा
संतुष्टि पर्चा-फ़ा० (पु०) = परचा फ़ा०
पर्याय-सं० (पु०) 1 समानार्थक शब्द 2 क्रम, सिलसिला पर्जन्य-सं० (पु०) बरसनेवाला बादल, मेघ
3 प्रकार, भेद 4 अनेक आश्रय ग्रहण करनेवाला एक पर्ण-सं० (पु०) पेड़ का पत्ता, पत्र (जैसे-साधु-संन्यासी अर्थालंकार। क्रम (पु०) 1 पद, मान आदि के विचार से पर्ण-कुटियों में रहते हैं)। ~कुटी (स्त्री०), कुटीर । स्थिर किया जानेवाला क्रम 2 उत्तरोत्तर होनेवाली वृद्धि: