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पुच्छी
तरह पीछे प्रायः व्यर्थ का अंग लगा हो (जैसे-पुच्छलवाली पतंग उड़ाओ ) । तारा (पु० ) धूमकेतु पुच्छी-I सं० (वि०) पूँछवाला, दुमदार II ( पु० ) 1 आक, मदार 2 मुरगा
पुछल्ला - ( पु० ) 1 लंबी दुम 2 पूँछ की तरह जोड़ी गई लंबी चीज़
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पुछवाना - (स० क्रि०) पूछने का काम कराना पुछवैया - (वि०) 1 पृछनेवाला 2 खोज-खबर लेनेवाला पुछार, पुछैया-बो० (वि०) 1 हाल-चाल पूछनेवाला 2 कुछ बात पूछनेवाला
पुजना - (अ० क्रि०) 1 पूजा जाना 2 सम्मानित होना पुजवना - (स० क्रि०) 1 पूरा करना 2 सफल करना पुजवाना - (स० क्रि) 1 पूजन कराना 2 आवभगत कराना 3 भेंट चढ़वाना, सेवा आदि कराना (जैसे-शिष्यों से पैर पुजवाना गुरु अपना अधिकार समझता है) पुजाई - I (स्त्री०) 1 पूजने की क्रिया (जैसे-गंगा पुजाई के लिए लडडू लेना है) 2 पुजाने का पारिश्रमिक (जैसे-गंगा पुजाई दस रुपये देने पड़े)
पुजाई - II (स्त्री०) 1 सफल करने की क्रिया 2 सफल करने का पारिश्रमिक
पुजाना- 1 (स० क्रि०) 1 पूजा कराना 2 आदर सम्मान कराना 3 दबा और फुसलाकर वसूल करना
पुजाना - II (स० क्रि०) 1 पूरा करना, पूर्ति करना 2 सफल करना, सिद्ध करना
पुजापा - (पु०) पूजन की सामग्री। फैलाना आडंबरपूर्ण
व्यवस्था करना
पुजारिन - ( स्त्री०)
पूजा करनेवाली स्त्री
पुजारी - (पु० ) 1 पूजा करनेवाला व्यक्ति 2 देव तुल्य मानकर भक्ति करनेवाला व्यक्ति
पुजाही - (स्त्री०) 1 पूजन सामग्री रखने का झोला 2 पुजापा पुजैया - I (वि०) पूजनेवाला, पूजक II (स्त्री०) पुजाई III (वि०) पूरा करनेवाला, भरनेवाला IV (स्त्री०) पूरा करने-कराने की क्रिया
पुट - I (पु० ) 1 तरल पदार्थ का छीटा 2 हल्के रंग में डुबाना 3 थोड़ी सी मिलावट । पाक (पु०) औषध पकाने की एक क्रिया
पुट - II सं० ( पु० ) 1 खाली स्थान 2 बनाया गया आधान 3 ढकनेवाला आवरण
पुटक-सं० (पु० ) 1 कमल 2 दोना
पुटकी - I (स्त्री०) छोटी गठरी, पोटली
पुटकी - II ( स्त्री०) 1 यकायक होनेवाली मृत्यु 2 आकस्मिक दैवी विपत्ति, आफत 3 आलन पड़ना 1 चट पट मर जाना
2 भारी विपत्ति आना
पुटित सं० (वि०) पुट रूप में लाया हुआ पुटी - I सं० (स्त्री०) 1. छोटा होना 2 खाली स्थान II (वि०) जो पुटपाक विधि में प्रस्तुत हो
पुटीन - अं० ( पु० ) लकड़ी की दरारों आदि में भरने का
मसाला
पुतली
विशेषकर घोड़े का चूतड़ । पुट्ठे पर हाथ न रखने देना सवार को पास न आने देना; पुट्टे पर हाथ रखना राजी कर लेना पुठवार - अ० 1 पीछे 2 बगल में
पुड़ा - I (पु० ) 1 बड़ी पुड़िया 2 गौ का गर्भाशय II ढोल मढ़ा जानेवाला चमड़ा। (पु०) टूटना गाय को गर्भ ठहरना पुड़िया - (स्त्री०) 1 काग़ज़ को विशेष प्रकार से मोड़कर एक नया रूप देना जिसमें कोई चीज़ बंद हो जाय (जैसे- उसने दवा की एक पुड़िया फेंक दी ) 2 पुड़िया में लपेटी हुई दवा (जैसे- सुबह-शाम एक-एक पुड़िया खाना है)
पुड़ी - I (स्त्री०) ढोल मढ़ने का चमड़ा पुड़ी - II (स्त्री०)
पुड़िया
पुण्य - I सं० (वि०) 1 पवित्र, शुद्ध 2 मंगलकारक, शुभ 3 उत्तम फल देनेवाला II (पु० ) 1 धर्म विहित कर्म, सुकृत 2 अच्छा एवं भला कार्य (जैसे-गरीबों को दान देना पुण्य कार्य है) 3 विशिष्ट कर्म से प्राप्त फल (जैसे-गरीबों को दान देने से मुझे सुख शांति का पुण्य प्राप्त हुआ) 4 अच्छे एवं पवित्र कार्यों का संचित रूप जिसका फल आगे मिलता हो (जैसे-बड़े. पुण्य से उन्हे पुत्र रत्न प्राप्त हुआ) । ~कर्ता (पु०) पुण्य कार्य करनेवाला; कर्म, कार्य (पु०) शुभ काम, भला काम; ~ काल (पु० ) अच्छे-भले कार्य करने का समय; ~ कीर्ति I (वि०) जिसके यशोगान से पुण्य हो II (स्त्री०) पुण्यात्मक यश; कृत (पु० ) पुण्य करनेवाला; कृत्य (पु० ) पुण्य कर्म; ~ क्षेत्र (पु० ) ऐसा स्थान जहाँ जाने से पुण्य होता हो; जन (पु०) धर्मात्मा, सज्जन ता (स्त्री०) पुण्य होने का भाव; ~ तिथि (स्त्री०) पुण्यकाल; ~तीर्थ (पु० ) पुण्य क्षेत्र; पर्व (पु० ) शुभ त्योहार; ~ भाव (स्त्री०) उत्तम विचार; भूमि (स्त्री०) 1 तीर्थ स्थान 2 पुत्रवती स्त्री; योग (पु० ) पूर्वजन्म के किये गये शुभ कर्मों का फल; ~वान् (वि०) शुभ कर्म करनेवाला; ~ शती (स्त्री०) मरने के बाद की शताब्दी; श्लोक (वि०) शुभ चरित्र; स्थान (पु० ) पुण्य क्षेत्र पुण्यात्मा-सं० (वि०) पुण्य कर्म करनेवाला, पुण्यशील पुण्यार्थ - I सं० (वि०) 1 पुण्य के विचार से किया जानेवाला 2 जो लोकोपकारी कार्य हेतु दिया गया हो II शुभफल की प्राप्ति के विचार से III (पु० ) 1 लोकोपकार की भावना 2 लोकोपकार की भावना से दिया जानेवाला धन निधि (स्त्री०) 1 धार्मिक कार्य हेतु दी गई संपत्ति 2 लोकोपकार के लिए दिया गया धन
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गुण्योदय -सं० ( पु० ) सौभाग्य का उदय
पुट्ठा - ( स्त्री०) बड़ा झाबा
पुट्ठा - ( पु० ) 1 चूतड़ के ऊपर का माँसल भाग 2 चौपायों
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पुतना - (अ० क्रि०) पुताई होना
पुतला - (पु० ) काग़ज़, कपड़े आदि की पुरुष की बनाई गई - आकृति । जलाना निंदा करने के उद्देश्य से पुतला बनाकर जलाना; बाँधना अपयश फैलाना, बदनामी करना पुतली - I (स्त्री०) आँख के बीच का वह काला भाग जिसके
मध्य में प्रकाश की किरणें प्रवेश करती हैं तथा जिसके फलस्वरूप मस्तिष्क में पदार्थ का प्रतिबिंब उभरता है। फिर जाना 1 आँखें पथरा जाना 2 घमंड होना
पुतली - II (स्त्री०) 1 लकड़ी, धातु आदि की बनी हुई स्त्री आकृति 2 सुंदर और कोमलांगी स्त्री 3 कपड़ा बुनने का यंत्र ~घर (पु० ) कपड़ा बनाने की मिल