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पीठ
आघात करना (जैसे- पति मृत्यु का समाचार सुनते ही वह छाती पीटने लगी) 4 विपक्ष की गोट मारना (जैसे- वजीर से प्यादा पिटना) 5 जैसे-तैसे कोई काम पूरा होना II ( पु० ) 1 मृत्यु, शोक (जैसे- उनके घर किसी का रोना पीटना पड़ा है) 2 मुसीबत, आपद
पीठ - I सं० (पु० ) 1 लकड़ी, पत्थर आदि का बना हुआ बैठने का आधार, आसन 2 मूर्ति स्थापित करने का नीचे का स्थान 3 उपदेश, शिक्षा आदि देने का स्थान (जैसे- धर्मपीठ, विद्यापीठ) 4 सम्मानित व्यक्ति के बैठने का स्थान (जैसे-हिंदी की उच्च शिक्षा हेतु पीठ की स्थापना करना) 5 न्यायाधीशों का वर्ग 6 न्यायाधीश 7 राजसिंहासन 8 वेदी 9 व्रतियों के बैठने का आसन ।
पीठ - II ( स्त्री०) प्राणियों के शरीर में छाती एवं पेट आदि की विपरीत दिशा में पड़नेवाला भाग जिसमें लंबाई के बल रीढ़ होती है। दर्द + फ़ा० (पु०) पीठ में होनेवाली पीड़ा; मर्द + फ़ा० (पु० ) प्रणय प्रसंग में नायक का सखा; । मर्दिका + फ़ा० + हिं० (स्त्री०) प्रणय प्रसंग में नायिका की सखी; ~का सहोदर के पीछे जन्मा हुआ; ~का कच्चा (घोड़ा) जो सवारी का काम ठीक तरह से न देता हो; का सच्चा (घोड़ा) जो अच्छी तरह से सवारी का काम देता हो; चारपाई से लगना बीमार का उठने-बैठने में असमर्थ होना; ठोंकना 1 शाबासी देना 2 बढ़ावा देना; ठोंकना; भाग जाना, डर जाना; देना 1 साथ छोड़ देना 2 लेटना; पर हाथ फेरना दे० पीठ दिखाना; (किसी की) पीठ
लगाना
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लगना कुश्ती में चित किया जाना, पछाड़ा जाना; चित कर देना, पछाड़ देना
पीठा-(पु०) आटे की लोई में पीठी भरकर बनाया जानेवाला
पकवान
पीठासीन सं० (वि०) जो अध्यक्ष के आसन पर बैठा हो । ~होना अध्यक्ष का स्थान ग्रहण करना
पीठिका - ( स्त्री०) 1 छोटा पीढ़ा, पीढ़ी 2 वह आधार जिस पर देवमूर्ति आदि लगाई गई हो 3 ग्रंथ के विशिष्ट भागों में से कोई एक (जैसे-पूर्व पीठिका, उत्तर पीठिका) पीठी- (स्त्री०) भींगी दाल को पीसकर तैयार किया गया रूप (जैसे- उड़द की पीठी)
पीरज़ाल
आनेवाले व्यक्तियों का समुदाय (जैसे-दादा की पीढ़ी में दस लोगों का परिवार था) 3 विशिष्ट काल के प्रायः समान अवस्था के लोगों का समूह (जैसे-पुरानी पीढ़ी लगभग समाप्त हो चली) 4 परपंरागत स्थिति पीढ़ी - II ( स्त्री०) छोटा पीढ़ा
पीत - I सं० पीले रंग का, पीला II ( पु० ) पीला रंग III ( वि०) पीया हुआ । ~ कंद (पु० ) गाजर; ता (स्त्री०) पीलापन; मणि (पु० ) पुखराज; रक्त I (पु० ) पीलापन लिये लाल रंग; II (वि०) पीलापन लिये लाल रंग का ~ राग I ( पु० ) 1 पद्म केसर 2 पीला रंग II (वि०) पीले रंग का वर्ण (पु० ) पीलारंग पीतक - I ( पु० ) ज़रदी (अंडे की ) II (वि०) पीले रंग का, पीला
पीतल-सं० (पु० ) ताँबे एवं जस्ते के मेल से बनी प्रसिद्ध धातु (जैसे- पीतल का गगरा खरीदना है) पीतशाल - सं० (पु० ) विजयसार नाम का पेड़ पीतांबर - I सं० ( पु० ) 1 पीले रंग का वस्त्र, पीला कपड़ा 2 पीला वस्त्र धारण करनेवाला व्यक्ति II (वि०) पीला वस्त्र धारण करनेवाला
पीताभ - I सं० (वि०) जिसमें पीला रंग झलक रहा हो II (पु० ) पीला चंदन
पीन - I सं० (वि०) 1 पुष्ट 2 भरा-पूरा, संपन्न II ( पु० ) स्थूलता, मोटाई
पीनक - (स्त्री०) पिनक पीनस - सं० ( पु० ) सर्दी या जुकाम
पीना - (स० क्रि०) 1 मुँह के द्वारा तरल पदार्थ को आत्मसात करना 2 वनस्पतियों का जड़ों द्वारा पानी आदि तरल पदार्थ सोखना 3 धूम्रपान करना (जैसे-चिलम पीना, सिगरेट पीना) 4 मनोविकार को दबा लेना (जैसे-उसके गाली देने पर भी वह सारा गुस्सा पीकर रह गया) 5 निंदनीय घटना, बात को चुपचाप दबा लेना (जैसे-रक्षा घोटाले के मामले को सरकार पी गई । घोलकर पी जाना पूर्णतः खत्म कर देना (जैसे- सारी लज्जा तो तुम घोलकर पी गई हो ) पीप- (स्त्री०) मवाद (जैसे-फोड़े से पीप बहना) पीपल - I ( पु० ) बरगद की जाति का एक प्रसिद्ध वृक्ष, चलदल, बोधिद्रुम
पीपल - II ( स्त्री०) एक लता जिसकी कलियाँ औषधि के रूप में काम आती हैं, पिप्पली
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पीड़क -सं० (वि०) 1 पीड़ा देनेवाला 2 अत्याचारी, जुल्मी पीड़न-सं० (पु० ) 1 तकलीफ़ देना 2 दबाना पीड़ा-सं० (स्त्री०) 1 तकलीफ़, वेदना (जैसे-अपने मृत पति की याद आते ही उसे असह्य पीड़ा होती 2 दर्द (जैसे घाव में ज़ोर की पीड़ा हो रही है) 3 कष्टदायक अवस्था । ~कर, कारी, जनक (वि०) जिससे पीड़ा पहुँचे
पीड़ित - सं० (वि०) 1 जो पीड़ा से ग्रस्त हो (जैसे- ज्वर पीड़ित ) 2 जो जुल्म आदि से आक्रांत हो (जैसे वह समाज के अनुचित व्यवहार से अत्यंत पीड़ित है) 3 जो सताया गया हो 4 जो नष्ट कर दिया गया हो (जैसे- भूकंप पीड़ित क्षेत्र एवं जन ) पीढ़ा - (पु० ) लकड़ी का पाएदार छोटा आसन पीढ़ी - I (स्त्री०) 1 कुल, वंश परंपरा में क्रम-क्रम से बढ़नेवाली संतान की प्रत्येक कड़ी (जैसे-पीढ़ी दर पीढ़ी विचारों एवं
कष्ट
पहनावों में अंतर आता गया) 2 किसी पीढ़ी के अंतर्गत पीरज़ाल - फ़ा० (स्त्री०) अत्यंत बूढ़ी स्त्री
पीपलामूल - ( पु० ) एक प्रसिद्ध औषधि जो पीपल नामक लता की जड़ है
पीपा - पु० (पु० ) काठ, लोहे का ढोल के आकार का बना हुआ बड़ा पात्र (जैसे-तेल का पीपा कहाँ रखा है) पीब - (स्त्री०) पीप
पीयूष -सं० (पु० ) अमृत, सुधा
पीर - I फ़ा० (वि०) 1 बड़ा और पूज्य, बुजुर्ग 2 वृद्ध, बुड्ढा पीर - II फ़ा० (पु० ) 1 मार्गदर्शक, धर्म गुरु 2 महात्मा एवं सिद्ध पुरुष । ~मर्द (पु०) बुजुर्ग आदमी
पीर - III (स्त्री०) 1 दर्द, वेदना 2 तकलीफ़, दुःख 3 पीड़ा,