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पाक
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पाटला
पाक-[सं० (पु०) 1 भोजन आदि पकाने की क्रिया 2 पकाया अतिशयता में जो अविवेकी हो गया हो (जैसे-प्रेयसी के हुआ भोजन, रसोई II (वि०) 1 छोटा 2 प्रशंसनीय 3 जो वियोग में वह पागल हो गया है) 3 जिसे कुछ भी सुध-बुध न परिपृष्ट एवं पूर्ण अवस्था प्राप्त हुआ हो। ~गृह (पु०) हो, आसक्त हो गया हो (जैसे-तरुणी के रूप सौंदर्य को देखते रसोईघर; नैपुण्य (पु०) पकाने की दक्षता या निपुणता; ही वह पागल हो गया) 4 जो प्रायः विक्षिप्तों की तरह व्यवहार
-विज्ञान (पु०) = पाक कला; शाला (स्त्री०) = पाक करे (जैसे-तुम बिल्कुल पागल हो गए हो क्या)। खाना गृह; ~शास्त्र (पु०) = पाक कला
+ फ़ा० (पु०) वह स्थान जहाँ विक्षिप्त लोगों का उपचार पाक-फा० (वि०) 1 निर्मल, पवित्र 2 साफ़, स्वच्छ 3 निर्दोष किया जाता है; ~पन (पु०) 1 विक्षिप्त होने की अवस्था (जैसे-उस पाक दिल को व्यर्थ कलंकित करना पाप है)। 2 पागलों के समान किया जानेवाला आचरण 3 बेवकूफ़ी, -दामन (वि०) जिसका चरित्र बिल्कुल निष्कलंक हो; | मर्खता
दामिनी (स्त्री०) पाक दामन होने का भाव; ~साफ़ पागलिनी-(स्त्री०) पगली, विक्षिप्त स्त्री + अ० (वि०) 1 साफ़ सुथरा, निर्मल 2 निर्दोष, निष्पाप पागुर-बो० (पु०) जुगाली पाकठ-(वि०) 1 पका हुआ 2 दक्ष, होशियार 3 दृढ़, मजबूत पाचक-1 सं० (वि०) पाचन की क्रिया करनेवाला II (पु०) पाकना-[ (अ० क्रि०) पकना II (स० क्रि०) पकाना | 1पकानेवाला, रसोइया 2 पाचन शक्ति बढ़ानेवाली पाकर-(पु०) बरगद की तरह का एक प्रकार का बड़ा पेड़ पाचन-I सं० (पु०) पचाने की क्रिया 2 भोजन पचानेवाली पाकागार-सं० (पु०) - पाक गृह
औषध 3 भोजन का पचाया जाना 4 भोजन बनाना II (वि०) पाकाभिमुख-सं० (वि०) जो पक रहा हो
1 भोजन पकानेवाला 2 भोजन पचानेवाला। प्रणाली पाकिस्तानी-फ़ा० I (वि०) 1 पाकिस्तान का 2 पाकिस्तान में (स्त्री०) शरीर में खाने को पचाने की शक्ति 2 हाज़मा
होनेवाला II (पु०) पाकिस्तान में रहनेवाला व्यक्ति पाचनीय-सं० (वि०) 1 जो पचाया जा सके 2 जो पकाया जा पाकीज़गी-फ़ा० (स्त्री०) 1 सफ़ाई 2 शुद्धता 3 निर्दोषता सके पाकीज़ा-फ़ा० (वि०) 1 पवित्र, शुद्ध 2 निर्दोष
पाचिका-सं० (स्त्री०) रसोई बनानेवाली स्त्री पाकेट-अं० (पु०) जेब। खर्च + फ़ा० (पु०) जेब खर्च | पाच्य-सं० (वि०) = पाचनीय
-बुक (स्त्री०) जेब किताब: मनी (स्त्री०) जेब खर्च पाछ-I (स्त्री०) 1 चीरा लगाकर रक्त आदि निकालने की क्रिया ~मार - हिं० (पु०) गिरहकट. जेबकतरा; ~मारी + हिं० 2 किया गया घाव (स्त्री०) गिरहकटी; ~वाच (पु०) जेब घड़ी पाछ-II (पु०) पिछला भाग, पीछा पाक्य-[ सं० (वि०) 1 पकाये जाने योग्य 2 पचने योग्य पाछना-(स० क्रि०) हल्का घाव करना
II (पु०) 1 काला नमक 2 साँभर नमक 3 शोरा पाजामा-फ़ा० (पु०) कमर से एड़ी तक का भाग ढकनेवाला पाक्ष-I सं० (वि०) = पाक्षिक II (पु०) = पक्ष । एक प्रकार का सिला हुआ वस्त्र जिसके ऊपरी भाग के नेफे में
पातिक (वि.) 1 पक्षपात करनेवाला, फूट डालनेवाला नारा डालकर कमर में बाँधा जाता है (जैसे-चूड़ीदार पाजामा 2 पक्षपात रूप में होनेवाला
साफ़ कर देना) पाक्षिक-[ सं० (वि०) 1 जो एक पक्ष में एक बार होता हो । पाजी-I (पु०) 1 पैदल सिपाही, प्यादा 2 पैदल चलनेवाला 2 चांद्र मास के पक्ष से संबंध रखनेवाला 3 पक्षपात व्यक्ति II (वि०) दुष्ट, लुच्चा । —पन (पु०) दुष्टता, करनेवाला. तरफ़दार II (पुल) 1 बहेलिया 2 शिकारी बदमाशी पाखंड-सं० (प.) 1 आडंबर, ढकोसला 2 वेद विरुद्ध किया | पाजेब-फ़ा० (स्त्री०) नपूर, पायल जानेवाला आचरण 3 छल, वंचना 4 मिथ्या धर्माचरण, धर्म पाटंबर-सं० (पु०) रेशमी कपड़ा. रेशमी वस्त्र का झूठा आचार व्यवहार। -फैलाना आडंबरपूर्ण थोथे पाट-(पु०) 1 रेशम 2 रेशम का बटा हुआ महीन डोरा 3 रेशम उपाय करना, ढोंग रचना
का कीड़ा 4 पटसन 5 कपड़ा, वस्त्र 6 पीढ़ा 7 पत्थर की पटिया पाखंडी-सं० (वि०) 1 ढोंगी, छली 2 वेद विरुद्ध आचरण 8 तख्ता 9 चौड़ाई का विस्तार (जैसे-यमुना नदी का पाट गंगा
करनेवाला, वेद-निंदक 3 मिथ्या धर्माचरण करनेवाला, प्रवंचक नदी से अधिक है) 10 चक्की के दोनों पल्लों में से प्रत्येक । पाख-(पु०) 1 पंद्रह दिन का समय 2 चांद्र मास का कोई पक्ष कृमि + सं० (पु०) रेशम के कीड़े पालनेवाला 3पंख, पर
पाटच्चर-सं० (वि०) चुरानेवाला पाखर-(स्त्री०) युद्ध के हाथी-घोड़ों की रक्षा हेतु पहनाई पाटन-I (पु०) चीरने-फाड़ने, तोड़ने-फोड़ने की क्रिया जानेवाली लोहे की झूल 3 ज़ीन
II (स्त्री०) 1 पाटने की क्रिया 2 पटाव 3 दीवारों को पाटकर पाखाना-फा० (पु०) 1मल, ग 2 शौचालय। -निकलना बनाई गई छत 4 मकान के ऊपर का दूसरा खंड
अत्यधिक भयभीत होना; -फिरना मल त्याग करना | पाटना-(स० क्रि०) 1 गड्ढे आदि को समतल करना 2 मकान • लगना मल त्यागने की प्रवृत्ति होना
की छत बनाना 3 भरमार करना (जैसे-सारी दुकान कपड़ों से पाग-I (स्त्री०) पगड़ी
पाट दी गई है) पाग-II (पु०) 1 चाशनी 2 चाशनी में डुबाई मई मिठाई | पाटल-I सं० (पु०) 1 गुलाब 2 पाढर का वृक्ष II (वि०) पागना-I (स० क्रि०) चाशनी में डुबाना II (अ० क्रि०) 1 गुलाब का 2 गुलाब के रंग का। ~वर्ण (वि०) गुलाबी शराबोर, होना, मग्न होना
रंग का, गुलाबी पागल-(वि०) 1 बावला, विक्षिप्त 2 मनोविकार की | पाटला-I सं० (स्त्री०) 1 पाढर वृक्ष 2 जल कुंभी