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पामर
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पारशव
पामर सं० (वि०) 1 अत्यधिक दुष्ट एवं नीच, अधम 2 पापी दिखानेवाला, पारदर्शक; ~देशिक I (वि०) दूसरे देश का, 3 नीच कुल में उत्पन्न हुआ
विदेशी II (पु०) 1 दूसरे देश का निवासी 2 यात्री; ~द्रष्टा पामरी-(स्त्री०) उपरना, दुपट्टा
(वि०) पारलौकिक बातों को भी जान सकनेवाला; पत्र पामाल-फा० (वि०) 1 तबाह, बरबाद 2 पद-दलित (पु०) विदेशों में जाने हेतु दिया जानेवाला अनुज्ञा पत्र; पायँचा-(पु०) पायजामें की टाँग
~प्रेषण दूर भेजना; ~बैंगनी +हिं० = पार नील लोहित; पायंट-1 अं० (स्रो०) = पाइंट I
~वहन (पु०) एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की पायंट-II अं० (स्त्री०) - पाइंट II
क्रिया, भाव; ~उतरना 1 नदी के उस पार जाना 2 कार्य पायँता-(पु०), पायँती (स्त्री०) 1 पैताना 2 वह दिशा जिधर समाप्त करके छुट्टी पाना 3 कार्य में सफलता प्राप्त करना पैर फैलाकर सोया जाए
4 भवबंधन से मुक्त होना; ~उतारना 1 दूसरे किनारे पुहँचाना पाँयते-(क्रि० वि०) पैताने की ओर, पैताने
(जैसे-केवट राज मुझे उस पार उतार देना) 2 उद्धार करना; पायखाना-फ़ा० (पु०) - पाख़ाना
पाना अंत का पहुँचना; ~लगाना 1 उद्धार करना 2 नदी पायजेब-फ़ा० (स्त्री०) = पाजेब
के पार पहुँचाना पायठ-(स्त्री०) = पाइट
पारखी-(पु०) परखने की योग्यता रखनेवाला व्यक्ति पायतख्त-फ़ा० (पु०) राजधानी
पारग-सं० (वि०) 1 पार जानेवाला 2 विषय का पूरा जानकार पायताना-(पु०) - पायता
3 काम पूरा करनेवाला पायताबा-फ़ा० (पु०) मोजा, पातावा
पारचा-फा० (पु०) 1 टुकड़ा, खंड 2 कपड़ा, वस्त्र 3 रेशमी पायदान-फ़ा० (पु०) - पावदान
कपड़ा 4 पोशाक, पहनावा पायदार-फ़ा० (वि०) टिकाऊ और मज़बूत
पारण-सं० (पु०) 1 पार करने की क्रिया 2 पार ले जाने की पायदारी-फा० (स्त्री०) दृढ़ता एवं मज़बूती
क्रिया 3 उपवास के बाद भोजन 4 व्रत के बाद का पहला पायन-सं० (पु०) पिलाने की क्रिया
भोजन करने की क्रिया 5 उत्तीर्ण होना। ~पत्र 1 स्थान, पायना-सं० (स्त्री) 1 सींचना 2 तर करना 3 सान धरना सभागृह आदि के भीतर एवं बाहर आने-जाने का अनुमति पत्र पायनियर-अं० (पु०) अग्रणी, अग्रदूत
2 यात्रा करने का अनुमति पत्र पायमाल-फ़ा० (वि०) . पामाल
पारणक-सं० (वि०) पारण करनेवाला पायरा-(पु०) घोड़े की ज़ीन
पारणीय-सं० (वि०) पारण के योग्य पायल-1 (स्त्री०) 1 पैर में पहनने का घुघरूदार गहना, पाजेब । पारतंत्र्य-सं० (पु०) परतंत्रता 2 नूपुर II (वि०) जन्म के समय जिसके पैर बाहर निकले पारत्रिक-सं० (वि०) पारलौकिक
पारद-सं० (पु०) पारा पायलट-अं० (पु.), पाइलट
पारदिक-सं० (वि०) पारे से संबंधित पायस-सं० (पु०) खीर
पारधि, पारधी- I (पु०) 1 बहेलिया, व्याध 2 शिकारी पाया-फा० (पु०) 1 पावा, पेर (जेस-पलंग का पाया टूट गया 3वधिक है) 2 खंभा, स्तम्भ 3 बुनियाद, नींव 4 दरजा, पद 5 घोड़ों के । पारधी-II (स्त्री०) आड़, ओट । ~पड़ना आड़ में होकर कुछ पैर का रोग। ~बुलंद होना पदोन्नति होना
देखना-सुनना आदि पायी-सं० (वि०) पीनेवाला (जैसे-स्तनपायी प्राणी हर तरह की पारना-(स० क्रि०) 1 गिराना 2 डालना 3 लेटाना 4 पछाड़ना जलवायु में रह सकते हैं)
पारमाण्विक-सं० (वि०) = परमाणु संबंधित पायेदार-फ़ा० (वि०) - पायदार
पारमारिक-सं० (वि०) 1 परमार्थ संबंधित, परमार्थ का पायोनियर-अं० (पु०) : पायनियर
(जैसे पारमार्थिक ज्ञान सबको सुलभ नहीं हो सकता) पारंगत-सं० (वि०) 1 अत्यधिक ज्ञान प्राप्त करनेवाला 2 जो | 2 परमार्थ का शुभ फल दिलानेवाला (जैसे-पारमार्थिक कृत्य पार जा चुका हो
निरा आसान नहीं है पारंगामिता-सं० (स्त्री०) पार जाने की सामर्थ्य
पारमार्थ्य-सं० (१०) 1 परमार्थ की योग्यता, परमार्थ का गण पारंपरिक-सं० (वि०) परंपरागत
2 परम सत्य पार-I सं० (पु०) 1 नदी, समुद्र आदि का दूसरी ओर का पारमिक-सं० (वि०) 1 मुख्य, प्रधान 2 उत्तम, सर्वश्रेष्ठ 3 परम किनारा 2 वस्तु आदि का दूसरा किनारा 3 वस्तु के दो किनारों में पारमिता-सं० (स्त्री०) सीमा, हद से एक 4 बात, काम आदि का छोर, सिरा (जैसे-उनकी पारमेश्वर-सं० (वि०) परमेश्वर संबंधी करतूतों का कोई आर-पार नहीं है) || (क्रि० वि०) अलग पारलौकिक-1 सं० (वि०) परलोक संबंधी, परलोक का और दूर (जैसे-मझे संकट में डालकर वो पार हो गए)। II (पु०) अंत्येष्टि क्रिया ~गत (वि०) - पारंगत; ~गमन (पु०) एक स्थान से पारवर्ग्य-सं० (वि०) अन्य वर्ग से संबंध रखनेवाला दूसरे स्थान पर जाने की क्रिया; दर्शक (वि०) 1 जिसमें से पारवश्य-सं० (पु०) = परवशता दूसरी तरफ़ की वस्तु आदि को देखा जा सके 2 पारदर्शी, पारशव-[सं० (पु०) 1 लोहा 2 ब्राह्मण पिता एवं शूद्र माता से
दर्शकता, ~दर्शिता (स्त्री०) आर पार देखने की उत्पन्न पुत्र 3 पराई स्त्री के गर्भ से उत्पन्न करके प्राप्त किया हुआ अवस्था; ~दी (वि०) 1 दृरदर्शी 2 दूसरे किनारों को । पुत्र II (वि०) लौह संबंधी