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पानी
भावना, अभिमान, पुरुषत्व (जैसे- ऐसा व्यक्ति किस काम जिसमें कुछ भी पानी न हो) 7 पदार्थ का विशेष गुण जिसके कारण वह आभायुक्त बना रहता है (जैसे- हीरे का पानी) । ~कल (स्त्री०) जलकल; तराश + फ़ा० (पु० ) जहाज़ पैदे में लगी वह लकड़ी जो पानी को चीरती हुई आगे बढ़ती है; दार + फ़ा० (वि०) 1 जिसमें आभा हो, कांतिमय (जैसे- पानीदार हीरा अब नहीं मिलता) 2 पानी चढ़ाया हुआ (जैसे- पानीदार तलवार की धार बहुत तेज़ है) 3 मान-प्रतिष्ठावाला, स्वाभिमानी (जैसे-पानीदार आदमी की सभी क़द्र करते हैं); ~देवा I (वि०) तर्पण, श्राद्ध आदि करनेवाला II (पु० ) 1 पुत्र 2 अपने कुल का व्यक्ति; ~फल + सं० (पु०) सिंघाड़ा; रोक (वि०) जो पानी को इधर-उधर न जाने दे। उठाना 1 पानी सोखना 2 पानी अटाना; उतरना 1 पानी घटना 2 आब कम होना; ~करना सहज कर डालना; काटना 1 बाँध काटना 2 मेड़ काटना 3 डाँड़ से पानी चीरना; का बताशा, का बुलबुला जो तुरंत नष्ट हो जाए वह पदार्थ, क्षण भंगुर पदार्थ; ~के मोल बहुत सस्ता; चढ़ाना चमक लाना; छानना चेचक की बीमारी में पानी छानने का एक कृत्य; छूना आबदस्त लेना; जाना अपमानित होना; दिखाना चौपायों को पानी पिलाना; देना 1 तर्पण करना 2 सींचना; ~न माँगना तत्काल मर जाना; -न रह जाना इज़्ज़त खाक
में मिल जाना; ~ निकलना वर्षा बंद होना; पड़ना वर्षा होना पड़ा जिसमें कसावट न हो, ढीलाढाला; पर नींव डालना कार्य, आयोजन आदि का स्थिर न होना, स्थायित्व का अभाव होना; पर लकीर खींचना बेकार काम करना; यानी करना 1 अत्यधिक लज्जित करना, लजवाना 2 क्रोध शांत करना; पानी होना बहुत लज्जित होना, झेंपना; ~पीकर जाति पूछना काम करने के बाद उसके औचित्य पर विचार करना; पी पीकर कोसना बहुत देर तक कोसना; ~फिरना चौपट होना, बरबाद होना; फेरना, फेर देना चौपट कर देना; बचाना, रखना मर्यादा की रक्षा करना; ~बाँधना बाँध आदि के द्वारा पानी को रोक रखना; भरना 1 अत्यधिक तुच्छ सिद्ध होना 2 फीका पड़ना; भरी खाल क्षणभंगुर शरीर; मरना 1 बेइज्ज़ती होना 2 पानी जज्ब होना; मारना दोषी ठहराना में आग लगाना 1 असंभव कार्य कर डालना 2 जहाँ लड़ाई-झगड़े की संभावना न हो वहाँ भी झगड़ा करवा देना; में फेंकना, में बहाना नष्ट कर देना, बरबाद कर देना; लगना 1 पानी जम जाना 2 पानी से दाँतों में टीस होना; ~लेना बेइज़्ज़त करना; से पतला 1 अति तुच्छ 2 बदनाम 3 आसान से पहले पुल बाँधना अनागत विपत्ति का पहले से ही प्रतिकार करने लगना, अनिष्ट संभावना न होने पर भी आशंकावश सुरक्षा का उपाय करना; ~ से पहले मोजा उतारना = पानी से पहले पुल बाँधना होना 1 धातु आदि का तरल अवस्था में परिणत होना; 2 क्रोध शांत होना
पानीपत – (पु० ) 1 दिल्ली से उत्तर की ओर स्थित एक नगर
2 दिल्ली के उत्तर ओर स्थित नगर के समीप का एक प्रसिद्ध क्षेत्र जहाँ अनेक बड़े-बड़े युद्ध हो चुके हैं। पानीय - I सं० (वि०) जो पीने योग्य हो II (पु०) पीने के
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पाम आयल
काम आनेवाला पदार्थ
पाप - I सं० (पु० ) 1 धर्म एवं नीति विरुद्ध किया जानेवाला आचरण, गुनाह (जैसे-गो हत्या जघन्य पाप है) 2 अपराध, क़सूर (जैसे- भगवान् मुझे किस पाप की सज़ा देते हो) 3 अनिष्ट, अहित 4 बुरी बुद्धि (जैसे- किसी पर कुदृष्टि डालना पाप को जन्म देता है) II (वि०) 1 पाप करनेवाला, पापी (जैसे- न जाने कहाँ से घर में पाप ने जन्म ले लिया) 2 दुराचारी 3 दुष्ट, पाजी 4 कमीना, नीच कर्म I ( पु० ) बुरा एवं निंदनीय कार्य II (वि०) पापी; कर्मी (वि०) पाप करनेवाला, पापी ग्रह (पु० ) कष्ट एवं दुःख देनेवाले अशुभ ग्रह; दर्शी (वि०) बुरी निगाहवाला; दृष्टि I (वि०) 1 अशुभ दृष्टिवाला 2 पाप दृष्टि से देखनेवाला II (स्त्री०) 1 पाप पूर्ण दृष्टि 2 कुदृष्टि नाशी (वि०) पाप नाश करनेवाला बुद्धि (वि०) जो सदा पाप कर्म में रत हो; -मति (वि०) सदा पापाचार करनेवाला, पोपचेता; ~मोचन (पु० ) पाप को नष्ट करना; रहित (वि०) जो पाप से दूर हो, जिसने कोई पाप न किया हो; ~लोक (पु०) 1 नरक 2 जहाँ पापकर्मों की अधिकता हो; वासना (स्त्री०) पाप करने की भावना; विनाशन (वि० ) पापमोचन ~ शील (वि०) पाप में लिप्त शोधन (पु० ) पापनिवारण; उदय होना दुर्दशा के दिन आना; कटना पाप का अंत होना; -काटना पाप को नाश करना; की गठरी जन्म भर के सब पाप; बटोरना पापमय कार्य करना, दुष्कर्म करना; ~ मोल लेना जान-बूझकर बखेड़े आदि में पड़ना; - लगना पाप का भागी होना पापन-सं० (वि०) पाप का नाश करनेवाला
पापड़ - I (पु०) आलू, उर्द की दाल आदि को उबालकर एवं पीसकर बनाई गई मसालेदार पतली चपाती जिसे तलकर, भूनकर खाया जाता है II (वि०) 1 पापड़ की तरह पतला 2 पापड़ की तरह सूखा एवं भुरभुरा पापमय-सं० पापयुक्त
पापा- (पु० ) जौ, बाजरे आदि में लगनेवाला एक तरह का बरसाती कीड़ा
पापा- फ़ा० (पु०) बाप, पिता पापाचार - I
सं० (वि०) पापपूर्ण आचरण करनेवाला; पापी II (पु०) पापपूर्ण आचरण पापाचारी-सं० (वि०) पापकर्म करनेवाला पापात्मा-सं० (वि०) घोर पापी, बहुत बड़ा पापी पापिष्ठ-सं० (वि०) 1 सबसे बड़ा पापी 2 अति पापी, अत्यंत
पापमय
पापी - I सं० (वि०) 1 पाप में रत रहनेवाला, पापानुरक्त,
पातकी 2 निर्मोही, निर्दय II ( पु० ) पाप करनेवाला व्यक्ति पापोश - फ़ा० (स्त्री०) जूता उपानह
पाबंद - फ़ा० (वि०) 1 बंधन में पड़ा हुआ 2 नियम, वचन आदि का पालन करनेवाला (जैसे वह समय का बहुत पाबंद है) 3 जिसके पैर बँधे हुए हों II (पु० ) नौकर
सेवक
पाबंदी - फ़ा० (स्त्री) 1 पाबंद होने की अवस्था, बद्धता 2 नियम, सिद्धांत आदि को पालने की ज़िम्मेदारी पाम आयल-अं० (पु० ) गरी का तेल