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पसिंजर
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पहलौठी 1 आराम के लिए लेटना 2 शक्ति के अनुसार कार्य करना; 3सावधान करनेवाली पहरेदार की आवाज़ (जैसे-कल रात में हाथ पसारना दीनता पूर्वक माँगना
पहरा नहीं सुनाई पड़ा)। देना रखवाली करना, निगरानी पसिंजर-अं० (पु०) यात्री। ~गाड़ी + हिं० (स्त्री०), ~ट्रेन करना; ~पड़ना पहरा दिया जाना; ~बदलना निश्चित समय (स्त्री०) सवारी गाड़ी
समाप्त होने पर दूसरे पहरेदार का आना; ~बैठाना पहरेदार पसीजना-(अ० क्रि०) 1 अति ताप के प्रभाव से जलकणों का नियुक्त करना; पहरे में रखना हिरासत में रखना; पहरे में निकलना 2 दया भाव उमड़ना, करुणार्द्र होना।
होना हिरासत में रखा जाना पसीना-(पु०) 1 गरमी लगने से शरीर से निकलनेवाले जल | पहरा-II (पु०) विशेष व्यक्ति के अस्तित्व, आगमन, सत्ता बिंद, स्वेद 2 अधिक श्रम करने से उत्पन्न जल कण, श्रम आदि का समय, पौरा जल। छूटना अत्यधिक परेशान होना, घबरा जाना; पहराना-(स० क्रि०) बो० = पहनाना पसीने-पसीने होना पसीने से तर होना
पहरावनी-(स्त्री०) 1 पहनावा 2 शुभ अवसर पर छोटों को दिए पसूज-(स्त्री०) सीधे टाँके
जानेवाले कपड़े पसूजना-(स० क्रि०) टाँके लगाना
पहरावा-बो० (पु०) = पहनावा पसेरी-(स्त्री०) 1 पाँच सेर का बाट, पंसेरी 2 पाँच सेर की तौल | पहरी-(पु०) पहरा देनेवाला व्यक्ति, पहरेदार (जैसे-दस पसेरी दाल लेते आना)
पहरुआ-बो० (पु०), पहरू बो० (पु०) - पहरी, प्रहरी पसेव-(पु०) 1 कच्ची अफीम को सुखाने से प्राप्त तरल पदार्थ पहरेदार-हिं० + फ़ा० (पु०) 1 चौक़ीदार 2 रक्षक (जैसे-देश 2 जलांश, पसीना
__ की सीमा के पहरेदार) पसोपेश-फ़ा (पु०) सोच-विचार, असमंजस (जैसे-अधिक | पहरेदारी-हिं० + फ़ा० (स्त्री०) 1 चौकीदारी 2 चौकीदार का पसोपेश में पड़कर काम बिगड़ गया)
पद पस्त-फा० (वि०) 1 थका हुआ 2 हारा हुआ 3 दबा हुआ, पहल-I (पु०) 1 कोरों के बीच का तल, पार्श्व 2 पहल, बगल झुका हुआ। क़द + अ० (वि०) ठिंगना, नाटा; हिम्मत । 3 मोटी तह, परत। दार + फ़ा० (वि०) पहलोंवाला + अ० (वि०) हारा हुआ, हतोत्साह; -हिम्मती | पहल-II (स्त्री०) नए कार्य का पहली बार होनेवाला आरंभ। + अ + फ़ा० (स्त्री०) कम हिम्मती
क़दमी + अ० + फ़ा० (स्त्री०) पहल, आरंभ पस्ती-फा० (स्त्री०) पस्त होने की अवस्था
पहलवान-I फ़ा० (पु०) 1 वह व्यक्ति जो कुश्ती लड़ना पहँसुल-(पु०) हँसिया के आकार का छोटा उपकरण सिखाए 2 मोटा-ताज़ा, हट्टा-कट्टा || (वि०) अत्यधिक पहवनवाना-(स० क्रि०) 1 पहचानने का काम कराना बलवान् और मोटा-ताज़ा पहचान-(स्त्री०) पहचानने की क्रिया 2 वस्तु के गुण-दोष, स्वाद | पहलवानी-I फ़ा० (वि०) 1 पहलवानों से संबंध रखनेवाला
आदि को जानने की शक्ति (जैसे-फल, वस्त्र, अनाज आदि 2 पहलवानों की तरह का II (स्त्री०) 1 पहलवान होने की की पहचान करना आसान नहीं है)
अवस्था 2 पहलवान का पेशा पहचानना-(स० क्रि०) 1 पूर्व परिचित वस्तु, व्यक्ति आदि को | पहला-(वि०) 1 समयानुसार जो आदि में हो (जैसे-राम देखते ही जान लेना
दशरथ की पहली संतान थे) 2 प्रारंभिक अंशवाला पहनना-(स० क्रि०) शरीर पर वस्त्र गहने आदि धारण करना (जैसे-पुस्तक का पहला अध्याय पढ़ो) 3 जो सबसे आगे बढ़
(जैसे-शादी में कीमती पोशाक पहनना भी एक शान है) गया हो (जैसे-उसने दौड़ में पहला स्थान पाया) 4 वर्तमान से पहनवाना-(स० क्रि०) 1 पहनाने में प्रवृत्त करना । पूर्व का, विगत (जैसे-अब पहला ज़माना कहाँ रहा) (जैसे-मालकिन ने नौकर से बच्चे को कपड़े पहनवाने को | पहलू-फ़ा० (पु०) 1 पार्श्व, बगल 2 करवट, बल कहा) 2 पहनने के लिए विवश करना
(जैसे-लेटने पर भी किसी पहलू आराम नहीं मिलता) पहनाई-(स्त्री०) 1 पहनने का ढंग 2 पहनने-पहनाने का 3 गुण-दोष की दृष्टि से कोई पक्ष (जैसे-युद्ध के सभी पहलुओं पारिश्रमिक
पर विचार करना) 4 समतल पृष्ठ, पहल (जैसे-इसका एक भी पहनाना-(स० क्रि०) धारण कराना (जैसे-आपको अंगूठी पहलू चौकोर नहीं है)। दार (वि०) जिसके कई पहलू पहनानी पड़ेगी)
हों। गरम करना शरीर से सटकर बैठना; ~गरम पहनाव, पहनावा-(पु०) 1 पोशाक 2 विशेष प्रकार का वेश कराना शरीर से सटाकर बैठाना; ~दबाना 1 आक्रांत कर 3 पहनने का विशेष वस्त्र
देना 2 पीछे हटाना; बचाना बगल से निकल जाना; पहपट-(पु०) 1 शोरगुल, हल्ला 2 निंदात्मक चर्चा, बदनामी। बसाना पड़ोस में जाकर रहना; ~में बैठना सटकर
बाज़ + फ़ा० (वि०/पु०) 1 शोरगुल मचानेवाला बैठना; ~में रहना बहुत करीब रहना। 2 छलिया, धोखेबाज़ 3 निंदा करनेवाला
पहले-(क्रि० वि०) 1 शुरू में, सर्वप्रथम 2 आगे, पूर्व पहर-(पु०) 1 समय 2 तीन घंटे का समय। -रात (स्त्री०) (जैसे-मकान के पहले शिव जी का मंदिर है) 3 पूर्व काल में रात के तीन घंटे का समय
(जैसे-पहले जैसा खान-पान अब नहीं रह गया)। ~पहल पहरना-(स० क्रि०) बो० = पहनना
(अ०) 1 सबसे पहले 2 जीवन में पहली बार (जैसे-मैंने पहरा-I (पु०) 1 आदमी, वस्तु आदि की सुरक्षा हेतु किसी पहले-पहल कुतुब मीनार देखा था) व्यक्ति को नियुक्त करने की स्थिति 2 रक्षक का रक्षा कार्य में | पहलौठा-(वि०) जो सबसे पहले जन्मा हो, प्रथम प्रसव लगा हुआ समय (जैसे-पहरे में यहाँ कौन आया था) | पहलौठी-(स्त्री०) बच्चा जनने की पहली क्रिया