________________
पलान
पलस्तर किया गया है)। कारी + फ़ा० (स्त्री०) पलस्तर करने की क्रिया; ढीला करना पस्त करना; ढीला होना 1 शिथिल होना 2 पस्त होना; बिगड़ना जर्जर होना
पलान- ( पु० ) काठी, ज़ीन
पलानी - ( स्त्री०) छप्पर
पलायक -सं० (वि० / पु० ) 1 भागनेवाला, भगोड़ा 2 भागा
हुआ
पलायन -सं० (पु० ) भागना, अन्यत्र चले जाना। वाद (पु० ) सृष्टि की सभी वस्तुएँ एवं बातें अपने प्रस्तुत रूप से विरक्त होकर नवीनता की ओर प्रवृत्त होती हैं ऐसा सिद्धांत; ~वादी (वि०) 1 पलायनवाद संबंधी 2 पलायनवाद के. माननेवाला; ~ वेग (पु०) वस्तु का पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति की पकड़ से छूटकर अन्य आकाशीय पिंड की गुरुत्वीय आकर्षण की पकड़ में आ जाना
489
पलायमान् -सं० (वि०) भागता हुआ
पलायित-सं० (वि०) भागा हुआ पलाल - सं० ( पु० ) 1 धान का सूखा डंठल 2 पौधे का सूखा डंठल
पलाव -सं० ( पु० ) मछली फँसानेवाली बंसी, कटिया, काँटा पलाश - सं० (पु०) 1 पलास, टेसू 2 पलास का फूल पलाशी - I सं० (वि०) पत्तों से युक्त II (स्त्री०) लाख पलास - (पु० ) = पलाश पलिघ-सं० (पु०) काँच का घड़ा
पलित - I सं० (वि०) 1 वृद्ध, बुड़ढा 2 पका हुआ, सफ़ेद II (पु० ) 1 सिर के बालों का सफ़ेद होना 2 असमय बाल पकने का एक रोग
पलिहर - (पु० ) चैती फ़सल की बोआई हेतु परती छोड़ा गया
खेत
पली - (स्त्री०) 1 तेल नापने की छोटी एवं गहरी कटोरी 2 तेल की कटोरी में भरे हुए तेल की मात्रा । पली जोड़ना थोड़ा-थोड़ा करके संगृहीत करना
पलीता - अ० (पु० ) 1 चिराग़ की बत्ती 2 बत्ती के आकार का बारूद लगा छोटा डोरा । ~लगाना ऐसी बात कहना जिससे झगड़ा शुरू हो जाए पलीती-अ० + हिं० (स्त्री०) छोटा पलीता पलीद - 1 फ़ा० (वि०) 1 अपवित्र, गंदा नापाक 2 दुष्ट, नीच 3 घृणित विचार एवं आचरणवाला II ( पु० ) पलुआ - I बो० (पु०) सन की जाति का पौधा पाला हुआ पलेट-अं० (स्त्री०) 1 तश्तरी 2 पट्टी 3 कमीज़ आदि में कड़ापन लाने के लिए लगाई जानेवाली कपड़े की पट्टी पलेथन - (पु०) सूखा आटा जिसे रोटी बेलने के पहले चौके पर बिखेरते हैं, परथन
भूत, प्रेत II (वि०)
पलेनर-अं० (पु० ) काठ का चौड़ा एवं चिपटा टुकड़ा पलोटना-I (अ० क्रि०) लोट-पोट करना पलोटना - II (स० क्रि० ) पैर दबाना
=
पल्प - अं० (पु० ) लुग़दी
पल्लड़ - ( पु० ) झुंड, समूह
पल्लव - सं० (पु० ) नया एवं कोमल पत्ता । ग्राही (वि०) जिसमें पल्लव लगे हों, पल्लव युक्त
पशमीना
पल्लवक -सं० ( पु० )
नया हरा पत्ता
पल्लवन - सं० (पु० ) 1 विकास करना 2 बढ़ाना, लंबा चौड़ा
हुआ
पल्लविक-सं० (वि०) = पल्लवक
पल्लवित-सं० (वि०) 1 जिसमें पल्लव लगे हों 2 विकसित (जैसे- उनका हृदय चमन पुष्पित- पल्लवित होता रहा) 3 हरा-भरा एवं लहराता हुआ पल्लवी - 1 सं० (वि०) नए पत्तों से युक्त II (पु० ) वृक्ष, पेड़
पल्ला - I (पु० ) किवाड़ (जैसे-दरवाज़े का पल्ला ) पल्ला-II (पु०) 1 तराजू के दोनों पलड़ों में से प्रत्येक 2 तराजू 3 दो प्रतियोगी पक्षों में से प्रत्येक झुकना किसी पक्ष का अधिक ताकतवर होना; ~दबना विवश होना; भारी होना = पल्ला झुकना
पल्ला - III (पु० ) कैंची के दो भागों में से एक भाग पल्ला - IV (पु० ) 1 आँचल, छोर 2 ओढ़नी 3 चादर । ~ करना घूँघट करना; छुड़ाना बंधन से निकलना;
पकड़ना साथ होना, साथ करना; पसारना अनुग्रह करना; पल्ले बाँधना 1 सौंपना 2 ब्याहना पल्ली -सं० (स्त्री०) 1 छोटा गाँव, पुरवा 2 कुटी, झोपड़ी पल्लू - (पु० ) = पल्ला IV
पल्लेदार - I हिं० + फ़ा० (वि०) जिसमें पल्ले लगे हों II (पु० ) 1 अनाज तौलने का काम करनेवाला 2 अनाज ढोनेवाला मज़दूर पल्लेदारी - हिं०
फ़ा० (स्त्री०) : पल्लेदार का काम 2 पल्लेदार की मज़दूरी
पवन - सं० ( पु० ) हवा, वायु । चक्की + हिं० (स्त्री०) पवन के वेग से चलनेवाली चक्की; चक्र (पु०) चक्रवात, बवंडर
पवर्ग-सं० ( पु० ) व्या० प, फ, ब, भ, म इन पाँच अक्षरों की सामूहिक संज्ञा
पवारना - (स० क्रि०)
पँवारना
S
पँवाड़ा
पवाई - (स्त्री०) 1 जूतों की जोड़ी का प्रत्येक जूता 2 चक्की के दो पाटों में प्रत्येक पाट पवाड़ा - ( पु० ) पवित्र - I सं० (वि०) 1 निर्मल, स्वच्छ 2 निश्छल (जैसे- वह पवित्र हृदय का व्यक्ति है) II ( पु० ) शुद्ध करनेवाली वस्तु । -ता (स्त्री०) 1 निर्मलता 2. निश्छलता; हृदय (वि०) शुद्ध हृदयवाला
पवित्रात्मा - सं० (वि० ) शुद्ध हृदयवाला पवित्रित-सं० (वि० ) शुद्ध किया हुआ पवित्रीकरण-सं० (पु० ) पवित्र बनाना पशम-फ़ा० (पु० ) 1 पुरुष-स्त्रियों के जननेंद्रिय पर के बाल 2 उम्दा और नरम ऊन। उखाड़ना 1 कुछ भी नुक़सान न पहुंचा सकना 2 व्यर्थ समय नष्ट करना; तक न उखड़ना कुछ भी काम न हो सकना पर मारना, समझना बिल्कुल तुच्छ समझना पशमी-फ़ा० (वि०) पशम का
पशमीना - फ़ा० (पु० ) ऊन का बना हुआ कपड़ा, ऊन का मुलायम कपड़ा