________________
पंचाग्नि
463
पंप
अवार्ड
पंचाग्रि-सं० (वि०) पाँच प्रकार की अग्नियों का आधान पंजीकरण हआ हो; बंधन (पु०) = पंजीकरण; ल्बद्ध करनेवाला
(वि०) = पंजीकृत पंचाट-(पु०) 1 पंचों द्वारा किया गया निर्णय 2 परिनिर्णय, |पंजीयक-सं० (पु०) 1 पंजी पर विवरण आदि लिखनेवाला
2 अभिलेख सुरक्षित रखनेवाला प्रधान अधिकारी पंचानन सं० (पु०) पाँच मुखवाला, शिव
पंजीयन-सं० (पु०) = पंजीकरण पंचानवे-I (वि०) नब्बे से पाँच अधिक II (पु०) 95 की | पंजीयित-सं० (वि०) = पंजीकृत संख्या
पंजेरा-(पु०) 1 बरतन झालने का काम करने वाला 2 बरतन में पंचामृत-सं० (पु०) दूध, दही, चीनी, मधु, घी के मिश्रण से
जोड़ लगानेवाला बना घोल
पंड-I सं० (वि०) फल रहित, निष्फल II (पु०) नसक, पंचायत-(स्त्री०) पंचों की सभा (जैसे-पंचायत घर, पंचायत ___ हिजड़ा III (स्त्री०) बड़ी और भारी गठरी बुलाना)। ~अदालत अ० (स्त्री०) पंचसभा की कचहरी; | पैड़वा-(पु०) भैंस का बच्चा, पड़वा
मामा + फ़ा० (पु०) पंच निर्णय; बोर्ड + अं० (पु०) | पंडा-(पु०) 1 तीर्थ यात्रियों को मंदिर आदि का दर्शन . - पंचायत; राज +सं० पंचों द्वारा शासन प्रबंध करानेवाला तथा उनसे प्राप्त धन में अपनी जीविका पंचायती-(वि०) 1 पंचायत संबंधी, पंचायत का 2 पंचायत | चलानेवाला ब्राह्मण द्वारा दिया गया (जैसे-पंचायती निर्णय, पंचायती हुकुम) | पंडाल-(पु०) बहुत बड़ा मंडप (जैसे-सभी दर्शक पंडाल में 3 जिसपर पंचायत का नियंत्रण हो
बैठने का कष्ट करें) पंचाल-सं० (पु०) 1 हिमालय एवं चंबल के मध्य गंगा के | पंडित-I सं० (वि०) निपुण, कुशल II (पु०) 1विद्वान
दोनों और स्थित एक पुराना राज्य 2 पंचाल देश का निवासी | 2 शास्त्रज्ञ विद्वान 3 ब्राह्मण पंचालिका, पंचाली-I सं० (वि०) पंचाल देश का रहनेवाला पंडिता-सं० (स्त्री०/वि०) विदुषी II (स्त्री०) द्रौपदी
पंडिताइन-सं० + हिं० बो० (स्त्री०) - पंडितानी पंचाश-सं० (वि०) पचासवाँ
पंडिताई-सं० + हिं० (स्त्री०) पांडिल्य, विद्वत्ता। -छाँटना पंचाशत्-सं० (वि०) पचास
1 अनावश्यक रूप से असमय अपनी विद्वता का बखान करना पंचाशिका-सं० (स्त्री०) पचास श्लोकों का संग्रह
2 पंडितों की वृत्ति पंचेंद्रिय-सं० (स्त्री०) 1 पाँच ज्ञानेंद्रियाँ 2 पाँच कर्मेद्रियां | पंडिताऊ-सं० + हिं० (वि०) 1 पंडितों जैसा 2 विद्वतापूर्ण पंछा-(पु०) 1 फुसी के फूटने पर निकलनेवाला सफ़ेद स्राव | 3 आडंबरपूर्ण। ~पन (पु०) - पंडिताई 2 पौधों एवं वृक्षों आदि से निकलनेवाला पानी की तरह का पंडितानी-सं० + हिं० (स्त्री०) 1 पंडित की स्त्री 2 ब्राह्मणी स्राव
पंडु-सं० (वि०) 1 पीलापन लिए हए मटमैला 2 पीला 3 सफ़ेद पंछाला-(पु०) 1 फफोला, छाला 2 = पंछा
पंडुक-सं० (पु०) फाख्ता पक्षी पंछी-(पु०) चिड़िया, पक्षी (जैसे-पंछी का घोंसला) पंडुर-सं० (पु०) पानी में रहनेवाला साँप, जलसर्प पंजक-सं० (पु०) 1 पंजे का निशान 2 हाथ के पंजों की छाप पंडुलम-अं० (पु०) लोलक पंजर-सं० (पु०) 1 हड्डियों का ढाँचा 2 पसली 3 दह, शरीर। | पंडोह-(पु०) बो० पनाला, नाबदान
पंजर ढीला होना शरीर का सही ढंग से कार्य न करना | पैंतीजना-(स० क्रि०) बो० रूई ओटना पंजा-फा० (पु०) 1 पाँच उँगलियों सहित हथेली का अगला | पंथ-(पु०) 1 मार्ग, रास्ता 2 रीति, ढंग 3 धर्म, सम्प्रदाय भाग ? पैर की पाँच उँगलियों सहित पैर का अगला भाग (जैसे-खालसा पंथ, नानक पंथ)। ~वाद + सं० (पु०) (जैसे-पंजा से मारना, पंजा में काँटा चुभना) 3 एक ही प्रकार किसी सम्प्रदाय, धर्म आदि का सिद्धांत; ~~वादी + सं० की पाँच वस्तुओं का समूह (जैसे-चार पंजे आम) । (वि०) पंथवाद को माननेवाला; --गहना रास्ता पकड़ना; ~मोड़ना पंजे की लड़ाई में प्रतिद्वंद्वी को हराना; -फ़ैलाना ।
जोहना, देखना, निहारना रास्ता देखना, प्रतीक्षा अधिकार में करने की चेष्टा करना; ~मारना झपट्टा मारना; करना
लड़ाना बल परीक्षा करना; पंजे से छूटना अधिकार से पंथी-I (पु०) 1 पथिक, राही 2 सम्प्रदाय का अनुयायी बाहर हो जाना; पंजों पर चलना इतराना
(जैसे-कबीर पंथी) || (स्त्री०) पंथ होने की अवस्था पंजाबी-[ सं० 1 पंजाब का 2 पंजाब में रहनेवाला || (१०) पंद-फ़ा० (स्त्री०) 1सदुपदेश, नसीहत 2 परामर्श, पंजाब का नागरिक (स्त्री० पंजाबिन) III (स्त्री०) पंजाब राय-मशविरा प्रदेश की भाषा जो गुरुमुखी में लिखी जाती है पंद्रह-I (वि०) जो दस से पाँच अधिक हो || (प०) पंद्रह की पंजारा-(पु०) = पिंजारा
संख्या पंजिका-सं० (स्त्री०) 1 हिसाब-किताब लिखने की पुस्तिका - पंद्रहियों-अ० 1 लगभग पंद्रह दिनों का समय 2 लगभग पंद्रह 2 टीका जिसमें प्रत्येक, शब्द का अर्थ स्पष्ट लिखा गया हो दिनों से अधिक का समय ~कार (पु०) पंजिका लिखनेवाला क्लर्क
पंप-अं० (पु०) 1 पानी का नल जो पानी ऊपर खींचने का काम पंजी-सं० (स्त्री०) बही, रजिस्टर ~करण (पु०) 1 हिसाब करता है 2 साइकिल आदि के ट्यूब में हवा भरनेवाला आदि का पंजी में लिखा जाना 2 नाम सूची में नाम लिखा जाना उपकरण 3 एक तरह का रबर का जूता। हाउस (पु०) कार (पु०) = पंजिककार; ~कृत (वि०) जिसका। पंपघर