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पत्नी
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पथरीला
बहुत कड़ी बात कहना, दो टूक जवाब देना
पत्रांक-सं० (पु०) पत्र का अंक पत्नी-सं० (स्त्री०) भार्या, जोरू, परिणीता स्त्री। व्रत (पु०) पत्रा-(पु०) 1 तिथि पत्र 2 पन्ना, पृष्ठ 3 पंचांग
केवल अपनी परिणीता के संग संबंध बनाए रखनेवाला व्यक्ति पत्राचार-(पु०) लिखा-पढ़ी, पत्र-व्यवहार। - पाठ्यक्रम पत्नीत्व-सं० (पु०) पत्नी होने की अवस्था
(पु०) पत्र-व्यवहार द्वारा पढ़ाई; विद्यालय (पु०) पत्र पत्य-सं० (पु०) पति होने की अवस्था
व्यवहार द्वारा पढ़ाई कराने का स्कूल पत्र-सं० (पु०) 1 चिट्ठी, खत 2 पत्ता 3 ऐसा काग़ज़ जिसपर पत्रालय-सं० (पु०) डाकखाना, डाकघर कोई बात लिखी हो, कोई बात छपी हो ऐसा काराज़ 4 वह धातु पत्रालायिक-सं० (वि०) डाकघर का (जैसे-तुम्हें पत्रालायिक पट जिस पर प्रमाण स्वरूप कुछ खुदा हो, लिखा हो (जैसे-दान __ आदेश लेकर अधिकारी के पास जाना है) पत्र, प्रतिज्ञा पत्र) 5 अखबार, समाचार पत्र 6 पुस्तक आदि का पत्रालयित-सं० (वि.) 1 पत्रालय में छोड़ा हआ 2 पत्रपेटिका पन्ना (जैसे-स्वर्ण-पत्र); ~कार (पु०) समाचार पत्र का __ में डाला हुआ संपादक; ~कार-कला (स्त्री०) पत्रकारिता; चलार्थ | पत्रालाप-सं० (पु०) = पत्र व्यवहार (पु०) काग़ज़ी मुद्रा; चाप + हिं० (पु०) लकड़ी, पत्थर पत्राली-सं० (स्त्री०) 1 पत्रों की श्रृंखला 2 एक ही आकार में आदि का टुकड़ा जिससे काग़ज़ दबाया जाता है कि वह उड़ न | कटे हुए कोरे काग़ज़ की गड्डी, पैड सके; जात (पु०) आवश्यक काग़ज़-पत्तर; ~पंजी आने | पत्रावली-सं० (स्त्री०) 1 पत्तों की पंक्ति 2 पत्र-भंग एवं जानेवाले पत्रों की संख्या आदि लिखे जानेवाला रजिस्टर; | पत्रिका-सं० (स्त्री०) नियमित रूप से निकलनेवाली पुस्तिका ~पाल (पु०) डाकपाल; -पुष्प (पु०) फूल पत्ता; | पत्री-[ सं० (स्त्री०) 1 चिट्ठी, खत 2 जन्म पत्री 3 लग्न पत्री
पेटिका (स्त्री०), पत्र पेटी + हैं। (स्त्री०) 1 पत्र डालने पत्री-II सं० (वि०) जो पत्तों से युक्त हो, पत्रयुक्त के लिए डाक विभाग द्वारा विभिन्न जगहों पर लगाया गया लाल पत्रोत्तर-सं० (पु०) चिट्ठी का जवाब रंग का बड़ा डिब्बा 2 पत्र रखने का संदूक 3 घरों के मुख्य पथ-सं० (पु०) 1 रास्ता, मार्ग, राह (जैसे-संकटपूर्ण पथ पर प्रवेश द्वार पर लगा लकड़ी, लोहे का बना छोटा डिब्बा जिसमें चलना साहसी व्यक्तियों का कार्य है) 2 व्यवहार की पद्धति डाकिया व्यक्ति विशेष का पत्र डाल जाता है; -प्रतिनिधि (जैसे-विद्वान् कभी अपने पथ से भ्रष्ट नहीं हो सकता) 3 द्वार, (पु०) प्रेस की ओर से नियुक्त प्रतिनिधि; सम्मेलन (पु०) साधन जिससे आगे बढ़ा जाता हो (जैसे-दृष्टिपथ, निर्दिष्ट = पत्रकार सम्मेलन; -प्रेषक (पु०) पत्र भेजनेवाला व्यक्ति; । पथ)। कर (पु०) = मार्ग कर; ~गामी (पु०) मार्ग पर ~भंग (पु०) चंदन, कस्तूरी, केसर आदि से कपोल, स्तन चलनेवाला; ~दर्शक (पु०) रास्ता दिखानेवाला, मार्ग आदि की शोभा बढ़ाने के लिए बनाए जानेवाले फूल-पत्तियों दर्शक; -नियम (पु०) सड़क पर आवागमन के नियम; आदि के आकार का चिह्न; ~मंजूषा (स्त्री०) = पत्र पेटी; निर्देशक (वि०) रास्ता बतानेवाला, मार्ग दर्शक;
मित्र (पु०) पत्र-व्यवहार के द्वारा बनाए गए मित्र; ~प्रदर्शक (पु०) - पथदर्शक; ~प्रदर्शक पुस्तक ~वाहक (पु०) 1 पत्र ले जानेवाला व्यक्ति 2 डाकिया; (स्त्री०) वह पुस्तक जिसमें नगर, क्षेत्र आदि के महत्वपूर्ण
व्यवहार (पु०) पत्राचार (जैसे-फार्म पर पत्र-व्यवहार का स्थलों पर पहुँचने के लिए मार्ग आदि का विवरण दिया गया पता अवश्य लिखा होना चाहिए); ~व्यवहार-लिपिक हो; ~प्रदर्शन (पु०) मार्ग दिखाना (जैसे-मंदिर में (पु०) वह सरकारी एवं गैर सरकारी कर्मचारी जो पत्र-व्यवहार शिव-गुफा का पथ-प्रदर्शन कौन करेगा); -प्रदर्शनी, करता है; ~व्यवहार स्कूल + अं० (पु०) ऐसा विद्यालय ~प्रदर्शिका (स्त्री०) - पथ प्रदर्शक पुस्तक; ~भ्रष्ट जहाँ पत्राचार के माध्यम से पढ़ाई होती है; ~शैली (स्त्री०) (वि०) जो अपने उचित मार्ग, व्यवहार आदि के प्रतिकूल हो पत्रकारिता की शैली; ~संपादक (पु.) 1 भेजे गए समाचार गया हो; संशोधन (पु०) रास्ते का सुधार करना को समाचार पत्रों में संपादित करनेवाला 2 दैनिक पत्रों क पथक-सं० (वि०) मार्ग बतलानेवाला, पथ-प्रदर्शक संपादन एवं संचालन कर्ता; सूचना विभाग (पु०) ऐस पथरकला-(पु०) = पत्थर कला विभाग जो पत्रों के आवागमन का विवरण रखता है; सूची पथरना-(स० क्रि०) बो० पत्थर पर रगड़कर तेज़ करना
(स्त्री०) 1 आने-जाने वाले पत्रों की सूची 2 काँटा, कंटक पथराना-(अ० क्रि०) 1 पत्थर जैसा कड़ा हो जाना, पत्थर की पत्रक-[ सं० (पु०) 1 पत्ता 2 पत्तियों की श्रृंखला, पत्रावल तरह कठोर एवं ठोस होना 2 शुष्क हो जाना 3 स्तब्ध एवं स्थिर 3 स्मृति पत्र II (वि०) 1 पत्र संबंधी 2 पत्र के रूप में हो जाना (जैसे-मरणासन्न अवस्था में आँखों का पथराना) होनेवाला। ~धन (पु०) छपे हए काग़ज़ के रूप में निश्चित पथराव-(पु०) 1 पत्थर की तरह कठोर एवं स्तब्ध होने की मान का धन
अवस्था 2 बार-बार पत्थर फेंकते रहने की क्रिया पत्रकारिता-सं० (स्त्री०) 1 पत्रकार होने की अवस्था 2 पत्रकार (जैसे-विद्यार्थियों ने अनेक बार पुलिस दल पर पथराव किया) का काम 3 पत्रकार के कार्यों, उद्देश्यों आदि का विवेचन | पथरी-(स्त्री०) 1 पत्थर की बनी कटोरी 2 सिल्ली 3 चकमक करनेवाली विद्या
पत्थर 4 एक प्रकार का रोग जिसमें मूत्राशय में पत्थर के पत्रकीय-सं० (वि०) जो पत्र से संबंध रखता हो, पत्र संबंधी | छोटे-छोटे टुकड़ों के समान कोई चीज़ उत्पत्र हो जाती है जिससे पत्रवाला-सं० + हिं० (पु०) = पत्रकार
पेशाब करने में अत्यधिक कष्ट होता है पत्रवाह-सं० (पु०) = पत्र वाहक। -पंजिका (स्त्री०) वह | पथरीला-(वि०) 1 जिस जमीन में पत्थर के टुकड़े हों 2 जो पंजिका जिसमें पत्र वाहक द्वारा भेजे गए पत्रों का विवरण होता पत्थरों से बना हो (जैसे-नदी के उस तरफ़ पथरीला रास्ता है)
3 पत्थर के समान कठोर एवं ठोस