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पताई
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पत्थर
व्यक्ति को दिया जा सके (जैसे-क्ल सचिव का पता लिखकर भर खाद्य सामग्री। पड़ना खानेवालों के सामने पत्तल यह पत्र भेज देना) 3 जानकारी जो अभी ज्ञात न हो सकी हो रखना; ~परसना पत्तल पर खाद्य सामग्री रखकर खानेवाले (जैसे-अपराधी का पता चला या नहीं) 4 विषय के गूढ़ तत्व के सामने रखना; बाँधना ऐसी प्रतिज्ञा करना जिसके पूर्ण न की जानकारी जो अभी अज्ञात हो। पते की बात रहस्य भरी होने तक भोजन न करना; जिस में खाना उसी में छेद बात, तत्व की बात
करना उपकार करनेवाले का अहित करना, कृतघ्न होना पताई-(स्त्री०) सूखकर झड़ जानेवाली वृक्ष की पत्ता-I (पु०) 1 वृक्ष की टहनी से निकलनेवाला वह हरा पत्तियाँ।-झोंकना आग को तेज़ करने के लिए उसमें पत्तियाँ अवयव जिससे छाया रहती है और जो सूखने पर झड़ जाता है, डालना
पर्ण, पत्र (जैसे-पीपल का पत्ता नदी में तैर रहा है) 2 पनों पर पताका-सं० (स्त्री०) झंडा, ध्वजा, झंडी (जैसे-पताका रखकर दी जानेवाली चाट आदि वस्तुएँ (जैसे-एक पत्ता फहराना, राष्ट्रीय पताका का सम्मान करना हमारा पुनीत कर्तव्य दही-बड़ा देना) 3 कपड़े, काग़ज़ आदि पर बनाया गया पत्ते के है)। दंड (पु०) वह बॉस जिसमें पताका लगाई जाती है; आकार का चिह्न 4 ताश की गड्डी में कोई एक काग़ज़ का ~~धारी (वि०) पताका लेनेवाला; शीर्षक (पु०) पृष्ठ टुकड़ा (जैसे-पान का पत्ता, ईंट का पत्ता) 5 सरकारी मुद्रा, शीर्षक, सर्व प्रधान शीर्षक: गिरना पराजय होना, हार होना नोट (जैसे-सौ रुपए का एक पत्ता देना) || (वि०) पत्ते की पताकिक-सं० (प्०) पताकाधारी
तरह का बहुत पतला और हल्का। -खड़कना किसी की पताकित-सं० (वि.) जिस पर पताका लगाई गई हो, पताका आहट मिलना, कोई खटका होना; चाटना बाज़ारी चीजें से सजित
खाना; तोड़कर भागना बेतहाशा भागना; ~न हिलना पताकिनी-सं० (स्त्री०) सेना
ज़रा भी हवा न लगनाः हो जाना गायब हो जाना पताकी-सं० (वि०) झंडा लेकर चलनेवाला
पत्ति-सं० (३०) 1 पैदल चलनेवाला व्यक्ति 2 पैदल सिपाही, पता-लेखी-हिं . सं. (पु०) पता लिखने का यंत्र । प्यादा पतिंग-(पु०) - पतगा
पत्ती-(स्त्री०) 1 पेड़-पौधों का बहुत छोटा पत्ता (जैसे-नीम की पतिवरा-सं० (स्त्री०) पति का स्वयं वरण करनेवाली स्त्री पत्ती कड़वी होती है) 2 तम्बाक के बड़े-बड़े पत्तों का चूरा पति-सं० (पु०) 1 स्वामी, मालिक 2 शोहर, कांत, दूल्हा 3 फूलों की पंखुड़ियाँ (जैसे-गुलाब की पत्ती छोटी एवं कोमल (जैसे-आपके पति कहाँ काम करते हैं)। ~धर्म (पू०) पति होती है) 4 लोहे का छोटा एवं धारदार टुकड़ा (जैसे-दाढ़ी के प्रति पत्नी का कर्तव्यः भक्ति (स्त्री०) तन-मन से पति बनाने के लिए पत्ती ख़रीद लाना) 5 ताश का कोई पत्ता। की सेवा करना; वियोग (पु०) पति की अनुपस्थिति में दार + फ़ा० (वि०) 1 जिसमें पत्तियाँ हों 2 जिसका किसी होनेवाला दुःख, व्रत (पु०) = पति भक्ति; ~व्रता व्यापार में हिस्सा हो 3 जो संपत्ति का भागीदार हो। (वि०) पति धर्म ही जिसका व्रत हो, पति के प्रति अनन्य पत्थर-I (पु०) 1 वह द्रव्य जिससे पृथिवी का कड़ा स्तर बना अनुराग एवं भक्ति रखनेवाली; सुख (पु०) सधवा होने होता है 2 पृथिवी के कड़े स्तर का कोई टुकड़ा 3 सड़क के का सुख; -सेवा (स्त्री०) = पति व्रत
किनारे गाड़ा जानेवाला पत्थर का टुकड़ा (जैसे-मील का पत्थर पतित-सं० (वि.) 1 गिरा हुआ 2 जिसका नैतिक पतन हो चौराहे पर लगा होगा) 4 सीमा निर्धारित करने के लिए गाड़ा
चुका हो 3 अधम, पापी 4 अपवित्र, मलिन। पावन गया पत्थर का टुकड़ा 5 ओला 6 हीरा, जवाहर आदि 7 पत्थर (वि०) पतितों को पवित्र करनेवाला
के गुणों से युक्त (जैसे-पत्थर का कोयला खानों से प्राप्त होता पतितव्य-सं० (वि०) पतित होने के योग्य
है) 8 जो कठोरता, भारीपन आदि में पत्थर के समान हो पतितावस्था-सं० (स्त्री०) पतित होने की स्थिति
II (अ०) कुछ भी नहीं, बिल्कुल नहीं। ~कला (स्त्री०) पतित्व-सं० (पु०) 1 पति होने की अवस्था 2 प्रभुत्व, स्वामित्व तोड़ेदार बंदूक; ~कोयला (पु०) खान का कोयला, कोक; पतियाना-(स० क्रि०) विश्वास करना, सच समझना
चटा (पु०) 1 नरम एवं पतली टहनियोंवाली एक घास पतीला-(पु०) तांब, पीतल आदि का ऊँचे किनारेवाला 2 पत्थर चाटनेवाला सर्प; पानी (०) आँधी-पानी; गोलाकार बर्तन (स्त्री० पतीली)
फूल (पु०) शिलापुष्प, छरीला; ~फोड़ (पु०) 1 पत्थर पतुरिया-(स्त्री०) 1 नाचने-गाने का पेशा करनेवाली वेश्या, तोड़ने का पेशा करनेवाला, संगतराश 2 छरीला नाम का पौधा पातुरी 2 व्यभिचारिणी स्त्री. पंश्चली
जो पत्थरों की संधियों से उत्पन्न होता है; ~बाज़ + फ़ा. पतोखा-(पु०) 1 पत्ते का बना दोना 2 पत्तों से बनी छतरी । (वि०) पत्थर फेंक कर मारनेवाला II (५०) ढेलवाह; 3 एक प्रकार का बगुला पक्षी, पतंखा
बाज़ी + फ़ा० (स्त्री०) ढेलेबाज़ी। का कलेजा अति पतोहू-(स्त्री०) पुत्र की स्त्री, पुत्रवधू
कठोर हृदय, निष्करुण हृदय; ~की छाती घोर दुःख एवं कष्ट पत्तन-सं० (पु०) 1 पोताश्रय, बंदरगाह 2 बंदरगाही शहर में भी अस्थिर न होनेवाला; ~की लकीर सदा बनी रहनेवाली 3 छोटा नगर, कस्बा। ~क्षेत्र (पु०) जिसकी शासन एवं वस्तु; ~को जोंक लगाना असंभव कार्य करना: तले से व्यवस्था वहाँ के निर्वाचित सदस्यों द्वारा की जाती है ऐसा नगर हाथ निकलना भारी संकट, कष्ट से छुटकारा मिलना; तले पत्तर-(पु०) काग़ज़ के समान धातु आदि का पतला टुकड़ा हाथ दबना भारी विपत्ति में पड़ना; ~पर दूब जमना पत्तल-(स्त्री०) 1 थाली के स्थान पर उपयोग में लाने के लिए अनहोनी बात होना; ~पसीजना, पिघलना निष्ठर हृदय में पलाश आदि के पत्तों से बनाया गया पात्र (जैसे-खाने के लिए दया का संचार होना; ~मारे भी न मरना 1 मृत्यु का कारण पत्तल लगाना) 2 पत्तल पर परोसा गया खाद्य पदार्थ 3 पत्तल होते हुए भी न मरना 2 जल्दी न मरना; ~सा फेंक मारना