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निचोल
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निद्राकुल
निचोल-सं० (पु०) 1 शरीर ढकने का कपड़ा, आच्छादन | नितंबिनी-सं० (स्त्री०) 1 सुंदर नितंबोवाली स्त्री'2 सुंदरी 2 ओढ़नी 3 चादर 4 उत्तरीय 5 कपड़ा, वस्त्र
नित-(क्रि० वि०) बो० नित्य निचौहाँ-(वि०) 1 नीचे झुका हुआ, नत 2 नीचा | नितांत-सं० (वि०) 1 अत्यधिक (जैसे-नितांत गर्म स्थल) निछक्का-(पु०) एकांत स्थान, निर्जन स्थान
2 असाधारण 3 बिल्कुल (नितांत पागल आदमी) निछत्र-I (वि०) 1 छत्रहीन 1 राज चिह्न रहित 3 राज्यहीन II | नित्य-[ सं० (वि०) अविनाशी शाश्वत, निरंतर II (क्रि० (वि०) क्षत्रियों से रहित, क्षत्रियहीन
वि०) 1 प्रतिदिन, हर रोज़ 2 हर समय, हमेशा। कर्म निछला-I (वि०) निश्चल II (वि०) खालिस
(पु०) 1 रोज़ का धार्मिक काम 2 रोज़ का काम; ता निछान-I (वि०) बो० विशुद्ध, ख़ालिस II (क्रि० वि०) (स्त्री०) अनश्वरता -नियम (१०) कभी भंग न होनेवाला एकदम, बिल्कुल
नियम; ~प्रति (क्रि० वि०) प्रति-दिन, हर-रोज़; मित्र निछावर-(स्त्री०) 1 रूप, गुण, समृद्धि आदि की सुरक्षा हेतु (पु०) शाश्वत मित्र; ल्युक्त (वि०) सदा तैयार;
व्यक्ति, शिशु के ऊपर चारों ओर से कोई वस्तु घुमाकर उत्सर्ग ~यौवनशाली (वि०) स्थायी यौवनवाला; सिद्ध करना 2 उत्सर्ग की गई वस्तु 3 नेग 4 ईनाम
(वि०) सदा के लिए प्रमाणित निछोही-(वि०) बिना लगाव का
नित्यशः-सं० (क्रि० वि०) 1 प्रतिदिन, रोज़ 2 सदा, सर्वदा निज-I सं० (वि०) 1 अपना 2 मुख्य, प्रधान 3 ठीक, यथार्थ | निथरना-(अ0 क्रि०) स्थिर तरल पदार्थ में गंदगी, भारी वस्तु II (क्रि० वि०) 1 निश्चित रूप से 2 पूरी तरह से 3 विशेष | आदि का तल में बैठना रूप से 4 अंत में। ता (स्त्री०) अपनापन, निजस्व | निथार-(पु०) 1 निथरा हआ जल, तरल पदार्थ आदि 2 तल में ल्वाचक-अ० स्वयं का बोध करानेवाला (जैसे-मैं आप, तू | बैठी वस्तु आप); स्वार्थ (पु०) अपना मतलब
निथारना-(स० क्रि०) तरल पदार्थ को इस तरह स्थिर करन निजस्व-सं० (पु०) अपना भाग। ~ता (स्त्री०) अपना भाग
कि उसमें का भारी पदार्थ तल में बैठ जाय (जैसे-मिट्टी का होना, अपनी भागदारी
तेल निथारना) . निजा-अ० (पु०) झगड़ा, विवाद
निदर्शक-सं० (वि०) दिखानेवाला निज़ाम-अ० (पु०) 1 प्रबधं, व्यवस्था 2 हैदराबाद के शासकों | निदर्शन-सं० (पु०) नमूना उदाहरण
की उपाधि 3 प्रबंध का क्रम। ~शाही + फ़ा० (स्त्री०) | निदर्शना-सं० (स्त्री०) साहि० एक अलंकार जिसमें उपमेय निज़ाम का शासन
और उपमान में सादृश्य का आरोप कर दोनों में बिब-प्रतिबिंब निजी-(वि०) 1 निज का (जैसे-निजी मामला, निजी बात) 2 का भाव प्रकट किया जाए
आपस का (जैसे-भाइयों का निजी झगड़ा)। ~पन (प०) | निदर्शित-सं० (वि०) दिखलाया हुआ अपनापन; सहायक (पु०) उच्चाधिकारी के काम में । निदाघ-सं० (पु०) 1 गर्मी, ताप 2 धूप। कर (पु०) सूर्य सहायता देनेवाला सहायक, पर्सनल असिस्टेंट
निदान-I सं० (पु०) 1कारण 2 रोग का कारण 3 अंत, निजू-बो० (वि०) = निजी
अवसान II (क्रि० वि०) 1 अंत में 2 इसलिए। कारण निजूठा-(वि०) 1 जिसे जूठा न किया गया हो 2 जो पहले न | (पु०) अंतिम कारण; ~गृह (पु०) चिकित्सालय; ज़ सोचा गया हो (जैसे-निजूठी कल्पना)
(पु०) चिकित्सक; ~शास्त्र (पु०) रोगों के कारण, लक्षण निझरना-(अ० क्रि०) 1 एकदम झड़ जाना 2 शोभा रहित होना | एवं उपचार संबंधी विज्ञान
(जैसे-फल के अभाव में वक्षों का निझरना) 3 सार भाग से | निदानिका-सं० (स्त्री०) = निदान-गृह
वंचित होना 4 अपने को निदोष बताना, सफ़ाई देना निदारुण-सं० (वि०) 1 भयानक, भीषण 2 निर्दय, निष्ठर निझाटना-(स० क्रि०) बो० झपटकर लेना
3 दुःसह निटर-(वि०) अनुपजाऊ
निदिग्ध-सं० (वि०) 1 लेप किया हुआ प्रवर्द्धित निटल-सं० (पु०) मस्तक, माथा
निदेश-सं० (पु०) 1 आज्ञा 2 शासन 3 कथन 4 निर्देश निटिंग-मशीन-अं० (स्त्री०) बनाई की मशीन
निदेशक-सं० (पु०) निदेश देनेवाला निठल्ला, निठल्लू-(वि०) निकम्मा, अकर्मण्य। -पन निदेशन-सं० (पु०) निदेश देना (पु०) निकम्मापन, बेकारी
निदेशालय-सं० (पु०) निदेशक कार्यालय निठाला-बो० (पु०) 1 बेकारी का समय 2 जीविका का अभाव निदेशिका-सं० (स्त्री०) निर्देश-ग्रंथ निठुर-(वि०) 1 निष्ठुर 2 कठोर हृदय। ता (स्त्री०) निष्ठुरता निद्रा-सं० (स्त्री०) नींद। ~कारक (वि०) नींद लानेवाला; निठौर-I (पु०) अनुचित जगह, कुठाँव (वि०) बिना
~गति (स्त्री०) 1निद्रा की अवस्था में रोगी का चलने का ठौर-ठिकाने का
रोग, स्लीप-वाकिंग 2 वनस्पतियों का निद्रावस्था में निडर-(वि०) 1निर्भय, निर्भीक 2 साहसी, हिम्मती। ~पन हिलना-डुलना, स्लीपिंग मूवमेंट; ~ग्रस्त (वि०) सोया हुआ; (पु०) 1निर्भयता 2 साहस, हिम्मत
~चारी (पु०) नींद में चलनेवाला व्यक्ति एवं वनस्पतियाँ निढाल-(वि०) 1 अत्यंत थका हआ, शिथिल 2 उत्साहहीन, आदि; -जनक (वि०) निद्राकर ~भ्रमण (पु०) :
निद्रा-गति; ~मन (वि०) सोया हआ नितंत-(वि०) नितांत
निद्राकर-सं० (वि०) नींद लानेवाला नितंब-सं० (पु०) 1 चूतड़
निद्राकुल-सं० (वि०) नींद से व्याकुल
पस्त