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निरावृत 447
निर्ख निरावृत-सं० (वि०) आवरणहीन
निरुद्देश्य-[ सं० (वि०) बिना उद्देश्य का HI (क्रि० वि०) निराश-सं० (वि०) हताश (जैसे-निराश रोगी, निराश प्रेमी) | बिना किसी उद्देश्य के दृष्टि (स्त्री०) निष्प्रयोजन देखना निराशा-सं० (स्त्री०) 1 आशा का अभाव 2 निराश होने की। निरुद्ध-सं० (वि०) 1 निरोध किया हुआ 2 रोका हआ 3 बंधन अवस्था। जनक, जन्य (वि०) निराशा से उत्पन्न __ में पड़ा हुआ-कंठ (वि०) गला रुंधा हुआ
ल्वाद (पु०) संसार को दुःखमय एवं निराशपूर्ण समझने का निरुद्यम-सं० (वि०) 1 उद्यम न करनेवाला 2 बिना उद्यम का सिद्धांत, पेसिमिज्म; वादिता (स्त्री०) निराशावादी होने का निरुद्यमी-सं० (वि०) आलसी और कामचोर भाव; ~वादी I (वि०) संसार को निराशा एवं उदासीनता निरुद्योग-सं० (वि०) = निरुद्यम की दृष्टि से देखनेवाला, पेसिमिस्ट II (प०) निराशावाद को निरुद्योगी-सं० (वि०) उद्योग न करनेवाला माननेवाला व्यक्ति
निरुद्विग्न, निरुद्वेग-सं० (वि०) उनेजनारहित, धीर और शांत निराशात्मक, निराशामय-सं० (वि०) आशारहित निरुपचार-पं० (वि०) असाध्य निराशिष-सं० (वि०) आशीर्वाद से रहित
निरूपद्रव-सं० (वि०) शांतिमय, विनरहित 2 उपद्रव नं निराश्रय-सं० (वि०) = निरालंब
करनवाला निरास-I सं० (पु०) दे० निरसन
निरुपद्रवी-सं० (वि०) धीर एवं शांत निरास-II (वि०) - निराश
निरुपपत्ति-सं० (वि०) अयोग्य, अयुक्त निरास्वाद-सं० (वि०) बिना स्वाद का, अस्वादिष्ट निरुपम-सं० (वि०) अतुलनीय, बेजोड़ निराहार-I सं० (वि०) 1 जिसने भोजन नहीं किया 2 उपासा निरूपमित-सं० (वि०) उपमा न करने योग्य, बेजोड II (पु०) उपवास
निरुपयोगी-सं० (वि०) 1निकम्मा 2 बेकार निरिंद्रिय-सं० (वि०) 1 इंद्रियों से रहित 2 कमज़ोर इंद्रियवाला निरूपहत-सं० (वि०) 1 अनाहत 2 शुभ निरिच्छ-सं० (वि०) निराकांक्ष
निरुपाख्य-सं० (वि०) 1 असंभव और मिथ्या 2 व्याख्या के निरीक्षक-I सं० (पु०) निरीक्षण करनेवाला व्यक्ति II (वि०) | अयोग्य 1 देखनेवाला 2 निरीक्षण करनेवाला
निरूपाधि-सं० (वि०) 1 बाधा रहित 2 माया-मोह से रहित निरीक्षण-सं० (प्०) 1 देखना 2 गौर से देखना 3 देख-रेख निरुपाय-1 सं० (वि०) 1साधनहीन 2 जिसका उपाय न हो करना, इन्सपेक्शन (जैसे-निरीक्षण हेतु आयोग बैठाना)। सके || (क्रि० वि०) लाचार होकर ~कारी (वि०) निरीक्षण करनेवाला .
निरुपेक्ष-सं० (वि०) उपेक्षा न किए जाने योग्य निरीक्षणात्मक-सं० (वि०) निरीक्षण संबंधी
निरूढ़-सं० (वि०) 1 अत्यंत रूढ़ 2 अधिक प्रसिद्ध । निरीक्षा-सं० (स्त्री०) = निरीक्षण
लक्षणा (स्त्री०) जिसमें शब्द का प्रसिद्ध अर्थ रूढ़ हो निरीक्षित-सं० (वि०) 1 देखा हुआ 2 निरीक्षण किया गया गया हो ऐसी लक्षणा निरीक्ष्य-सं० (वि०) 1 देखा जाने योग्य 2 निरीक्षण योग्य | निरूढ़ा-सं० (स्त्री०) निरूढ़ लक्षणा निरीक्ष्यमाण-सं० (वि०) निरीक्षण हो रहा हो
निरूढ़ि-सं० (स्त्री) 1 ख्याति, प्रसिद्धि 2 निरूढ़ लक्षणा निरीश्वर-सं० (वि०) 1 ईश्वर के अस्तित्व को न माननेवाला, . निरूप-(वि०) 1 बिना रूप का 2 कुरूप, बद् शक्ल, भद्दा नास्तिक 2 जिसमें इश्वर की सत्ता न मानी गई हो। ल्वाद निरूपक-सं० (पु०/वि०) निरूपण करनेवाला (पु०) ईश्वर को न माननेवाला सिद्धांत; ~वादी I (वि०) निरूपण-सं० (पु०) 1 विवेचना करना 2 अच्छी तरह समझाना निरीश्वरवाद संबंधी II (पु०) निरीश्वरवाद का अनुयायी | 3 निर्णय । निरीह-सं० (वि०) 1 इच्छा एवं तृष्णा से रहित 2 उदासीन, निरूपित-सं० (वि०) निरूपण किया हआ विरक्त 3 निष्क्रिय, चेष्टारहित 4 नम्र एवं शांत (जैसे-निरीह निरूप्य-सं० (वि०) निरूपण योग्य प्राणी)
निरूहण-सं० (पु०) 1 तर्क करना 2 निश्चय करना 3 वस्ति निरुक्त-I सं० (वि०) 1 निःसंदेह एवं स्पष्ट 2 स्पष्ट रूप से का एक भेद कहा हुआ 3 ज़ोर से कहा गया, उद्घोषित II (पु०) | निरोग, निरोगी-(वि०) स्वस्थ शब्द-शास्त्र। कार (पु०) निरुक्त के रचयिता यास्क मुनि निरोध-सं० (पु०) 1 रुकावट, रोध 2 वश में करना, निग्रह । निरुक्ति-सं० (स्त्री०) 1 शब्दों की व्युत्पत्ति एवं सिद्धांत बताने ___-शक्ति (पु०) 1 राकने की ताकत 2 वश में करने की की विद्या, शब्द शास्त्र 2 शब्द की व्युत्पत्ति, डेरिवेशन 3 साहिल
| क्षमता काव्यालंकार का एक भेद जिसमें नाम का प्रसिद्ध अर्थ छोड़कर | निरोधक-सं० (वि०) निरोध करनेवाला कोई मनमाना अर्थ लगाया जाय
निरोधन-सं० (पु०) निरोध। शिविर (पु०) नज़रबंद रखने निरुच्छ्वास-सं० (वि०) जहाँ साँस तक लेने में परेशानी हो का शिविर (जैसे-निरुच्छवास वातावरण)
निरोधा-सं० (स्त्री०) 1 संक्रामक रोगियों को मिश्रित होने से निरुत्तर-सं० (वि०) 1 उत्तर न देनेवाला 2 उत्तर न देने योग्य | रोकना 2 संक्रामक रोगियों को रोकने का स्थान 3 जिसका उत्तर न दिया गया हो
निरोधाचार-सं० (पु०) रुकावट निरुत्साह-I सं० (वि०) उत्साहरहित II (पु०) उत्साह न होना | निरोधाज्ञा-सं० (स्त्री०) रोकने का आदेश निरुत्साहित-सं० (वि०) जिसका उत्साह नष्ट कर दिया गया हो । निरोधी-सं० (वि०) निरोधक
| निर्ख-फ़ा० (पु०) दर, भाव, । ~नामा (पु०) विक्रेय वस्तु