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द्विधा
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धक
दुबधा
दोहरा होना) 2 युग्म 3 दो की संख्या
द्वैभाषिक-सं० (वि०) दो भाषाओंवाला द्विधा-[ सं० (क्रि० वि०) 1 दो प्रकार से 2 दोनों ओर 3 दो | द्वैमासिक-सं० (वि०) प्रति दो मास में होनेवाला
खंडों में II (स्त्री०) दुविधा। ~करण (पु०) दो खंड करना द्वैराज्य-सं० (पु०) 1दो राजाओं में विभक्त राज्य, द्विभा-सं० (स्त्री०) 1 प्रकाश 2 प्रभा, चमक
कांडोमिनियम 2 दुराज, दो-अमली द्विरागमन-सं० (पु०) 1 दूसरी बार आना, पुनरागमन 2 वधू । द्वैवार्षिक-सं० (वि०) दो वर्ष का
का पति के साथ दूसरी बार ससुराल आना, गौना द्वैविध्य-सं० (पु०) 1 दो तरह से होने का भाव 2 असमंजस, द्विरुक्त-[सं० (वि०) 1 दो बार कहा हुआ 2 दुबारा कहा हुआ
3 दो प्रकार से कहा हुआ और फलतः निरर्थक II (पु०) यक्षर-सं० (वि०) दो अक्षरवाला पुनर्कथन
यर्थी-सं० (वि०) दो अर्थोवाला द्विरुक्ति-सं० (स्त्री०) 1 दुबारा कही गई बात 2 दो बार कही | योष्ठ्य-सं० (वि०) दोंनो ओंठो से उच्चारित होनेवाला
गई बात, पुनरुक्ति द्विरूढ़ा-स० (स्त्री०) दुसरा विवाह करनेवाली स्त्री द्विरेता-सं० (पु०) 1 दो भित्र जाति के पशु से उत्पन्न पशु
2 दोगला द्विरेफ-सं० (पु०) भौरा द्विविध-[सं० (वि०) दो प्रकार का II (क्रि० वि०) दो प्रकार
द्विविधा-सं० (स्त्री०) 1 अंदेशा, असमजस 2 अनिश्चय | धंधक-(पु०) झंझट, बखेड़ा। ~ धोरी (पु०) सांसारिक द्विवेदी-सं० (पु०) 1 दो वेदों का ज्ञाता 2 ब्राह्मणों की एक झंझटों में फंसा रहनेवाला व्यक्ति उपजाति, दूबे
धुंधला-(पु०) 1 छल-कपट 2 आडंबर, ढोंग द्विशफ-सं० (पु०) पशु जिसका खुर फटा हो, खुरफटा पशु धुंधलाना-I (अ० क्रि०) 1 छल-कपट करना 2 ढोंग करना द्विस्पृष्ट-सं० (पु०) दो स्थानों को स्पर्श करनेवाला व्यंजन II (अ० क्रि०) 1 धाँधली करना 2 जल्दी मचाना द्वीप-स० (पु०) 1 चारों ओर समुद्र से घिरा भू-भाग, टापू । धुंधलेबाज़-हिं० +फ़ा० (०) 1 धोखेबाज़ 2 ढोंगी
2 जल के बीच का स्थल। --निवासी (पु०) द्वीप में । धुंधलेबाज़ी-हिं० +फ़ा० (स्त्री०) 1 धोखेबाज़ी. धोखाधड़ी रहनेवाला व्यक्ति; ~पुंज (पु०), ~माला (स्त्री०) द्वीपों 2 ढकोसलेबाज़ी का समूह; ~वासी (पु०) - द्वीपनिवासी; --विश्व (पु०); | धंधा-(पु०) 1 काम-काज 2 पेशा, रोज़गार, व्यवसाय समूह (पु०) द्वीपज
___3 चौका-बरतन करने की नौकरी (जैसे-घरेल धंधा) द्वीपस्थ-सं० (पु०) = द्वीप निवासी
धंधार-बो० (वि०) अकेला द्वीपांतरण-सं० (पु०) 1 काले पानी की सज़ा 2 एक द्वीप से | धंधारी-(स्त्री०) 1 गोरखधंधा 2 अकेलापन 3 निस्तब्धता, दूसरे द्वीप में होनेवाला अंतरण
सन्नाटा द्वीपावली-सं० (स्त्री०) द्वीप पुज
धंधारू-(वि०) काम धंधे में लगा रहनेवाला द्वीपी-सं० (वि०) 1 द्वीप संबंधी 2 द्वोप में रहनेवाला धंधालू-(वि०) धंधे में लगा रहनेवाला द्वीप्य-सं० (वि०) 1 द्वीप का 2 द्वीप में उत्पन्न
धंधेवाला-(पु०) धंधा करनेवाला व्यक्ति द्वेष-सं० (१०) 1 राग का विरोधी भाव, वैमनस्यता, विरोध धुंधौरा-(प्०) 1 होलिका, होली 2 आग की लपट ज्वाला 2 शत्रुता, वैर। जनक (वि०) वैर पैदा करनेवाला; धंसन-(स्त्री०) 1 फँसना 2 धंसने की जगह
पूर्ण (वि०) द्वेष से भरा हआ; ~पोषक (वि०) द्वेष धंसना-(अ० क्रि०) 1 गढ़ना (जैसे-मिट्टी में फरुआ धंसना) बढ़ानेवाला ~भाव (पु०) द्वेष; ~मूलक (वि०) द्वेषपूर्ण 2 बैठना, भीतर घुसना (जैसे-दलदल में फंसना) 3 नीचे बैठ द्वेषी-[ सं० (वि०) द्वेष करनेवाला II (पु०) वैरी, शत्र जाना (जैसे-मकान धंसना, कुंआ फँसना) 4 चुभना (जैसे-सूई द्वेष्टा-सं० (वि०) वैमनस्य भाव रखनेवाला
धंसना, काँटा धंसना) 5 घुसा-सा प्रतीत होना (जैसे-गाल, नेत्र द्वैत-सं० (पु०) 1 दा होने का भाव 2 जोड़ा, युग्म 3 पराया आदि धंसना) 6 दिमाग़-दिल में समाना (जैसे-कोई बात समझने का भाव 4 असमंजस 5 अज्ञान. मोह। वाद समझने पर भी नहीं धंसती) (पु०) अद्वैतवाद से भित्र एवं उसका विरोध करनेवाला फंसान-(स्त्री०) 1 धंसना 2 दलदल 3 ढालू ज़मीन 4 ढकेलते सिद्धांत, जीव एवं आत्मा में भेद मानने का सिद्धांत, हुए आगे बढ़ना (जैसे-भेडिया धंसान)
आत्मा-परमात्मा के भेद का सिद्धांत; वादी (वि०) द्वैतवाद फँसाना-(स० क्रि०) 1 गड़ाना, चुभाना (जैसे-सूई धंसाना) का अनुयायी
2 अंदर प्रविष्ट कराना (जैसे-भीड़ में फंसाना. सिनेमा हाल में द्वैध-सं० (पु०) 1 दो प्रकार के होने का भाव 2 भित्रता धंसाना) 3 गाड़ना, अंदर को दबाना (जैसे-दलदल में पाँव 3 परस्पर विरुद्ध होने का भाव 4 दुरंगी नीति 5 संदेह, धंसाना, ज़मीन में खंभा फँसाना) अनिश्चय
धंसाव-(प्०) 1 धंसन 2 फँसान द्वैधीकरण-सं० (प्०) दो भागों में बाँटना
धक-(क्रि० वि०) 1अचानक, सहसा 2 तेज़ी से द्वैव्य-सं० (वि०) - द्वीप्य
(जैसे-धक-धक तबला बजाना)