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हुति
हुआ II ( क्रि० वि०) जल्दी, शीघ्र । गति (वि०) शीघ्रगामी गामी (वि०) तेज़ चलनेवाला इति - सं० ( स्त्री०) 1 गति, चाल 2 द्रव 3 सं० द्रवित होने की
अवस्था
द्रुम-सं० (५०) वृक्ष, पेड़ द्रोण-सं० (पु० ) दोना
द्रोणी-सं० (स्त्री०) 1 छोटी नाव, डोंगी 2 छोटा दोना, दोनियाँ 3 कठवत, कठौता
द्रोह-सं० (पु०) 1 अनिष्ट चाहना 2 हिंसा 3 अपराध । ~ चिंतन (पु० ) अनिष्ट करने का विचार
द्रोहाट - 1 सं० (वि० ) ऊपर से सीधा किंतु अंदर से क्रूर II (पु० ) 1 पाखंडी 2 झूठा व्यक्ति
द्रोहिता-सं० (स्त्री०) द्रोही होने का भाव द्रोही - I सं० (वि०) द्रोह करनेवाला II ( पु० ) शत्रु, बैरी द्वंद्व-सं० (पु० ) 1 दो वस्तुओं का जोड़ा, युग्म 2 लड़ाई-झगड़ा
3 संघर्ष 4 मानसिक संघर्ष 5 उत्पात, उपद्रव । युद्ध (पु० ) दो व्यक्तियों का पारस्परिक संघर्ष वाद (पु०) दर्शनशास्त्र में तर्क और विचार के पक्ष प्रतिपक्ष और संपक्ष का विवेचन द्वंद्वमय सं० (वि०) द्वंद्वात्मक द्वंद्वात्मक सं० (वि०) संघर्षपूर्ण
द्वंद्वी - I सं० (वि०) 1 परस्पर युद्ध करनेवाले 2 परस्पर युग्म बनानेवाले 3 द्वंद्व मचानेवाले II ( पु० ) झगड़ालू व्यक्ति द्वाज -सं० ( पु० ) जारज दोगला
द्वादश - I सं० (वि०) 1 दस और दो, बारह 2 बारहवाँ II (पु० ) 12 की संख्या
द्वादशाह -सं० (पु० ) 1 बारह दिनों का समूह 2 बारह दिन में समाप्त होनेवाला यज्ञ 3 मृत्यु के बारहवें दिन किया जानेवाला
श्राद्ध
द्वादशी-सं० (स्त्री०) चांद्रमास की किसी पक्ष की बारहवीं तिथि द्वापर - सं० ( पु० ) त्रेता एवं कलियुग के मध्य का युग द्वार -सं० (पु० ) 1 दरवाज़ा 2 माध्यम साधन (जैसे-प्रवेश द्वार! | - कंटक (पु०) दरवाज़े की सिटकिनी: चार (पु० ) बरात के आगमन पर की जानेवाली द्वार पूजा; पंडित प्रधान पंडित पट (पु०) दरवाज़े का पल्ला -पटी (स्त्री०) दरवाजे पर लगा परदा, चिक: पाल (पु० ) दरबान, ड्योढ़ीदार पूजा (स्त्री०) विवाह में कन्या पक्ष द्वारा दरवाज़े पर बरात का स्वागत एवं पूजन आदि धार्मिक कृत्य; ~ खुलना रास्ता निकल आना; खुला होना आने में बाधा न होना; ~द्वार फिरना 1 कार्य सिद्धि हेतु अनेक लोगों । के पास जाना 2 भीख माँगना; ~ लगना उद्देश्य, कार्य हेतु दरवाज़े पर आ पहुँचना: -लगाना दरवाज़ा बंद कर देना द्वारस्थ - I सं० (वि०) दरवाज़े पर बैठा हुआ II ( पु० )
द्वारपाल
द्वारा-1 सं० (पु० ) 1 द्वार, दरवाज़ा 2 स्थान, जगह (जैसे- गुरुद्वारा) II ( क्रि० वि०) 1 ज़रिये 2 मारफत 3 प्रयत्न से 4 हाथ से (जैसे- पत्र नौकर द्वारा भेजा गया) द्वाराचारसं० (पु० ) = द्वार चार द्वारावरोध-सं० (पु०) दरवाज़ा रोकना द्वि-सं० (उप०/वि०) दो। (जैसे- द्विकर्मक क्रिया);
कर्मक (वि०) दो कर्मवाली खंडित (वि०) जिसके दो भाग
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द्वित्व
हो; खंडी (वि०) दो खंडवाली; ~ गुण (वि०) दुगुना, दूना गुणित (वि०) दुगुना किया हुआ; तंत्री (स्त्री०) दो ताँतवाला बाजा; दल (वि०) 1 दो दलवाला 2 दो दलों द्वारा संचालित 3 दो पत्तोंवाला; दल- शासन प्रणाली (स्त्री०) वह शासन पद्धति जिसमें दो दल मिलकर शासन करते हैं; -दिवसीय (वि०) दो दिनवाला (जैसे-द्विदिवसीय नाटक, द्विदिवसीय प्रदर्शनी) - धातु, I (वि०) दो धातुओं से मिलकर बना II (स्त्री०) काँसा, पीतल आदि धातुएँ: ~धातु ~धात्विक (वि०) दो धातुओंवाली; ध्रुव (पु० ) दो ध्रुव - उत्तर और दक्षिण ध्रुव ध्रुवीय (वि०); ~नमक (पु० ) सुत्रतवाला व्यक्ति नाम (वि०) दो नामवाला नेत्री (स्त्री०) ऐनक, चश्मा; पक्ष (वि०) 1 जिसमें दो पक्ष हों 2 जिसमें दो दल हों; पक्षी, पक्षीय (वि०) 1 दोनों पक्ष में पड़नेवाला 2 दो पार्श्वो से संबंध रखनेवाला (जैसे- द्विपक्षी समझौता द्विपक्षीय निर्णय); ~पतिकरण (पु०) दो पति बनाना; पत्नीकरण (पु० ) दो पत्नी करना; पत्नीक (वि०) दो पत्नीवाला पथ ( पु० ) दोराहा ; पद | (वि०) 1 दो पैरवाला 2 दो पदोंवाला 3 ग० दो अलग-अलग संख्यावाला, बाईनेमियल (जैसे- (1/3) + (2/5)) II ( पु० ) दो पैरोंवाला जंतु (जैसे- मनुष्य द्विपद प्राणी है); परमाणुक (वि०) दो परमाणुवाला पाद (वि०) द्विपद पाश्विक (वि०) 1 दोनों पाश्र्व से संबंध रखनेवाला 2 द्विपक्षी बिंदु (पु० ) (:) विसर्ग भाजन (पु०) दो भागों में बाँटना; भाव I (वि०) 1 जिसमें दो भाव हों 2 कपटी, छली II ( पु० ) 1 द्वेषभाव 2 दुराव-छिपाव 3 छल कपट; - भाषावाद (पु०) दो भाषाओं के समर्थन का सिद्धांत -भाषी (वि०) दुभाषियाः मात्र मात्रिक (वि०) दो मात्राओंवाला दीर्घः मासिक (वि०) दो महीनेवाला (जैसे-द्विमासिक कार्यक्रम) : मुखा (स्त्री०) जांक, मुखी (स्त्री०) दो मुखवाली; लिंग (वि०) दोनों लिंगवाला; (पुत्र) व्या० दो का बोध करानेवाला वचन(वि०) दो वर्ष का (जैसे-द्विवर्षीय पाठ्यक्रम); (वि०) दो वर्षवाला -विवाह (५०) दूसरा विवाह; -शताब्दी (स्त्री०) दो सौ वर्ष का समय: शिर (वि०) दो सिरोंवाला सदनी (वि०) दी सदनवाली; स्वर (पु० ) दो स्वरों का गुच्छ हृदया ( स्त्री०) / (वि०) गर्भवती (स्त्री)
~
-वचन
--वर्षीय
- वार्षिक
द्विगु-सं० (पु०) तत्पुरुष समास का एक भेंट जिसका पहला पद संख्या वाचक होता है (जैसे-पचदेव)
द्विज - [सं० ( पु० ) ब्राह्मण II (वि०) जिसने दो बार जन्म लिया हो
द्विजन्मा, द्विजाती-सं० (वि०) दो बार जन्मा हआ द्वितीय सं० (वि) 1 दूसरा 2 दूसरी श्रेणी का द्वितीयक सं० (वि) 1 दूसरी बार होनेवाला 2 दूसरा द्वितीयतः सं० ( क्रि० वि०) दूसरे दर्जे पर द्वितीया-सं० (स्त्री०) चांद्र मास के प्रत्येक पक्ष की दूसरी तिथि । वृत्ति (स्त्री०) दो बार दोहराना द्वितीयाश्रम-सं० (१०) ग्रहस्थ आश्रम द्वित्व-सं० ( पु० ) 1 दो होने का स्थिति (जैसे-सूर्य में य का