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धाऊ
धाऊ - (पु० ) बो० धव वृक्ष धाक - I ( स्त्री० ) 1 दबदबा, आतंक 2 ख्याति, शोहरत II (पु० ) ढाक, पलास। -जमना रोब जमना दबदबा होना; जमाना रोब छा जाना
धाकड़ - (वि०) 1 जिसने रोब जमा रखा हो 2 हृष्ट-पुष्ट, तगड़ा 3 प्रसिद्ध, ख्यात
धागा - (पु० ) बटा हुआ महीन सूत, डोरा (जैसे-सृई-धागा धागा, तोड़ना)
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धाड़-1 (स्त्री०) 1 आक्रमण, चढ़ाई 2 डाकुओं का आक्रमण II (स्त्री०) ज़ोर-ज़ोर से रोने का शब्द (जैसे- धाड़ मारकर रोना)
धात बो० (स्त्री०) धातु धातविक, धातवीय-सं० (वि०) 1 धातु संबंधी 2 धातु का बना हुआ
धाता-सं० (वि० ) 1 धारण करनेवाला 2 पालन-पोषण करनेवाला
धातु-सं० (स्त्री०) 1 खनिज पदार्थ (जैसे-सोना, चाँदी आदि मूल्यवान् धातुएँ हैं) 2 पदार्थ का मूल तत्त्व 3 व्या० क्रियाओं के मूल रूप (जैसे- कृ, भृ आदि धातुएँ) 4 पुरुष का वीर्य. शुक्र (जैसे- पेशाब में धातु जाना) 5 पंच महाभूत (जैसे- जल, अग्नि, आकाश, पृथ्वी और वायु) । ~ उत्कीर्णक (पु० ) धातु पर नक़्क़ाशी करनेवाला; ~उद्योग (पु०) धातु संबंधी व्यवसाय, धंधा कर्म (पु०) धातु का काम; ~कर्म - उद्योग (पु० ) धातु-उद्योग; ~ कर्मशाला (स्त्री०) धातु कारखाना; कर्मी (पु०) धातु का काम करनेवाला; कर्मीय (वि०) धातुकर्मी से संबंधित; ~काट हिं० (वि०) धातु काटनेवाला; -कारखाना + फ़ा० (पु० ) धातु का कारखाना; क्षय (पु० ) 1 शरीर के तत्त्वों का क्षय 2 वीर्य हानि 3 क्षय रोगः क्षीणता (स्त्री०) वीर्य की कमी; ज | (वि०) धातु से उत्पन्न II ( पु० ) खनिज या शैलज तेल; ~ दुर्बलता (स्त्री०) धातु क्षीणता; ~परीक्षक (पु०) धातु की जाँच करनेवाला; परीक्षा (स्त्री०) धातु की जाँच; ~पाठ (पु० ) क्रियाओं के मूल रूपों की सूची; पाषाण (पु०) धातु वाला पत्थर; -पिंड (पु० ) धातु का ढेला भस्म (पु० ) धातु का कुश्ता; ~मर्म (पु० ) दे० धातुवाद; ~मल (पु० ) 1 शरीस्थ धातुओं के विकारी अंश 2 धातुओं को गलाने से निकलनेवाला व्यर्थ पदार्थ ~ मिश्रण, ~मेल (पु०) धातुओं का मिलाना; ~युग (पु० ) पाषाणकाल के बाद का युग; रचना (स्त्री०) क्रिया के मूल रूप की रचना -राग (पु० ) धातुओं से निकला रंग (जैसे- गेरू); ~रूप (पु० ) क्रिया के रूप; ~वाद (पु०) खनिज पदार्थ को साफ़ एवं उपयोगी बनाने की विद्या, कीमियागरी; ~वादी (पु०) धातुवाद का ज्ञाता; ~ विज्ञान (पु० ) धातुशास्त्र ~ विदू (पु०) = धातु शास्त्री ~ विद्या ( स्त्री०) = धातु शास्त्र; विशेषज्ञ (पु० ) = धातु शास्त्री; ~ शास्त्र ( पु० ) धातु तैयार करने, उन्हें परिष्कृत एवं शुद्ध करने आदि का वर्णन करनेवाला विज्ञान;
~ शास्त्री (पु० ) धातु शास्त्र का ज्ञाता -शिल्प (पु० ) धातु की कारीगरी; ~शोधन (पु०) धातु को साफ़ करने का काम शोध, शोधन कारखाना + फ़ा० (पु० ) धातु
धार
को साफ़ करने का कारखाना; -संकर (पु०) धातु मिश्रण; ~ स्तंभक (वि०) वीर्य स्खलन को रोकनेवाला धातुमय-सं० (वि०) 1 खनिज पदार्थों से पूर्ण 2 जिसमें खनिज पदार्थ का प्राचुर्य हो
धात्र - सं० ( पु० ) 1 बर्तन, पात्र 2 आधान धात्री - सं० (स्त्री०) 1 माता, माँ 2 दूध पिलानेवाली दाई, धाय 3 पृथ्वी । ~ विद्या (स्त्री०) प्रसव कराने की विद्या धात्वर्थ-सं० (पु० ) धातु से निकलनेवाला अर्थ, प्राथमिक अर्थ (जैसे- प्रभाकर का धात्वर्थ प्रकाश करनेवाला होगा ) धात्विकीकरण-सं० (पु० ) धातु बनाना धात्वीय-सं० (वि०) धातु का
धान - ( पु० ) 1 तृण जाति का एक प्रसिद्ध पौधा जिसके बीज को चावल कहा जाता है. शालि (जैसे- धान की खेती करना) 2 छिलके में बंद या लिपटा हुआ चावल (जैसे-महीन धान ) । ~पान I (पु० ) विवाह के कुछ ही समय पूर्व वर पक्ष द्वारा कन्या के घर धान एवं हल्दी भेजने की एक रस्म II (वि०) धान एवं पान की तरह दुबला-पतला धानक - ( पु० ) 1 धनिया 2 धनु चलानेवाला धानमाली-सं० (पु०) 1 दूसरे के चलाए गए अस्त्र का प्रतिकार करने की एक क्रिया 2 अन्य द्वारा चलाए गए अस्त्र को रोकना धाना - (अ० क्रि०) बो० 1 दौड़ना 2 तेज़ी से आगे बढ़ना 3 दौड़-धूप करना
धानी - I (वि०) धान की हरी पत्तियों के रंग जैसा, हल्का हरा (जैसे- धानी दुपट्टा )
:- जधानी)
धानी - II सं० (स्त्री०) 1 स्थान, अधिष्ठान 2 आधार, स्टैंड
धानुक - ( पु० ) 1 धनुर्द्धर, कमनैत, 2 कहारों की तरह सेवा कार्य करनेवाली एक जाति 3 इस जाति का व्यक्ति धान्य-सं० ( पु० ) 1 अनाज, गल्ला 2 धान। ~शाला (स्त्री०) = धान्यागार; ~हाट हिं० (स्त्री०) अनाज का
बाज़ार
धान्यागार - सं० (पु० ) अनाज का कोठा धाप - (पु० ) 1 धापना 2 एक साँस में दौड़कर पार की गई दूरी
धाप - (स्त्री०) संतोष, तृप्ति
धाबा - (पु०) 1 छत के ऊपर का कमरा अटारी 2 वह स्थान जहाँ दाम देकर कच्ची रसोई बैठकर खाने को मिले, बासा, होटल
धाभाई - (पु० ) विभिन्न माताओं से उत्पन्न वे बच्चे जो एक ही दाई का दूध पीकर पले हों, दूध भाई
धाम - सं० (पु० ) 1 रहने का स्थान 2 घर, मकान, तीर्थ स्थानें, देव स्थान (जैसे चारों धाम, बैकुंठ धाम ) धायँ - (स्त्री०) धाँय
धाय - (स्त्री०) दूध पिलानेवाली दाई
धार - 1 (स्त्री०) 1 धारा (जैसे पानी के तल की धार) 2 पानी का सोता 3 पशुओं आदि के स्तन दहने पर निकलनेवाली दूध की धारा 4 हथियार आदि का पैना किनारा (जैसे-तलवार की धार) II (वि०) धारवाला र +फ्रा० (वि०) जिसमें धार हो। चढ़ाना देवता आदि को दूध चढ़ाना; टूटना धार का प्रवाह खंडित होना; निकालना माद्रा पशु का