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धर्मतः
(स्त्री०) 1 न्यायालय, कचहरी 2 धर्म संबंधी सभा, धार्मिक संस्था, सारी (स्त्री० ) = धर्मशाला; ~ सुधारक + हिंο (पु०) धर्म का सुधार करनेवाला; ~ सेवन (पु० ) धर्म का पालन; ~ स्थल (पु०) धार्मिक स्थान; ~ हीन (पु० ) धर्म के अनुरूप आचरण न करनेवाला व्यक्ति; बिगाड़ना 1 धर्म नष्ट करना 2 धर्मच्युत करना 3 स्त्री का सतीत्व नष्ट करना; -- रखना 1 धर्म च्युत होने से बचना 2 धर्म- च्युत होने से बचा लेना
धर्मतः सं० ( क्रि० वि०) 1 धर्म के अनुसार 2 धर्म को साक्षी देकर
धर्मस्व - I सं० (वि०) पुण्यार्थ, धमार्थ कार्यों में लगाया हुआ II ( पु०) धार्मिक उद्देश्य की सिद्धि हेतु स्थापित की गई संस्था, समाज
धर्मांतर - सं० ( पु० ) दूसरा धर्म, अन्य धर्म धर्मांतरण - सं० ( पु० ) दूसरा धर्म ग्रहण करना धर्मातरित सं० (वि०) जिसने अन्य धर्म को स्वीकार किया हो धर्माध-सं० (वि०) 1 स्वधर्म में अंधश्रद्धा होने से दूसरे के धर्म को द्वेष भावना से देखनेवाला 2 स्वधर्म के अतिरिक्त अन्य धर्म की बातों को न माननेवाला 3 धर्म के नाम पर लड़नेवाला । ~ता (स्त्री०) 1 धर्मांध होने का भाव 2 धर्म में अंध श्रद्धा धर्माचार्य - सं० (पु०) धर्म गुरु
धर्मात्मा-सं० (वि०) 1 धर्मानुसार आचरण करनेवाला 2 बहुत नेक एवं भला
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धर्मादा - ( पु० ) धर्मार्थ निकाला गया धन धर्माधर्म-सं० ( पु० ) 1 धर्म और अधर्म 2 धर्म एवं अधर्म का
ज्ञान
धर्माधिकरण-सं० (पु०) न्यायालय
धर्माधिकरणिक-सं० ( पु०) न्यायाधीश.
धर्माधिकारी-सं० (५०) धर्म-अधर्म का विचारक
धर्माधिष्ठान-सं० (पु०) न्यायालय
धर्माधिपति सं० (५०) न्याय करनेवाला व्यक्ति, जज
धर्माध्यक्ष--सं० (पु०) धर्माधिकारी
धर्मानुकूल सं० ( क्रि० वि०) धर्म के अनुरूप
धर्मानुयायी -सं० (पु० ) धर्मावलंबी धर्मानुराग-सं० (५०) धर्मनिष्ठा धर्मानुष्ठान-सं० (पु०) धर्माचरण
धर्मापेत- I सं० (वि०) 1 अधार्मिक 2 अन्याय संगत II (पु० ) 1 अधर्म 2 अन्याय 3 पाप
धर्माभास -सं० ( पु० ) नाम मात्र का धर्म, असद्धर्म धर्माभिमानी-सं० (वि०) अपने धर्म पर गर्व करनेवाला धर्मार्थ - I सं० (वि०) 1 धार्मिक कार्य हेतु निकाला गया 2 धर्म हेतु किया गया II ( क्रि० वि०) मात्र धर्मार्थ निमित III (पु०) धार्मिक दान
धर्मावतार - सं० ( पु० ) 1 परम धर्मात्मा 2 न्यायाधीश धर्मावलंबी-सं० (बि०) धर्म का आश्रय लेनेवाला धर्माश्रयी -सं० (वि०) धर्म की शरण में आया हुआ धर्माश्रित-सं० (वि०) 1 धर्मानुकूल 2 न्यायपूर्ण धर्मासन - सं० ( पु० ) न्यायाधीश का आसन धर्मिणी - I सं० (स्त्री०) पत्नी II (वि०) धर्म करनेवाली
=
धाँसना
धर्मिष्ठ - सं० (वि०) 1 धर्म पर स्थित रहनेवाला, धार्मिक 2 पुण्यात्मा
धर्मी सं० (वि० ) 1 धर्म करनेवाला, धर्मात्मा, पुण्यात्मा 2 विशेष धर्म से युक्त (जैसे-द्रव-धर्मी, ताप-धर्मी) 3 विशेष धर्मानुयायी
धर्मेतर-सं० (वि०) धर्म से भिन्न धर्मोत्तर-सं० (वि०) अत्यंत धार्मिक
धर्मोन्माद - सं० (पु० ) 1 धर्मांधता में धर्म के नाम पर अनुचित कार्य कर जाना 2 धार्मिक विचारों में डूबे रहने का पागलपन धर्मोपदेशक-सं० (पु०) धर्म-गुरु
धर्म्य - सं० (वि०) 1 धर्म संबंधी 2 धर्म संगत, न्यायपूर्ण । --ता (स्त्री०) 1 न्यायपूर्णता 2 धार्मिकता धर्ष-सं० (पु० ) 1 ढिठाई, अविनय 2 असहिष्णुता 3 अधीरता
4 अनादर, अपमान 5 सतीत्व हरण 6 अशक्तता, असमर्थता धर्षण, धषणा-सं० ( पु० ) 1 दबोचना 2 पराभव 3 अनादर,
अपमान 4 स्त्री - प्रसंग, संभोग 5 सतीत्वहरण धर्षित - सं० (वि०) 1 पराजित 2 अपमानित
धर्षिता - सं० (स्त्री०) 1 पराजित स्त्री 2 भ्रष्टा 3 कुलटा, असती 4 पुंश्चली
धर्षी-सं० (वि०) 1 धर्षण करनेवाला 2 दबोचनेवाला 3 अपमान करनेवाला 4 परास्त करनेवाला 5 मैथुन करनेवाला धवरा-बो० (वि०) उजला, सफ़ेद धवरी बो० (स्त्री०) 1 धवर पक्षी की मादा 2 सफ़ेद रंग की
गाय
धवल-सं० (वि०) 1 उजला, सफ़ेद 2 निर्मल, स्वच्छ धवला -सं० (स्त्री०) सफ़ेद गाय
धवलित-सं० (वि०) 1 उज्वल 2 साफ़ किया हुआ धवलिमा सं० (स्त्री०) 1 उज्ज्वलता 2 सफ़ेदी
धवली -सं० (स्त्री०) सफ़ेद गाय
धसक - (स्त्री०) 1 खाँसते समय उत्पन्न होनेवाला खस-खस या धस - धस शब्द 2 सूखी खाँसी
धसकना - (अ० क्रि०) 1 धँसना, दबना 2 दुःखी होना 3 बैठना (जैसे-दिल धसकना) 4 दहलना
धसना - I (अ० क्रि०) बो० = धँसना II ( अ० क्रि०) ध्वस्त होना III (स० क्रि०) ध्वस्त करना
धसान- बो० (स्त्री०) धँसन, धँसान
धाँगड़ - (पु० ) अनार्य जंगली जति 2 कुएँ, तालाब आदि खोदनेवाली एक जाति
धाँधना - (स० क्रि०) 1 बंद करना, भेड़ना 2 बहुत अधिक खाना 3 ध्वस्त करना, नष्ट-भ्रष्ट करना 4 परेशान करना धाँधल - (स्त्री०) 1 शैतानी, ऊधम 2 धूर्तता 3 दग़ाबाज़ी 4 जल्दबाज़ी
धाँधली - (स्त्री०) 1 उत्पात, उपद्रव 2 शरारत, पाजीपन 3 कपट, छल 4 शीघ्रता
धाँय - (स्त्री०) बंदूक, तोप आदि के चलने से उत्पन्न होनेवाला शब्द (जैसे- धाँय धाँय दो फ़ायर हुए)
धाँस - (स्त्री०) 1 खाँसी पैदा करनेवाली तेज़ गंध 2 तंबाकू आदि की गंध से उत्पन्न खाँसी
धाँसना - ( अ० क्रि०) 1 पशुओं का खाँसना 2 पशुओं की तरह खाँसना, ढाँसना