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पौंकनी
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ध्वंसित
बकनी-(स्त्री०) 1 आग दहकाने की चमड़े की थैली का बना | देना) 3 बुद्धि, समझ 4 स्मृति, ख्याल 5चित्त, मन उपकरण 2 फुकनी
(जैसे-पढ़ने से ध्यान हटना) 5 एक विषय-विशेष पर चित्त चौका-बो० (पु०) गर्म हवा, लू
स्थिर करना (जैसे-गणित में ध्यान देना ज़रूरी है) पूर्वक बोकिया-(पु०) 1 धौंकनेवाला आदमी 2 बर्तनों पर कलई (क्रि० वि०) ध्यान से; ~मन (वि०) ध्यान में लीन, ध्यान करनेवाला कारीगर
में लगा हुआ; ~योग (पु०) ध्यान लगाने की योग क्रिया। याँकी-(स्त्री०) धौंकनी
~आना स्मरण होना, याद आना; छूटना ध्यान भंग होना; घोकू-(वि०) धौंकनी चलानेवाला
देना 1 ख्याल करना 2 मन लगाना; ~धरना 1 ईश चिंतन बोज-(स्त्री०) 1 दौड़-धूप 2 घबड़ाहट
करना 2 स्वरूप चिंतन करना; ~पर चढ़ना याद होना; घोजन-(स्त्री०) 1 परेशानी, बेकली 2 दौड़-धूप से उत्पन्न बंधना मन का एकाग्र होना; ~में न लाना 1 न विचारना घबराहट
2 चिंता न करना; से खरना भूलना घोजना-I (अ० क्रि०) 1 दौड़-धूप करना 2 परेशान होना II ध्यानस्थ सं० (वि०) =ध्यान मम (स० क्रि०) कुचलना, रौंदना
ध्यानाकर्षक-सं० (वि०) ध्यान आकर्षित करनेवाला घोताल-(वि०) 1 धुन का पक्का 2 चतुर, चालाक 3 चंचल, ध्यानाकर्षण-सं० (पु०) ध्यान आकर्षित करना चपल 4 निपुण, पटु 5 साहसी 6 उज्डड, गवाँर 7 उपद्रवी, ध्यानावस्था-सं० (स्त्री०) ध्यान की स्थिति शरारती
ध्यानास्थ-सं० (वि०) = ध्यान-मग्न घो-धों-(पु०) दमामा से निकलनेवाली आवाज़। ~मार ध्यानी-सं० (वि०) 1 ध्यान लगानेवाला 2 ध्यानशील (स्त्री०) उतावली, जल्दी, शीघ्रता
ध्येय-[सं० (वि०) 1 ध्यान योग्य 2 जिसका ध्यान किया जाय घौर-बो० (स्त्री०) सफ़ेद ईख
II (पु०) 1 ध्यान का विषय 2 उद्देश्य, लक्ष्य। निष्ठा घाँस-(स्त्री०) 1 आतंक, भय 2 झाँसा, भुलावा 3 धाक
(स्त्री०) स्वउद्देश्य के प्रति आस्था; ~पथ (पु०) उद्देश्य 4 अनुचित आचरण (जैसे-धौंस दिखाकर रुपए ऐंठना)। मार्ग; ~वादिता (स्त्री०) = ध्येय निष्ठा; ~वादी (वि०)
पट्टी (स्त्री०) 1 झाँसा-पट्टी 2 आंतक भरी बात ध्येय में विश्वास रखनेवाला घोसना-(स० क्रि०) 1 धौंकना 2 ज़बरदस्ती बल प्रयोग करना ध्रुव-1 सं० (वि०) 1 अटल, अचल 2 नित्य, शाश्वत 3 डराना-धमकाना 4 मारना-पीटना
(जैसे-ध्रुव-सत्य) 3 बिल्कुल निश्चित और पक्का घोसा- (पु०) 1 बड़ा नगाड़ा, डंका 2 शक्ति, सामर्थ्य (जैसे-ध्रुक-प्रyि II (पु.) 1 उत्तर दिशा में स्थित एक घोसिया-I (पु०) 1 धौंस दिखानेवाला व्यक्ति 2 चालाक प्रसिद्ध तारा 2 भूगोल में पृथ्वी के दो नुकीले सिरे (जैसे-उत्तरी घोसिया-II (पु०) धौंसा बजानेवाला व्यक्ति
ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव)। ता (स्त्री) 1 अचलता, स्थिरता घोत-1 सं० (वि०) साफ़ किया हुआ 2 सफ़ेद, उजला II 2 निश्चय 3 ध्रुव होने की अवस्था; तारक, तारा (पु०) चाँदी
(पु०) उत्तर दिशा में सदा एक ही स्थान पर स्थित रहनेवाला वैति-सं० (स्त्री०) 1 धुलाई 2 आँत साफ़ करने की हठयोग तारा; दर्शक (पु०) 1 कुतुबनुमा 2 सप्तर्षि मंडल;
की एक क्रिया 3 इस क्रिया में काम आनेवाली कपड़े की पट्टी दर्शन (पु०) 1 विवाह के बाद वर-वधू को ध्रुव तारे का धौर-(पु०) सफ़ेद परेवा
कराया जानेवाला दर्शन 2 इस तरह की वैवाहिक रीति; घोरा-(वि०) 1 सफ़ेद 2 उजला, साफ़
~मत्स्य (पु०) कुतुबनुमा; ~यात्रा (स्त्री०) ध्रुव तक घोराहर-(पु०) मकान का ऊपरी भाग जिसमें चढ़ने के लिए जाना; ~वृत्त (पु०) ध्रुव का गोला अंदर से सीढ़ियाँ बनी हों
ध्रुवण-सं० (पु०) 1वस्तु की ध्रुवता का पता लगाना 2विद्युत, धोरी-(स्त्री०) सफ़दे गाय, कपिला
सूर्य आदि के प्रकाश को विभिन्न स्थितियों में लाना. घौल-1 (स्त्री०) 1 हथेली से किया गया आघात 2 आर्थिक पोलराइजेशन
आघात। ~ धक्कड़ (पु०) - धौल धप्पड़; ~धक्का ध्रुवांचल-सं० (पु०) ध्रुव प्रदेश (पु०) आघात; धप्पड़, ~धप्पा, ~धापड़ा (पु०)
ध्रुवी-सं० (वि०) ध्रुव से संबंधित, ध्रुव का। -करण (पु०) 1 मारपीट 2 उपद्रव, दंगा
__= ध्रुवण घोल-II(वि०) 1 उजला, साफ़ 2 सफ़ेद, श्वेत
ध्रुवीय-सं० (वि०) 1 धुव संबंधी 2 ध्रुव प्रेदश का धौला-(वि०) धवल
ध्रुवीयण-सं० (पु०) = ध्रुवीकरण, ध्रुवण घौलाई-(स्त्री०) धवलता
ध्रुवीयण-सं० (पु०) = धवीकरण, धुवण ध्यात-सं० (वि०) 1 ध्यान किया हुआ 2 विचारा हुआ, सोचा ध्वंस-सं० (पु०) विनाश। ~कारी (वि०) विनाश हुआ
करनेवाला, कीट (पु०) नाश करनेवाले कीटाणु ध्यातव्य-सं० (वि०) 1 ध्यान देने योग्य 2 विचार करने योग्य, ध्वंसक-सं० (वि०) नाश करनेवाला, (जैसे-ध्वंसक पदार्थ) विचारणीय
ध्वंसन-सं० (पु०) नाश करना, नष्ट करना ध्याता-सं० (पु०)/(वि०) 1ध्यान करनेवाला, ध्वंसात्मक-सं० (वि०) विनाशवाला 2 विचारनेवाला
ध्वंसावशेष-सं० (पु०) 1 खंडहर 2 टूट-फूट जाने पर बचे ध्यान-सं० (पु०) स्वरुप चिंतन (जैसे-ईश्वरीय ध्यान) | टुकड़े 2 चित्त की एकाग्रता, गौर (जैसे-आध्यात्मिक पुस्तकों पर ध्यान | ध्वंसित-सं० (वि०) ध्वंस किया हुआ