________________
दृग्-मिचाव
404 दुग-मिचाव-सं० । हिं० (प्०) आँख-मिचोली का दृश्यादृश्य-सं० (वि०) दिखाई पड़नेवाला और न दिखाई खेल
देनेवाला दृग्वृत्त-सं० (पु०) क्षितिज
दृश्याभास-सं० (पु०) आँखें बंद कर लेने पर भी देखी गई दृढ़-सं० (वि०) 1 प्रगाढ़ (जैसे-दृढ़ आलिंगन) 2 पक्का, | वस्तु का प्रतिबिंब, चित्र का आभास होना, विद्यमान-सा प्रतीत मज़बूत 3 बलवान् और हृष्ट-पष्ट 4 विचलित न होनेवाला, होना अटल (जैसे-दृढ़ विश्वास, दृढ़ प्रतिज्ञा) 5 जिसमें परिवर्तन न दृश्यालेख्य-सं० (पु०) देखने और लिखने का हो सके (जैसे-दृढ़ निश्चय, दृढ़ भरोसा, दृढ़ कर्म)। | दृश्यावली-सं० (स्त्री०) दृश्यों की श्रेणी
कारिता (स्त्री०) (बात) पक्का करना; ~कारी (वि०) दृश्यावलोकन सं० (पु०) दृश्य का देखना 1 दृढ़ निश्चय 2 दृढ़ बनानेवाला; चित्त (वि०) दृढ़ | दृष्ट-[ सं० (वि०) 1 देखा हुआ 2 दिखाई पड़नेवाला हृदयवाला; चेता (वि०) दृढ़ विचारोंवाला; --ता II (पु०) 1 दर्शन 2 साक्षात्कार। -कूट (पु०) 1 पहेली (स्त्री०) 1 मज़बूती 2 प्रतिज्ञा एवं विचारों आदि पर अडिग 2 रुढ़ अर्थ से निकलनेवाली अर्थप्रधान कविता; नष्ट रहने की अवस्था 3 दृढ़ रहने का भाव; ~ता-पूर्वक (वि०) (वि०) क्षण भर को दिखाई देकर लुप्त हो जानेवाली; पृष्ठ मज़बूती से; --निश्चय (वि०) अडिग, अटल रहनेवाला; (वि०) युद्धभूमि से भागनेवाला; ~वाद (पु०) प्रत्यक्ष
नेमि (वि०) मज़बूत धुरीवाला; प्रतिज्ञ (वि०) प्रतिज्ञा क्रियाओं की सत्ता का सिद्धांत पर अटल रहनेवाला; ~फल (पु०) नारियल; - बद्ध दृष्टमान्-सं० (वि०) दिखाई देनेवाला (वि०) मज़बूती से बँधा हुआ; व्रत (वि०) = दृढ़ प्रतिज्ञ; | दृष्टव्य-सं० (वि०) दिखाई देने योग्य
संकल्प (वि०) पक्का इरादा; - संकल्पता (स्त्री०) दृढ़ दृष्टांत-सं० (पु०) 1 निश्चित एवं प्रामाणिक रूप देखना निश्चितता; ~~संकल्पी (वि०) दृढ़ संकल्प करनेवाला; 2 मिसाल 3 साहि० सादृश्य मूलक अर्थालंकार जिसमें उपमेय -संधि (वि०) सटकर, जुड़कर एक हुआ
एवं उपमान वाक्यों तथा दोनों के धर्मों में बिंब-प्रतिबिंब भाव दृढ़त्व-सं० (पु०) - दृढ़ता
दिखाया जाए। परक (वि.) दृष्टांत पर आधारित रूप द्रढ़ांग-सं० (वि०) मज़बूत अंगोंवाला, हृष्ट-पुष्ट
(क्रि० वि०) दृष्टांत के तौर पर दृढ़ाना-+ हिं० 1 (स० क्रि०) 1 मज़बूत करना 2 स्थिर करना | दृष्टांतवत्-सं० (क्रि० वि०) दृष्टांत की तरह
II (अ० क्रि०) 1 कड़ा होना, मज़बूत होना 2 पक्का होना, दृष्टार्थ-सं० (वि०) 1 जिसका अर्थ एवं विषय स्पष्ट हो स्थिर होना
2 व्यावहारिक दृढ़ापन-सं० (पु०) । पक्का करना, पुष्टि 2 नियुक्ति आदि को दृष्टि-सं० (स्त्री०) 1 अवलोकन, निगाह, नज़र 2 देखने की पक्का ठहराना, कनफर्मेशन
शक्ति 3 दीठ, टक 4 प्रकाश 5 ज्ञान 6 मत, विचार दृढ़ायुध-[सं० (वि०) 1 अस्त्र ग्रहण करने में पक्का 2 युद्ध में 7 अभिप्राय (जैसे-किस दृष्टि से आपने कहा) 8 आशा भरी तत्पर II (पु०) धृतराष्ट्र का एक पुत्र
नज़र। -कोण (पु०) देखने, सोचने-समझने का पहल, दृढ़ीकरण-सं० (पु०) = दृढ़ापन
व्यू-प्वाइंट; ~क्रम (पु०) मुनासिबत, पर्सपक्टिव; ~क्षेप दृता-सं० (स्त्री०) जीरा
(पु०) = दृष्टि-निक्षेप; ~गत, ~गोचर I (वि०) 1 स्पष्ट दृति-सं० 1 चमड़ा, खाल 2 खाल का बना पात्र 3 मशक। | दिखाई पड़नेवाला 2 देखा हुआ II (पु०) देखी जानेवाली हार (पु०) भिश्ती
वस्तु, देखने का विषय; दोष (पु०) 1 नज़र का बुरा प्रभाव दृप्त-सं० (वि०) 1 इतराया हुआ, गर्वित 2 प्रचंड, उग्र 2 देखने में त्रुटि होना; निक्षेप (पु०) नज़र डालना, 3 प्रफुल्लित 4 चमकता हुआ
अवलोकन; ~पटल (पु०) आँख की पुतली के पिछले भाग में दृश--[ सं० (वि०) 1 देखनेवाला, दर्शक 2 दिखानेवाला, निहित कोशिका का तंत्र; ~पथ (पु०) दृष्टि का प्रसार, नज़र की प्रदर्शक II (पु०) देखना III (स्त्री०) 1 दृष्टि 2 आँख पहुँच; परंपरा (स्त्री०) . - दृष्टि क्रम; पात 3 ज्ञान
(पु०) 1 सरसरी निगाह से देखना 2 अवलोकन; बंध दृशा-सं० (स्त्री०) आँख
(पु०) नज़रबंदी; -बिंदु (पु०) क्रम; ~पात (पु०) दृशि-सं० (स्त्री०) 1 आँख 2 उजाला, प्रकाश 3 शास्त्र सरसरी निगाह से देखना 2 दृष्टिकोण; ~भ्रम (पु०) वस्तु का दृशी-सं० (स्त्री०) 1 दृष्टि 2 प्रकाश
अस्तित्व न होने पर मात्र वस्तु का आभास होना, धोखा, भ्रांति; दृशी-I सं० (पु०) 1 नज़ारा 2 तमाशा II (वि०) 1 देखने रोध (पु०) 1 देखने के काम में होनेवाली रुकावट योग्य, दर्शनीय 2 दिखाई देनेवाला 3 ज्ञेय एवं स्पष्ट 4 जानने 2 व्यवधान (जैसे-दृष्टि-रोध उत्पन्न करना); ~वाद (पु०) योग्य, ज्ञातव्य। ~गत (वि०) दिखाई देनेवाला; चित्र = दृष्टवाद; विक्षेप (पु०) 1 तिरछी चितवन, कटाक्ष (पु०) प्राकृतिक दृश्य का फोटो; जगत् (पु०) वास्तविक 2 दृष्टिपात; हीन (वि०) जिसे दिखाई न पड़े, जो न देख
जगत्, फिनामेनल वर्ल्ड; ~ता (स्त्री०) दिखाई देने का भाव सके। ~उठाना 1 निगाह भर कर देखना 2 सामना करना; दृश्यत्व-सं० (पु०) 1 दृश्य होने की अवस्था 2 ऐसी स्थिति ~गडाना गौर से देखना; ~पर रखना देखते रहना;
जिसमें देखने की शक्ति अपना काम करती है, विजिबिलिटी -फिरना पहले जैसा प्रेम न रह जाना; फेरना उपेक्षा दृश्यमय-सं० (वि०) 1 दृश्योंवाला 2 दिखाई देनेवाला करना; बचाना 1 शर्माना 2 कतराना; ~भर देखना जी दृश्यमान्-सं० (वि०) दिखाई देनेवाला
भरकर देखना; ~मारी जाना अंधा होना; मिलाना दृश्यात्मक-सं० (वि०) दृश्य संबंधी
देखा-देखी करना; ~में समाना पसंद आ जाना; लगाना