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दोअन्नी
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दोलन
1 असमंजस की स्थिति 2 विकलता, उद्विग्नता; ~तला बो० । दोतही-फा० (स्त्री०) देशी मोटी चादर, दो सूती (वि०), तल्ला (वि०) दो खंडवाला (जैसे-दो तल्ला दोतारा-फा० + हिं० (पु०) दुतारा मकान); ~धारा (वि०) दुधारा; ~~नला (वि०) दुनाली; दोदना-I (स० क्रि०) बो० 1 सामने कही हुई बात से मुकर नाली (वि०) दो नलीवाला (जैसे-दोनाली बंदूक); जाना 2 कही हुई बात सुनकर भी यह कहना कि तुमने ऐसा
पलिया बो (वि०). -पल्ली (वि०) दो पल्लोंवाला नहीं कहा था II (वि०) मुकरनेवाला (जैसे-दो पल्ली दरवाज़ा); ~भवन + सं० (वि०) दोदिला-फा० (वि०) दुदिला द्विसदनी; ~भाषिया + सं० - हिं० (वि०) दुभाषिया; दोन-(पु०) 1 दो पहाड़ों के बीच की नीची ज़मीन, दून ~मुँहा, ~मुखी (वि०) दोमुंहा; रंगा (वि०) = दुरंगा; 2 दोआबा 3 दो नदियों का संगम 4 दो वस्तुओं का मेल
रंगी (सी०) 1 दोरंगावस्था 2 दोनों पक्षों में होनेवाली ___ II (पु०) बाँस का खोखला लंबा टुकड़ा बात-व्यवहार; ~हत्थड़ । (वि०) दोनों हाथों से किया | दोना-(पु०) 1 पत्ते का बना हुआ कटोरानुमा पात्र (जैसे-दोना जानेवाला II (पु०) दोनों हाथों से किया गया आघात III ___ भरकर मिठाई देना) 2 दोने में भर कर रखी गई वस्तु (क्रि० वि०) दोनों हाथों से; हत्था I (वि०) 1 दोनों हाथों (जैसे-मुझे भी एक दोना देना) से किया जानेवाला (जैसे-दो हत्था मार-पीट) 2 दो मूठोंवाला | दोनिया-(स्त्री) छोटा दोना। II (क्रि० वि०) दोनों हाथों से; ~आखों देखना समान दृष्टि दोनों-(वि०) दो में से प्रत्येक, उभय से न देखना; दिन का 1 हाल का (जैसे-अभी दो दिन की दोपट्टा-(पु०) दुपट्टा बात है) 2 बहुत कम उम्र का; नावों पर चढ़ना, नावों | दोपल्लू-(वि०) दोपल्ली पर पैर रखना दो वस्तुओं का सहारा लेना; सिर होना। दोपहर-(स्त्री०) 1 दिन के मध्य का समय, मध्याह्न 2 दिन में मरने को तैयार होना
बारह बजे एवं उसके आस-पास का समय दोअन्नी-(स्त्री०) दो आने का एक पुराना सिक्का दोपहरिया-बो० (स्त्री०), दोपहरी-(स्त्री०) मध्याह्न, दोअमली-फ़ा० । अ० + फ़ा० (स्त्री०) दो शासकों का राज, दोपहर दो प्रकार का राज्य, द्वैध शासन
दोपाया-फ़ा० (वि०) दो टाँगोंवाला दोआब, दोआबा-फ़ा० (पु०) दो नदियों के बीच की ज़मीन, | दोपीठा-(वि०) 1दो रुखा 2 दोनों ओर छपा हआ भू खंड
दोपौवा-(पु०) 1 दो पाव (जैसे-दोपौवा दूध देना) 2 दो पाव दोई-बो० (वि०) दो
का बाट, अध-सेरा 3 पान की आधी ढोली दोउ-बो० (वि०) दोनों
दोप्याज़ा-फ़ा० (पु०) अधिक प्याज़ डालकर पकाया गया मांस दोकोहा, दोकोहान-फा० (वि०) दो कूबड़वाला दोफला-(वि०) दो फलवाला दोखसमी-फा० + अ० + फ़ा० (स्त्री०) दो पतिवाली स्त्री | दोफ़सली-फ़ा० + अ० + फ़ा० (वि०) 1 जिसमें दो फ़सलें दोखी-बो० (वि०) दोषी
उगाई जा सकें (जैसे-दोफ़सली खेत) 2 दोनों फ़सलों से दोग़ला-(पु०) वर्णसंकर दोगला-(पु०) बाँस की कमाचियों का बना गोलाकार गहरा | दोबरसी-(वि०) दोसाला पात्र
दोबल-(पु०) दोष, अपराध दोगा-I (पु०) लिहाफ़ का मोटा कपड़ा II पानी में घुली हुई दोबारा-फा० I (क्रि० वि०) दूसरी दफा, पुनः, फिर
सीमेंट आदि (जैसे-फर्श पर दोगा देकर चिकना करना) (जैसे-दोबारा पढ़ना) II (वि०) पुनः होनेवाला दोगाड़ा-(पु०) दोनाली बंदूक
दोबाला-फ़ा० (वि०) दुगुना, दूना दोगुना-बो० (वि०) दुगुना
दोमंज़िला-फ़ा० + अ० + हिं० (वि०) = दुमंज़िला दोचंद-फ़ा० (वि०) दुगुना, दूना
दोमहला-फा० + अ० (वि०) दो भवनोंवाला, दो मंज़िलवाला दोच-बो० (स्त्री०), दोचन (स्त्री०) 1 असमंजस, दुबधा (जैसे-दो महला बँगला) 2 तकलीफ़, कष्ट 3 संकट, विपत्ति 4 दबाव
दोरसा-(वि०) 1दो प्रकार के स्वादवाला (जैसे-दोरसा दोचना-(स० क्रि०) दबाव डालना
तम्बाकू) 2 ऋतु परिवर्तन के समय का (जैसे-दोरसा दिन) दोचल्ला-(पु०) दो पलिया छाजन
दोराहा-फ़ा० (पु०) वह स्थान जहाँ से दो रास्ते निकलते हों दोज-बो० (स्त्री०) दूज
दोरखा-फा० (वि०) 1 दोनों तरफ़ समान रंगवाला 2 कभी दोज़ख-फा० (पु०) नरक, जहनुम
एक तरह का और कभी दूसरी तरह का (जैसे-दोरुखा दोज़खी-फा० (वि०) 1 नर्क संबंधी 2 नर्क में जानेवाला व्यवहार) दोज़ी-फा० + अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 दोनाली बंदूक 2 दो दोरुखी-फ़ा० (स्त्री०) दुरंगी बार चुआई हुई शराब
| दोल-सं० (पु०) 1 झूला, हिंडोला 2 डोली। ~लेख (पु०) दोज़ानू-फा० (क्रि० वि०) दोनों घुटने टेककर (जैसे-दोज़ानू | = दोलन लेख; लेखी (स्त्री०) = दोलन लेखी बैठना)
दोलक-सं० (वि०) दोलन करनेवाला दोजिया बो० (स्त्री०), दोजीवा-(स्त्री०) गर्भवती स्त्री दोलती-(स्त्री०) दुलत्ती दोटूक-(वि०) खरा, साफ़-साफ़ (जैसे-दोट्रक जवाब देना) दोलन-सं० (पु०) झूलना। गति (स्त्री०) डोलने की चाल; दोतरफा-फा० + अ० + फ़ा० (वि०) दुतरफ़ा
दर्शी (पु०) दोलन गति देखने का यंत्र; लेख (पु०)
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