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जिति
जिति-सं० (वि०) 1 टेढ़ा 2 घूमा हुआ 3 चकित, विस्मित जिह्मिकृत-सं० (वि०) झुकाया हुआ जिह्नक-सं० (पु०) स्पष्ट न बोल सकने का सन्निपात रोग जिल-सं० (वि०) चटोरा
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जिला-सं० (स्त्री०) जीभ, रसना । नोक + फ़ा० (स्त्री०) जीभ की नोक या सिरा; पश्च (पु० ) जीभ का पिछला हिस्सा फलक (पु०) पट्टी के रूप में जीभ; ~मल (पु०) जीभ पर जमी मैल भूल (पु० ) जीभ की जड़; ~मूलीय (वि०) जो जिह्वा मूल से उच्चारित हो; (पु० ) जीभ का स्वाद
स्वाद
जिह्वाप्र - I सं० (पु०) जीभ का अगला भाग II (वि०) जो हमेशा जीभ के अगले भाग पर रहे जिका-सं० (स्त्री० ) जीभी
जीना
जाना;
बहलाना चित्त को किसी प्रिय कार्य में लगाना; ~ बिगड़ना 1 जी मतलाना 2 घृणा लगना; बैठ जाना आंतरिक शक्ति का क्षीण हो जाना; ~भर आना दे० 1 जी पानी होना 2 अत्यधिक करुणा होना; ~ भरकर जितना जी चाहे (जैसे जी भरकर सता लो); ~भरना 1 तृप्ति होना, अघाना 2 संतुष्ट होना; भारी होना अनमना होना, तबीयत सुस्त होना; ~ मतलाना कै, वमन की इच्छा होना; आना 1 इच्छा होना; 2 विचार उठना में गड़ना मन में बस जाना; में जलना मन में कुढ़ना में धरना मन में स्थान देना, ध्यान देना; में बसना दिल में समा जाना, सदा याद रहना में बैठना 1 हृदय पर अंकित होना 2 उचित जान पड़ना में रखना 1 याद रखना, ख़याल करना 2 बुरा मानना; लगना दिल लगना; ~लगाना दिल लगाना; ~लरजना कलेजा काँपना; ललचाना 1 प्रबल इच्छा होना 2 लालच पैदा करना; लेना 1 मन टटोलना 2 प्राण लेना; ~लोटना इच्छित वस्तु के लिए दिल का बेचैन हो जाना; --सन्न होना होश उड़ जाना; -से जाना मर जाना; जाना विरक्ति होना, घृणा होना; हलका होना चिंता दूर होना; हाथ में करना, हाथ में रखना किसी को वश में करना, अपने अनुकूल बनाना हारना हिम्मत हारना; ~ हिल जाना दे० जी दहलना जी-II (अ०) 1 नाम, अल्ल, पदवी के साथ प्रयुक्त होनेवाला आदर सूचक शब्द (जैसे-अच्छा गुरु जी, आया पिताजी) 2 बड़ों के प्रति स्वीकृति, समर्थन आदि में प्रयुक्त होनेवाला शब्द (जैसे-जी हाँ, मैं गया था)। हुजूर + अ० (पु० ) हाँ सरकार; ~ हुजूरी - अ० + फ़ा० (स्त्री०) खुशामद जीजा - (पु० ) बहन का पति, बहनोई जीजी - ( स्त्री०) बड़ी बहन, दीदी
जींगन - (पु० ) = जुगनू
जी - I (पु० ) 1 जान, जीव 2 मन, चित्त, तबीयत 3 जीवट, साहस। जान से + फ़ा० (क्रि० वि०) दिल और जान से ~ आना किसी पर आसक्त होना, आशिक होना; उचटना किसी काम में मन न लगना; ~उड़ा जाना चित्त का उद्विग्न होना, घबराहट होना; उलझना दिल घबराना; ~करना 1 इच्छा होना, दिल चाहना 2 हिम्मत करना; का बुखार निकालना दिल का गुबार निकालना; ~ का बोझ हल्का हो जाना आशंका दूर हो जाना; की अमान माँगना प्राण रक्षा की प्रार्थना करना; की में रहना अरमान का पूरा न होना; ~ की पड़ना दे० जान की पड़ना; की लगी 1 मन की बात 2 मन का दुःख, मनोव्यथा को रोग लगना किसी बात की फ़िक्र करना; को लगना दिल पर चोट पहुँचना, दिल पर असर होना; - खट्टा करना दिल में घृणा भाव पैदा करना, विरक्ति का भाव भर देना; खट्टा होना मन में विरक्ति उत्पन्न हो जाना; खोना 1 जान देना 2 दिल का हाथ में न रहना; खोलकर जी भरकर, यथेष्ट चाहना इच्छा होना; चुराना काम से भागना, जान चुराना; छूटना हिम्मत पस्त होना, हताश होना; छोटा करना उत्साह कम करना; छोड़कर भाग जाना बदहवास होकर भागना;
छोड़ना हिम्मत हारना; जलना 1 संताप होना 2 कुढ़ना; जलाना 1 सताना 2 कुढ़ाना; जान लड़ाना 1 कठिन परिश्रम करना 2 मन लगाकर प्रयत्न करना; जान से 1 पूरे मन से, हृदय से 2 पूरी शक्ति से जान से फ़िदा होना पूर्णतः आशिक होना, तन-मन से प्यार करना; टँगा रहना आशंका बनी रहना; टूट जाना उत्साह न रह जाना, निराश हो जाना; ठंडा होना अभिलाषा पूर्ण होने से मन शांत होना, प्रसन्नता होना; डूबना मन का शिथिल एवं हतोत्साह होना; तरसना इच्छित वस्तु के लिए दिल का बेचैन होना; -दहलना भयभीत होना; दुखाना मन को कष्ट पहुँचाना; ~ देना 1 न्योछावर होना, प्राण देना 2 अत्यधिक प्यार करना; ~धक-धक करना भय से घबराना, दिल धड़कना; ~ निढाल होना चित्त व्याकुल होना; पक जाना कष्ट का असह्य हो जाना; पर आ बनना प्राण पर संकट आना, सुख-शांति का अंत होना; पर खेलना दे० जान पर खेलना पानी होना चित्त का दया से द्रवित होना; फट जाना विरक्त हो जाना; -बँटना ध्यान का दूसरी ओर चला
जीत - (स्त्री०) 1 विजय 2 सफलता, कामयाबी जीत-हार - ( स्त्री०) जय-पराजय
जीतना - (स० क्रि०) 1 विजय प्राप्त करना, विजयी होना 2 सफल होना (जैसे- मुक़दमे में जीतना ) 3 प्राप्त करना (जैसे- पुरस्कार जीतना)
जीता - I (वि०) ज़िंदा, जीवित (जैसे- दीवाल में ज़िंदा चुनवाना)। जागता (वि०) भला-चंगा, सशक्त, सजीव; जीती मक्खी निगलना जान बूझकर ग़लती करना II (वि०) जीता हुआ (जैसे-जीता खेल हार जाना) जीतालू - ( पु० ) अरारोट
जीतोड़ - (वि०) अति कठिन (जैसे-जीतोड़ प्रयास करना ) जीन - (वि०) जीर्ण, क्षीण
जीन-अं० (पु० ) बढ़िया, मज़बूत तथा मोटा सूती कपड़ा ज़ीन -फ़ा० (पु० ) घोड़े आदि की पीठ पर रखने की गद्दी, काठी, चारजामा (जैसे-ज़ीन कसना ) । ~ साज़ (पु० ) ज़ीन बनानेवाला कारीगर
ज़ीनत - अ० (स्त्री०) 1 शोभा 2 सजावट, श्रृंगार जीना - (अ० क्रि०) 1 जीवित रहना, शरीर में प्राण रहना (जैसे रोगी का दवा के बिना जीना मुश्किल है) 2 जीवन के दिन बिताना (जैसे- वृद्धावस्था में जीना मुश्किल हो जाता है) 3 प्रसन्न होना। जी उठना 1 हरा-भरा हो जाना (जैसे-पानी पाते ही पौधे जी उठे) 2 मरते का जी जाना