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ठिकियाना
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स्थान 7 उपाय, व्यवस्था 8 भरोसा, विश्वास 9 जागीर।। अफीम का ठीका) 2 कर आदि वसूलने का जिम्मा; पत्र -~लगना अवलंब प्राप्त होना; ~ लगाना 1 रहने का स्थान सं० (पु०) ठीके का इकरारनामा ठीक करना 2 नौकरी आदि का प्रबंध करना; ठिकाने आना | ठीकेदार-हिं० + फ़ा० (पु०) ठीके पर काम करनेवाला व्यक्ति ठीक रास्ते पर आना, असलियत पर पहँचना; ठिकाने की ठी-ठी-(स्त्री०) हल्की हँसी, बेहूदा हँसी। ~करना बेहूदा बात काम की बात, युक्ति संगत बात; ठिकाने न रहना हँसी हँसना चंचल बना रहना; ठिकाने पहँचाना अभीष्ट स्थान तक पहँचा ठीहा-(पु०) 1 लकड़ी या लोहे का टुकड़ा जिस पर रखकर देना; ठिकाने लगना 1 उचित स्थान पर पहुँच जाना 2 काम में कोई वस्तु गढ़ी, काटी जाती है 2 बढ़ई, लुहार आदि का कुंदा
आना 3 मर जाना; लगाना 1 मार डालना 2 खत्म कर देना __ 3 सीमा 4 वेदी 5 गद्दी 6 चाँड, थूनी ठिकियाना-(स० क्रि०) ठीक करना
ढूंठ-(पु०) = ढूँठ ठिगना-(वि०) छोटे कद का
ठकना-(अ० क्रि०) 1 ठोंका जाना 2 पीटा जाना 3 घाटा होना ठिठक-(स्त्री०) संकोच
4 व्यर्थ होना 5 ज़बरदस्ती आगे बढ़ना 6 परास्त होना ठिठकना-(अ० क्रि०) 1 सहसा रुक जाना 2 सहम जाना, ठकराना-(स० क्रि०) 1 ठोकर मारना 2 तिरस्कार पूर्वक हटाना स्तब्ध होना, ठक रह जाना
___3 दुतकारना ठिठरना, ठिठुरना-(अ० क्रि०) सर्दी से सिकड़ जाना, काँपना ठुकवाना-(स० क्रि०) 1 पिटवाना, मार खिलाना 2 ठोकने का ठिनकना-(अ० क्रि०) 1 मचलना 2 ठनकना 3 बनावटी तौर काम कराना से रोना
ठुड्डी-[ बो० (स्त्री०) भुना हुआ दाना जो खिला न हो, ठरौं ठिया-(पु०) अड्डा
ठुड्डी-II (स्त्री०) होंठ के नीचे निकली हुई हड्डी, ठोड़ी ठिर-(स्त्री०) 1 ठिठुरने की अवस्था ? सदों, पाला ठुनकना-1 (अ० क्रि०) - ठिनकना ठिरना-(अ० क्रि०) ठिठुरना
ठुनकना-II (स० क्रि०) 1 ठोंकना 2 इन शब्द उत्पन्न करना ठिलना-(अ० क्रि०) 1 ठेला जाना. ढकेला जाना 2 बढ़ाया | ठुनकाना-1 (स० क्रि०) ठुन-ठुन शब्द उत्पन्न करना
जाना, खिसकाया जाना 3 तेज़ी से घुसना 4 फँसना ठुनकाना-II (स० क्रि०) ठनकने में प्रवृत्त करना. ठिनकाना ठिलिया-(स्त्री०) मिट्टी की गगरी
ठुन-ठुन-(पु०) 1 बर्तन. धातु के टुकड़ों के बजने से उत्पन्न ठिलुआ-I (वि०) निठल्ला. बेकार II (वि०) जो ठेला जाता ध्वनि 2 रुक-रुककर एवं ठून-ठन करते हुए रोने का शब्द
(जैसे-यह लड़का हमेशा ठन-ठन लगाए रहता है। ठिल्ला-(पु०) मिट्टी का घड़ा
ठुमक-(स्त्री०) लुभावनी चाल ठिल्ली-(स्त्री०) - ठिलिया
ठुमकना-(अ० क्रि०) 1 बच्चों का धीर-धीर पैर पटकते और ठिहार-(वि०) । विश्वास करने योग्य. विश्वसनीय 2 ठीक इठलाते हुए चलना 2 नाच में धीरे-धीरे पैर पटकते हुए आगे 3 निश्चित
बढ़ना 3 नखरे से चलना ठिहारी-(स्त्री०) 1 ठहराव, स्थिति 2 निश्चय 3 विश्वास ठुमका-(पु०) । हल्का आघात 2 हल्का झटका (जैस-ठुमका ठीक-1 (वि०) । उपयुक्त ? युक्ति संगत 3 अच्छा लगाना)
4 मनोनुकुल 5 उचित 6 शुद्ध, सही ? यथार्थ 8 दुरुस्त न ठुमकारना-(स० क्रि०) ठुमका देना इधर न उधर 10 जैसा चाहिए वैसा. न ढीला न कसा || ठमकी-(स्त्री०) 1 ठुमककर चलने की क्रिया 2 धीर से किया (पू.) निश्चित होने की अवस्था (जैसे-उनके आने का कोई जानेवाला आघात, थपकी 3 दें० इमका ठीक नहीं) III (क्रि० वि०) । उचित प्रकार से (जैसे-घड़ी | ठुमरी-(स्त्री०) 1 छोटा मधुर गीत जिसे गाते समय प्रायः कई ठीक चल रही है) 2 नियत समय पर (जैसे-ठीक चार दिन | रागों का मिश्रण कर दिया जाता है बाद में वापस आया ) 3 ठहराव (जैसे-पहले रहने का तो ठीक ठुरियाना- बोल (अ० क्रि०) . ठिटरना हो जाए तब आगे बातें होंगी) 4 मुनासिब ढंग से (जैसे-इन्हें ठुरी-(स्त्री०) - ठुड्डी II ठीक करके सज़ा दो)। ठाक (वि.) | जो बिल्कुल ठुसकना-(अ० क्रि०) 1 [स-दस शब्द करते हुए रोना, दुरुस्त अवस्था में हा, पक्का || (पु०) 1 व्यवस्था, प्रबंध ठुन-ठुन करना 2 ठुस शब्द करते हुए पादना 2 निश्चय
ठुसना-(अ० क्रि०) 1 ठूस-ठूसकर भरा जाना 2 पेट भरकर ठीकड़ा-(प०) ठीकरा
खाया जाना ठीकम-ठीक-(अ०) । बिल्कुल ठीक 2 पूर्ण रूप से ठुसवाना-(स० क्रि०) ठूसने का काम कराना ठीकरा-(पु०) 1 मिट्टी के टूटे बर्तन का बड़ा टुकड़ा. भीख | ठुसाना-(स० क्रि०) 1 ठूसने में प्रवृत्त करना 2 भोजन करान माँगने का मिट्टी का बर्तन, भिक्षा पात्र 3 पुराना बर्तन 4 तुच्छ
खिलाना वस्त। -फोड़ना दोष मढ़ना; समझना कुछ न समझना; दूंग-(स्त्री०) ठोंग, चोंच होना अंधाधुंध खर्च होना
दूंठ-(पु) 1 वृक्ष का बचा हुआ धड़ 2 कटा हाथ ठीकरी-(स्त्री०) 1 छोटा ठिकर 2 तुच्छ वस्तु 3 चिलम पर दूंठा-(वि०) 1 बिना डाली-पत्ती का, शाखा रहित 2 जिसका रखने का मिट्टी का तवा
हाथ कटा हुआ हो, लंज 3 खाली, रिक्त 4 थोथा, निस्सार ठीका-(पू.) 1 नियत समय, दर पर कोई काम. बात ह्ठिया- बो० (वि.) 1 लूला-लँगड़ा 2 नपुंसक, हिजड़ा करने-कराने का इकरार. ठका (जैस-पल बनाने का ठीका. | ,ठी-(स्त्री०) फ़सल काट लेने के बाद पौधे की जड़ के पास