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हुआ
त्रुटित 376
थनैत भूल-चूक मानना
लेखन (पु०) शीघ्रलिपि, शार्टहैंड; ~वान् (वि०) घटित-सं० (वि०) 1जिसमें कोई त्रुटि हो, त्रुटि पूर्ण 2 टूटा | 1 शीघ्रता करनेवाला 2 द्रुतगामी 3 जल्दी किया हुआ 4 तेज़
त्वरित-I सं० (वि०) तीव्र गतिवाला II (अ०) तेज़ी से, तुरंत प्रेता-सं० (पु०) 1 चार युगों में से दूसरा युग 2 तीन वस्तुओं त्वष्टा-सं० (पु०) विश्वकर्मा, बढ़ई का समूह । “युग (पु०) त्रेता नाम का युग
त्विषा-सं. (स्त्री०) चमक, प्रभा -सं० (वि०) तीन
विषि-सं० (स्त्री०) किरण, दीप्ति कालिक-सं० (वि०) 1 त्रिकाल संबंधी 2 तीनों कालों में होनेवाला 3 त्रिकालवर्ती त्रैकाल्य-सं० (पु०) तीनों काल त्रैकोणिक-सं० (वि०) 1 तीन कोणोंवाला 2 तिपहला त्रैगुण्य-सं० (पु०) तीन गुण त्रैध-सं० (वि०) तिहरा त्रैमातुर-सं० (पु०) लक्ष्मण । त्रैमासिक-सं० (वि०) 1 हर तीसरे महीने होनेवाला | थंब, थंभ-(पु०) 1 खंभा, स्तंभ 2 सहारा (जैसे-त्रैमासिक परीक्षा) 2 तीन महीनों का 3 तीन महीनों में | थंभन-(पु०) 1 रुकावट 2 स्तंभन करनेवाली औषध होनेवाला
थैभना-(अ० क्रि०) बो० 1 ठहरना, रुकना 2 सँभलना त्रैमास्य-सं० (पु०) तीन महीने का समय, तिमाही थक-(पु०) थाक, समूह, ढेर त्रैराशिक-सं० (प०) ग. तीन ज्ञात राशियों की सहायता से थकन- (स्त्री०) थकान
चौथी अज्ञात राशि का मान ज्ञात करने की विधि धकना-(अ० क्रि०).1 शिथिल होना. श्रांत होना 2 धीमी पड़ना त्रैलोक्य-सं० (पु०) दे० त्रिलोक
3 सुध-बुध भूल जाना 4 छकना त्रैवर्णिक-1 सं० (वि०) तीन वर्णोवाला II (१०) ब्राह्मण थका-(वि०) 1 जो शिथिल हो गया हो (जैसे-थका ऊँट. क्षत्रिय और वैश्य इन तीन जातियों का धर्म
थका बैल) 2 जो धीमा पड़ गया हो (जैसे-थका इंसान)। त्रैवार्षिक-सं० (वि०) 1 तीन वर्षों का 2 तीन वर्षों में होनेवाला ~थकाया (वि०) पूर्णतः थका हआ (जैसे-थका-थकाया 3 हर तीसरे वर्ष होनेवाला
आदमी); ~माँदा, -हारा (वि०) 1 थका, हारा हुआ विद्य-[सं० (१०) तीनों वेदों का ज्ञाता II (वि०) बहुत बड़ा 2 पूर्णतः शिथिल चालाक, चलता-पुरज़ा
थकाई-(स्त्री०) थकान त्रोटक-सं० (पु०) श्रृंगार प्रधान एक नाटक
थकान-(स्त्री०) 1 थकावट (जैसे-काम करते करते थकान त्रोण-सं० (पु०) तरकश
आना) 2 शैथिल्य (जैसे-थकान दूर करना) त्र्यंबक-सं० (पु०) 1 शिव 2 एक कर्नाटकी राग थकाना-(स० क्रि०) 1 श्रांत करना 2 शिथिल बना देना त्र्यध्वगा-सं० (स्त्री०) - त्रिपथगा
3 हराना । थका डालना, देना अशक्त बना देना. श्रांत कर यशीति-(वि०) तिरासी
देना अक्षर-सं० (वि०) तीन अक्षरोंवाला
थकार-सं० (पु०) 'थ' वर्ण त्वक-सं० (पु०) 1 वृक्ष की छाल 2 फलों आदि का छिलका थकावट, थकाहट-(स्त्री०) थकने का भाव, श्रांति
3 शरीर पर की खाल, त्वचा, चमड़ा 4 पाँच ज्ञानेंद्रियों में से थकित-(वि०) 1 शिथिल 2 धका हुआ 3 मुग्ध एक जिसके द्वारा स्पर्श ज्ञान होता है। छेद (पु०) 1 खरोंच, थकिया-(स्त्री०), थक्का (पु०) जमा हुआ टुकड़ा, लोंदा क्षत 2 क्षीरीश का वृक्ष, क्षीर कंचकी; ~पंचक (पु०) बड़, (जैसे-नमक की थकिया, खून का थक्का) गूलर, पीपल, शिरीश और पाकड़ की छाल, ~पाक (पु०) थक्का -(पु०) जमी हुई बूंद शरीर पर फोड़े-फुसियां
थगित-सं० (वि०) 1 रुका हुआ 2 शिथिल त्वगिन्द्रिय सं० (पु०) स्पर्शेन्द्रिय
थट-(पु०) झुंड त्वग्दोष-सं० (पु०) कुष्ठ, कोढ़
थड़ा-(पु०) 1 चबूतरा 2 बैठने की जगह त्वच्-सं० (पु०) 1 छाल 2 त्वचा 3 दारचीनी 4 तेजपात थत्ती-(स्त्री०) राशि, ढेर त्वचन-सं० (पु०) खाल या छाल से ढोकना
थन-(पु०) गाय-भैंस आदि का स्तन, गाय-भैंस का थैलीनुमा त्वचा-सं० (स्त्री०) 1 चर्म, चमड़ा 2 छाल। -शोथ (पु०) वह अंग जिसमें दूध रहता है। टुट (वि०) जिसके स्तन न
चमड़े की सूजन; ~स्थानांतरण (प्०) चि० प्रतिरोपण रह गया हो; दार + फ़ा० (वि०) थनवाला (जैसे-थनदार प्लास्टिक सर्जरी
जानवर) त्वदीय-सं० (सर्व०) तुम्हारा
थनदुहा-(वि०) थन से सीधे दुहा हुआ त्वरक-सं० (पु०) रफ़्तार तेज़ करने का उपकरण थनी-(स्त्री०) गलथना त्वरण-सं० (पु०) यंत्रादि की गति में तेजी लाना थनेला-(पु०) 1 थन और स्तन पर होनेवाला फोड़ा 2 गुबरैले त्वरता-सं० (स्त्री०) शीघ्रता
की जाति का एक कीड़ा त्वरा-सं० (स्त्री०) 1 शीघ्रता 2 तेज़ी। लिपि (स्त्री०),| थनैत-(पु०) 1 गाँव का मुखिया 2 ज़मींदार का कारिंदा