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दुःसाहसिक
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दुतकारना
दुःसाहसिक-सं० (वि०) .. 1 दुःसाहसी, बदहिम्मत बूटियोंवाला ताश का पत्ता (जैसे-पान का दुक्का)। 2 दुःसाहसवादी। ~ता (स्त्री०) बदहिम्मती
--तिक्का (क्रि० वि०) 1 दो या तीन की संख्या में 2 एक या दुःसाहसी-सं० (वि०) दुःसाहस करनेवाला
दो और के साथ दुःस्थ-सं० (वि०) 1 दुर्दशाग्रस्त 2 निर्धन 3 मूर्ख
दुक्की-(स्त्री०) दो बृटियोंवाला ताश का पत्ता दुःस्थिति-सं० (स्त्री०) दुर्दशा
दुखंडा-(वि०) 1 दो भागोंवाला (जैसे-दुखंडा आलमारी) दुःस्र्पश-सं० (वि०) जिसे छूना कठिन हो
2 दो खंडोंवाला (जैसे-खंडा मकान) दुःस्वप्न-सं० (पु०) 1 बुरा स्वप्न. भयानक स्वप्न 2 बरे दुख-(पु०) = दुःख । दर्द • फ़ा० (पु०) संकट, मुसीबत फलवाला स्वप्न
दुखड़ा-(पु०) 1 दुःखगाथा, करुणकथा (जैसे-दुखड़ा रोना) दुःस्वभाव-[ सं० (वि०) बदमिजाज, कुटिल, नीच II (पु०) 2 संकट, विपत्ति। पीटना कष्ट से जीवन बिताना; रोना बुरा स्वभाव, दुष्ट प्रकृति
1 करुण कथा सुनाना 2 संकट का बयान करना दु-(वि०) 'दो' का संक्षिप्त रूप जो पदों के आरंभ में लगने पर | दुखद-(वि०) - दुःखद प्राप्त होता है (जैसे-दुभाषिया, दुअर्थी)
दुखना-(अ० क्रि०) दर्द करना (जैसे-आँखं दुखना) 2 पीड़ा दुअन-(पु०) - दुवन
बढ़ना (जैसे-फोड़ा दुखना) दुअनी-(स्त्री०) दो आने का सिक्का
दुखमय-(वि०) - दुःखमय दुअरिया-(स्त्री०) दुआरी ।
दुखहाया-बो० (वि०) अत्यंत दुःखी अर्थी-हिं० + सं० (वि०) दो अर्थवाला (जैसे-दुअर्थी शब्द) दुखाना-(स० क्रि०) 1 पीड़ा पहँचाना, व्यथित करना दआ-अ (स्त्री) 1 विनती, प्रार्थना 2 आशीर्वाद, असीस (जैसे-दिल दुखाना) 2 आघात आदि द्वारा दर्द बढ़ाना (जैसे-दआ देना)। --गो + फा० (वि.) दुआ माँगनेवाला; | (जैसे-फोड़ा दुखाना) ~गोई - फ़ा (स्त्री०) दुआ देना; सलाम (पु०) दुखारा-(वि०) दुखियारा 1 दुआ ओर सलाम 2 संबंध
दुखारी-(वि०) पीड़ित, व्यथित दुआब, दुआबा-फ़ा० (पु०) दो नदियों के बीच का प्रदेश दुखित-(वि०) दुःखित दुआर-(पु०), दुआरा (पु०) बो० द्वार
दुखिया-(वि०) 1 दुःखी 2 संकटग्रस्त दुआरी-बोर (स्त्री०) छोटा दरवाज़ा
दुखियारा-(वि०) । दुःख में फँमा हुआ 2 विपदग्रस्त दुआल-फ़ा० (स्त्री) 1 चमड़े का तसमा 2 रिकाब का तसमा दुखी-(वि०) - दुःखी दुआली-फ़ा० - हिं० (स्त्री०) खराद का तसमा, सान की बद्धी दुखीला-(वि.) 1 दुःखी र दःख का अनुभव करनेवाला दुआह-(पु०) पुरुष का दूसरा विवाह
दुगई-बो० (स्त्री०) दालान, बरामदा दुइ-बो० (वि०) दो
दुगना-(वि०) दूना (जैसे-दो का दगना चार होगा) दुई-I (स्त्री०) दो होने का भाव II (वि.) 1 दो 2 दोनों । दुग्ध-[सं० (पु०) 1 दूध 2 पोधों का दूध जैसा रस II (वि.) दुऊ-बो० (वि०) दोनों
दहा हुआ। खाद्य (पु.) दूध से बनी खाने की चीजें; दुकड़हा-बो० (वि.) 1 अत्यंत तुच्छ एवं हीन 2 कमीना, नीच ~ग्रंथि (स्त्री०) दूधवाली ग्रंथि; चूर्ण (पु०) दृध का दुकड़ा-(पु०) 1 दो चीज़ों का जोड़ा, युग्म 2 एक पैसे का पाउडर; ~पदार्थ (पु.) दूध की वस्तुएँ पोष्य (वि०) चौथाई भाग
दूध पर पलनेवाला; ~ शर्करा (स्त्री०) दूध से बनी चीनी; दुकड़ी-(स्त्री०) 1 एक साथ मिली हुई दो वस्तुएँ 2 दो शाला (स्त्री०) डेरी
बूटियोंवाला ताश का पत्ता 3 दो घोड़ों की बग्घी दुग्धालय-सं० (पु०) - दुग्धशाला दुकान-फा० (स्त्री०). 1 वह स्थान जहाँ सामान आदि रखकर | दुग्धी-I सं० (वि०) दूध से युक्त II (पु०) क्षीर का पेड़ III बेचा जाए (जैसे-कपड़े की दुकान, मिठाई की दुकान) 2 वह (स्त्री०) दुद्धी नामक घास, दृधिया स्थान जहाँ अन्य तरह की सेवाएँ की जाएं (जैसे-नाई की | दुघड़िया-(वि०) दो घड़ियोंवाला. दो घड़ियों का दुकान, दर्जी की दुकान)। दार (पु०) 1 दुकान का (जैसे-दुघड़िया मुहूर्त) मालिक, दुकानवाला 2 अर्थोपार्जन हेतु ढोंग करनेवाला दुचंद-फ़ा० (वि०) दो चंद व्यक्ति, पाखंडी, ठग; दारी (स्त्री०) 1 दुकानदार का धंधा दुछत्ता-(वि०) दो छतवाला 2 अर्थोपार्जन हेतु रचा गया साधन, ढकोसला
दछत्ती-(स्त्री०) एक ही छत के नीचे बना दूसरा कमरा दुकाल-(पु०) अकाल, दुर्भिक्ष
दुज़ानू-फ़ा० (वि०) दोज़ान दुकूल-सं० (पु०) 1 रेशमी कपड़ा 2 चिकना एवं बारीक कपड़ा दुटूक-(वि०) दो टुकड़ों में किया हुआ (जैसे-दुटूक जवाब 3 साड़ी 4 क्षौम वस्त्र 5 दुपट्टा
देना, दुटूक करना) दुकूलिनी-सं० (स्त्री०) नदी
दुड़ी-बो० (स्त्री०) = दुक्की दुकेला-(वि०) जो अकेला न हो (जैसे-अकेला-दुकेला) | दुत-(क्रि० वि०) दुतकारने का शब्द दुकेले-(क्रि० वि०) किसी एक के साथ (जैसे-अकेले दुकेले) | दुतकार-(स्त्री०) 1 दुतकारना 2 उपेक्षापूर्वक कहना दुक्कड़-(पु०) शहनाई के साथ बजाया जानेवाला तबले जैसा | (जैसे-दुतकार सहना) एक बाजा
दुतकारना-(स० क्रि०) । तिरस्कृत करना 2 उपेक्षा करना दुक्का -I (वि०) 1 दुकेला 2 जोड़ा, युग्म II (पू०) दो। 3 धिक्कारना
को बन्दी