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दाहिना
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दाहिना-(वि०) 1 दायाँ (जैसे- दाहिना हाथ) 2 दाहिने हाथ दिग्गज-I सं० (पु०) प्रत्येक दिशा का हाथी II (वि०) बहत
की दिशा में स्थित (जैसे-दाहिना फाटक बंद करना) बड़ा (आदमी) 3 अनुकूल (जैसे-अधिकारी के दाहिने होकर काम करना)। दिग्दर्शक-सं० (वि०) 1 दिशा ज्ञान करानेवाला 2 दिग्दर्शन दाहिनी देना, दाहिनी लाना परिक्रमा करना
करानेवाला। ~यंत्र (पु०) कुतुबनुमा, कंपास दाहिने-(क्रि० वि०) दहिने
दिग्दर्शन-सं० (पु०) 1 दिशा दिखलाना 2 जानकारी दाही-सं० (वि०) 1 जलानेवाला, भस्म करनेवाला 2 दुःख __ अभिज्ञता। ~यंत्र (पु०) = दिग्दर्शक यंत्र देनेवाला
दिग्दाह-सं० (पु०) क्षितिज में होनेवाली प्राकृतिक घटना दाह्य-सं० (वि०) जलाने योग्य
दिग्दिर्गत-सं० (पु०) अनेक दिशाएँ और उनके अंत, सब ओर दिअली-(स्त्री०) मिट्टी का छोटा दीया
दिग्देवता-सं० (पु०) = दिक्पाल दिआ-(पु०) दीया। बत्ती (स्त्री०) दीया-बत्ती; ~सलाई दिग्ध-सं० (वि०) विष में बुझा हुआ, विषाक्त (स्त्री०) दीया-सलाई
दिग्भ्रम-सं० (पु०) दिशा भ्रम दिउला-बो० (पु०), दिउली (स्त्री०) बो० = दिअली दिग्भ्रमित-सं० (वि०) दिशा भूला हुआ दिक्-सं० (स्त्री०) दिशा, तरफ़। पति (पु०) दिशाओं के दिग्भ्रांत-सं० (पु०) जिसे दिशा भ्रम हुआ हो स्वामी; ~पाल (पु०) दिशाओं का पालन करनेवाला देवता; दिग्मंडल-सं० (पुल) दिशाओं का समूह ~शुल (पु०) ऐसा समय जब विशेष दिशा मे जाना वर्जित दिग्व्यापी-सं० (वि.) सभी दिशाओं में व्याप्त हो; सूचक (पु०) दिशा दिखाने का एक यंत्र, कंपास दिग्विजय-सं० (स्त्री०) संपूर्ण दिशाओं पर विजय प्राप्त करना दिक़-अ० (वि०) हैरान, तंग
(जैसे-दिग्विजय यात्रा, प्रस्थान) दिक़्क़त-अ० (स्त्री०) 1 तकलीफ़ कष्ट 2 हैरानी, परेशानी दिग्विजयी-सं० (वि०) दिग्विजय प्राप्त करनेवाला 3 कठिनता, मुश्किल
दिग्शूल-सं० (पु०) = दिक्शूल दिखना-(अ० क्रि०) बो० दिखायी देना, देखने में आना दिङ्नारी-सं० (स्त्री०) 1 वेश्या 2 कुलटा दिखलवाई-(स्त्री०) 1 दिखलवाने की क्रिया 2 दिखलवाने का दिङ्मूढ़-सं० (वि०) दिग्भ्रमित पारिश्रमिक
दिठवन-(स्त्री०) = देवोत्थान दिखलवाना-(स० क्रि०) दिखलाने में प्रवृत्त करना दिठाना-I (अ० क्रि०) बो० 1 नज़र लगना 2 दिखाई देना दिखलाई-(स्त्री०) = दिखलवाई
II (स० क्रि०) 1 नज़र लगाना 2 दिखाना दिखलाना-(स० क्रि०) = दिखलवाना
दिठौना-(पु०) काजल का गोल चिह्न (जैसे-दिठौना लगाना) दिखलावा-(पु०) - दिखावट
दित्सा-सं० (स्त्री०) देने की इच्छा। ~पत्र (पु०) दिखवैया-बो० (पु०) 1दिखानेवाला व्यक्ति 2 देखनेवाला __वसीयतनामा, इच्छापत्र दिखाई-(स्त्री०) 1 देखा जाना 2 देखने के बदले में दिया | दित्सु-सं० (वि०) 1देने का इच्छक 2 वसीयत करनेवाला जानेवाला धन 3 दिखाने का पारिश्रमिक
दिदार-फ़ा० (पु०) = दीदार दिखाऊ-(वि०) 1 देखने योग्य 2 दिखौआ
दिदृक्षा-सं० (स्त्री०) देखने की इच्छा दिखादिखी-बो० (स्त्री०) - देखादेखी
दिदृक्षु-सं० (वि०) देखने को इच्छक दिखाना-(स० क्रि०) 1 देखने में प्रवृत्त करना (जैसे-हाथ दिन-I (पु०) 1 सूर्योदय से सूर्यास्त तक के मध्य का समय, दिखाना 2 उपस्थित करना (जैसे-पुस्तक दिखाना) 3 प्रकट प्रातः से शाम के मध्य का समय 2 सूर्योदय से सूर्योदय तक करना (जैसे-गुस्सा दिखाना) 4 प्रदर्शित करना (जैसे-जाद का समय, चौबीस घंटे का पूर्ण काल 3 समय, काल दिखाना, नाटक दिखाना) 5 सिद्ध करना
(जैसे-आप किस दिन गाँव चलेंगे) 4 तिथि, तारीख दिखाव-(पु०) 1 देखने का भाव 2 नज़ारा, दृश्य
(जैसे-आज कौन सा दिन है) 5 नियत समय (जैसे-पाँचवे दिखावट-(स्त्री०) 1 दिखलाने का ढंग 2 बाह्य रूप-रंग, दिन अवकाश है) 6 काल-विशेष (जैसे-दशहरा के दिन मेला
तड़क-भड़क 3 बनावट (जैसे-दिखावट का शिष्टाचार) लगेगा) II (क्रि० वि०) 1 नित्य-प्रति, हर रोज़ 2 सदा, दिखावटी-(वि०) 1 भड़कीला किंतु सारहीन 2 दिखौआ निरंतर (जैसे-रात-दिन काम करना)। ~कर + सं० (पु०) (जैसे-दिखावटी आचार-व्यवहार) 3 झूठा, मिथ्या
सूर्य; चर + हिं० (पु०) सूरज, सूर्य, चर्या + स० दिखावा-(पु०) आडंबर, ढोंग ।
(स्त्री०) नित्य किए जानेवाले काम; चारी + सं० (स्त्री०) दिखौआ-(वि०) 1 बनावटी 2 दिखावटी
रोज़नामचा, दैनंदिनी; ~पत्र + सं० (पु०) तिथि पत्र, दिग-सं० (स्त्री०) दिशा
कैलेंडर; ~प्रतिदिन + सं० (क्रि० वि०) दिनोंदिन; मणि दिगंत-सं० (पु०) 1 दिशा का अंत 2 क्षितिज 3 दिशा, ओर। (पु०) सूर्य; ~मान + सं० (पु०) सूर्योदय से सूर्यास्त के
व्यापी, व्याप्त (वि०) दिशाओं के अंत तक फैला | समय का मान; ~माली, रत्न (पु०) सूर्य; ~रात हुआ
(क्रि० वि०) निरंतर, हमेशा, सदा (जैसे-दिन-रात सोना); दिगंबर-सं० (वि०) नंगा, नग्न
~कटना समय व्यतीत होना, समय बीतना; ~काटना वक्त दिगंश-सं० (पु०) क्षितिज व्रत का ३६०वाँ अंश। ~यंत्र | गुज़ारना, समय बिताना; ~को तारे दिखाई देना होश (पु०) दिगंश नापने का यंत्र
ठिकाने न रहना; ~को तारे नज़र आना 1 घोर अंधकार दिगर-फ़ा० (वि०) दे० दीगर
होना 2 बहुत तेज़ नज़र होना; ~को दिन रात को रात न