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थानाध्यक्ष
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थूथन
बुज़दिल
थानाध्यक्ष- + हिं० + सं० (पु०) थाने का प्रधान अधिकारी, उठना, गिरना एवं हिलना दारोगा
थिरकना-(अ0 क्रि०) 1 चंचलता के साथ पैरों को उठाते, थानी-(पु०) 1 स्थान का स्वामी 2 घरवाला
गिराते एवं हिलाते हुए नाचना 2 नाचते समय अंगों को थानेदार- + हिं० + फ़ा० (पु०) = थानाध्यक्ष
हाव-भाव के साथ संचालित करना 3 आगे-पीछे डोलना थानेदारी- + हिं० + फ़ा० (स्त्री०) दारोगा का पद एवं पेशा थिरना-(अ० क्रि०) 1 द्रव पदार्थों का हिलना रुक जाना थानत-(पु०) 1 किसी स्थान का स्वामी 2 थाना पति 2 आलोड़ित जल आदि का रुक जाना 3 पानी आदि द्रव में थाप-(स्त्री०) 1 हथेली का आघात जिससे थप ध्वनि निकले मैल, गंदगी का नीचे बैठना 4 ठहरना 2 थप्पड़ 3 आदर, सम्मान 4 हाथ आदि का पूरा-पूरा पड़ा हुआ | थिराना-(स० क्रि०) 1 पानी आदि द्रव का हिलना बंद करना चिह्न । ~थोप (स्त्री०) मिट्टी भरकर लीपना
2 आलोडित द्रव को स्थिर होने देना 3 मैल उँटकर निर्मल होने थापना-I (स० क्रि०) 1 स्थापित करना 2 उखड़ी हुई जड़ को
मजबूत करना 3 साँचे आदि में ढालकर वस्तु तैयार करना थुकवाना-(स० क्रि०) 1 थूकने में प्रवृत्त करना 2 थूकने का थापना-II (स्त्री०) स्थापन, प्रतिष्ठा
काम कराना 3 उगलवाना 4 निंदा करना थापरा-(पु०) छोटी नाव, डोंगी
थुकहाया-(वि०) घृणित थापा-(पु०) 1 हाथ का छापा 2 चिह्न डालने का छापा 3 साँचा थुकाई-(स्त्री०) थूकने का काम 4 नेपालियों की एक जाति 5 पूजा का चंदा
थुकाना-(स० क्रि०) = थुकवाना थापिया, थापी-(स्त्री०) 1 मुंगरी, ण्टिनी. पिटना 2 थपथपाने थुकायल, थुकेल-बो० (वि०) थुकहाया की क्रिया
थुक्का-फ़ज़ीहत-हिं० + अ० (स्त्री०) धिक्कार और तिरस्कार थाम-I (पु०) खंभा
थुड़दिला-हिं० + फ़ा० + हिं० (वि०) थोड़े दिलवाला, थाम-II (स्त्री०) 1 थामने की क्रिया 2 पकड़ 3 अवरोध थामना-(स० क्रि०) 1 पकड़ना (जैसे-प्याला थामना) थुड़ी-I (अ०) धिक्कारसूचक शब्द, छिः II (स्त्री०) 2 अवरुद्ध करना 3 रोके रहना (जैसे-उसे थामे रहना) धिक्कार, लानत । ~थूड़ी करना धिक्कारना, थू-थू करना; 4 सँभालना (जैसे-सीढ़ी थामना) 5 उत्तरदायित्व लेना ~होना सबकी निगाह में गिर जाना थारु-(पु०) नेपाल की तराई में बसनेवाली एक जंगली जाति थुथकारना-(स० क्रि०) 1 थू-थू करना, धिक्कारना 2 घोर थाल-(पु०) थाली की शक्ल का बड़ा बर्तन
घृणा प्रकट करना 3 बार-बार थूकना थाला-(पु०) पौधे, वृक्ष की जड़ के चारों ओर बनाया घेरा, थुथना-(पु०) थूथन आलवाल, थाँवला
थुथाना-(अ० क्रि०) मुँह फुलाना थाली-(स्त्री०) पीतल आदि धातु का बना गोलाकार छिछला थुनेर-(पु०) एक तरह का गठिवन पात्र । -जोड़ (पु०) ~का बैंगन कभी इस पक्ष और कभी थुन्नी-(स्त्री०) खंभा, थूनी उस पक्ष में हो जानेवाला; गिरी झनकार सबने सनी थुपथुपी-(स्त्री०) 1 थपकी 2 झोंका छिपाने से बात छिपती नहीं
थुरना-I (अ० क्रि०) कम पड़ना II (स० कि०) 1 कूटना थाव, थाह-(स्त्री०) 1 नदी, ताल, समुद्र आदि के नीचे की 2 पीटना
धरती 2 नदी आदि में वह स्थान जहाँ बिना ड्रबे पाँव टिक सके | थुलथुल-(वि०) 1 स्थूल, भारी 2 मांसल (जैसे-थुलथुल 3 गहराई की सीमा, गाध (जैसे-थाह लगाना, थाह पाना) शरीर) 4 सीमा 5 इंतिह' 6 छिपकर लगाया गया पता। लगना | थुलमा-(पु०) पहाड़ी कंबल जिसमें ऊपर से बाल जमाए जाते गहराई का पार मिलना: ~लेना 1 गहराई का अंदाज़ लगाना 2 रहस्य की जाँच करना
थुली-बो० (स्त्री०) दलिया थाहना-(स० क्रि०) 1 थाह लेना 2 गहराई का पता लगाना थू-I (पु०) थूकने का शब्द II (अ०) घृणा एवं 3मन की टोह लेना, अंदाज़ लेना
धिक्कारसूचक शब्द, छिः III (स्त्री०) थुड़ी, लानत । थाहरा-बो० (वि०) कम गहरा, उथला
~~करना घृणा एवं तिरस्कार सूचित करना; ~~~होना थिएटर-अं० (पु०) 1 रंगशाला 2 अभिनय
चारों ओर निंदा होना थिएट्रिकल-अं० (वि०) थिएटर-संबंधी
थूक-I (पु०) लार की तरह का रस जो मुँह से अपने आप छूटा थिगली-(स्त्री०) पैबंद, चकती (जैसे-थिगली लगाना) करता है, पीक II (स्त्री०) थूकने की क्रिया। ~कर चाटना थियासोफ़ी-अं० (स्त्री०) ब्रह्मविद्या
कुछ देकर वापस ले लेना; ~लगाना नीचा दिखाना; थूकों थियेटर-अं० (पु०) = थिएटर। ~घर + हिं० (पु०) सत्तू सानना 1अत्यंत कंजूसी से काम चलाना 2 थोड़ी सामग्री नाट्यशाला; ~प्रेमी + सं० (पु०) 1 नाटक, अभिनय देखने से बड़ा काम करना
के शौकीन लोग 2 अभिनय पसंद करनेवाले लोग थूकना-I (अ० क्रि०) 1 मुँह से बाहर निकालना थियेट्रिकल-अं० (वि०) = थिएटर-संबंधी
2 धिक्कारना, छि:-छि: करना II (स० क्रि०) 1 उगलना थिर-(वि०) 1 गतिहीन, स्थिर 2 अचल, न डिगनेवाला 2 निंदा करना । थूककर चाटना 1 त्यक्त वस्तु को पुनः ग्रहण 3 अचंचल 4 एक ही स्थिति में रहनेवाला
करना 2 वचन देकर मुकर जाना थिरक, थिरकन-(स्त्री०) नाच में चंचलता के साथ पैरों का | थूथन-(पु०), थूथनी (स्त्री०), थूथुन (पु०) बो० लंबे मुँह