________________
थूनी
379
का आगे को निकला हुआ भाग (जैसे-ऊँट का थूथन)। | थोपना-(स० क्रि०) 1 मोटा लेप लगाना (जैसे-गीली मिट्टी फुलाना नाराज़ हो जाना
थोपना) 2 आरोपित करना. मत्थे मढ़ना (जैसे-कलंक थूनी-(स्त्री०) बोझ को रोकने के लिए लगाया जानेवाला छोटा थोपना) 3 रक्षा करना (जैसे-माँ ने शिशु को आँचल में थोप खंभा, टेक
रखा था) थूरना-(स० क्रि०) 1 अच्छी तरह पीटना, कूटना 2 तोड़ देना थोपी-बो० (स्त्री०) = थोपड़ी 3 चूर करना
थोबड़ा-(पु०) 1 थूथन 2 फुलाया हुआ मुँह 3 तोबड़ा थूला-(वि०) मोटा, हृष्ट-पुष्ट
थ्यावस-बो० (पु०) 1 स्थिरता, ठहराव 2 धीरता, धैर्य 3 चैन, थूली-(स्त्री०) थूली, दलिया
कल थूवा-(पु०) दूह, टीला
थ्योरी-अं० (स्त्री०) सिद्धांत थूहर-(पु०) सेहँड का पेड़
थ्रिल-अं० (पु०) रोमांच, पुलक थूहा-(पु०) 1 अटाला, ढेर 2 टीला
थ्रेशर-अंक (पु०) गाहने-कूटने की मशीन थेगली-(स्त्री०) = थिगली थेथर-(वि०) दुबला-पतला थेर-सं० (पु०) बौद्ध भिक्षु थेवा-(पु.) अंगूठी में जड़ा हुआ नगीना थैचा-(पु०) मचान के ऊपर का छप्पर थैला-(पु०) 1 एक प्रकार का झोला 2 रुपयों का तोड़ा।
~करना मारते-मारते बेदम कर देना । थैली-(स्त्री०) 1 छोटा थैला 2 रुपए आदि रखने की थैली दंग-फा० I (वि०) 1आश्चर्य में पड़ा हुआ, चकित 3 थैली में रखा हआ धन जो समर्पित किया जाता है 2 हक्का-बक्का, स्तब्ध II (पु०) 1 घबराहट 2 डर, भय । (जैसे-राष्ट्रपति को दस हज़ार रुपयों की थैली भेंट की गई) ~रह जाना चकित हो जाना। 4 थैली जैसी कोई वस्तु । ~दार + फा० (पु०) 1 रोकड़दंगाई-I (वि०) दंगा करनेवाला, झगड़ालू 2 दंगल रखनेवाला,खजाने में रुपये उठानेवाला; बरदार + फ़ा० II (स्त्री०) दंगा-फसाद (पु०) थैली ढोनेवाला; - बरदारी + फ़ा० (स्त्री०) थैली दंगल-फ़ा० (पु०) 1 कुश्ती आदि की प्रतिद्वंद्विता 2 अखाड़ा। ढोने का काम शाह - फ़ा० (पु०) बहुत धनी व्यक्ति, बाज़ (पु०) दंगल लड़नेवाला, दंगली पहलवान; मालदार आदमी; शाही + फ़ा० (वि०) पूँजीवाद बाज़ी (स्त्री०) दंगल की पहललानी; ~मारना कुश्ती थैलेदार- + फा० (पु०) = थैलीशाह। ~का मुँह जीतना; ~लड़ना कुश्ती लड़ना। खोलना यथेष्ट पन देने को तैयार होना; ~मारना रुपयों की । दंगली-फ़ा० (वि०) 1 दंगल संबंधी 2 दंगल में शामिल थैली त्तुरा लेन
होनेवाला 3 दंगल मारनेवाला थैलेदार-I हिं) + फ्रा० (पु०) = थैलीशाह
दंगवारा-(पु०) किसानों की परस्पर सहायता थोक-(पु.) । राशि, ढेर 2 एकत्र किया हुआ माल 3 माल की दंगा-(पु०) 1 मार-पीट, लड़ाई-झगड़ा 2 उपद्रव 3 हो-हल्ला , बड़ी राशि (जैसे-योक खरीदनेवाला)। खरीदार + फा० शोर (जैसे-दंगा मचाना)। ~कारी + सं० (पु०) = दंगाई; (पु०) थोक खरीदनेवाला । दार + फा०, ~फ़रोश + । फ़साद + अ० (०) लड़ाई-झगड़ा; बाज़ + फ्रा० फ़ा० (पु०) थोक माल बेचने वाला व्यापारी, लंद + फ़ा० (पु०) = दंगाई, फ़सादी आदमी (पु०) थोक व्यापारी; अंदी - फ़ा० (श्री) थोक व्यापार; दंगाई, दंगैत-चो० (पु०) उपद्रव करनेवाला व्यक्ति, उपद्रवी, ~भाव + सं० (पु.) माल को एक साथ खरीदने की दर; | उपद्रनकारी ~वाला (पु०) = थोक ख़रीदार; ~व्यापार + सं० = | दंड-सं० (पु०) 1 सज़ा (जैसे-अपराधी को दंड मिलेगा) थोक बंदी
2 डंडा, लाठी 3 राजा के हाथ में रहनेवाला डंडा 4 डंडे के थोड़ा-I (वि०) 1कम, ज़रा-सा (जैसे-थोड़ा दूध चाहिए) समान कड़ी एवं सीधी वस्तु 5 भूमि की एक नाप, लट्ठा 2 जो कम कीमत का हो (जैसे-थोड़े दामवाला कपड़ा) । 6 तराजू की डंडी (जैसे-तुलादंड)7 दंडवत् 8 हर्जाना १ हाथों II (क्रि० वि०) कुछ, ज़रा (जैसे-थोड़ा सँभलकर चलो)। और पैरों के पंजों के बल की जानेवाली कसरत (जैसे-दंड -थोड़ा होना लज्जित होना, संकुचित होना
पेलना)। ~कर (पु०) दंड लल्प लगाया गया टैक्सा; थोथ-(स्त्री०) 1 थोथापन 2 खोखलापन 3 निःसारता
कला (स्त्री०) 32 मात्राओं वाला एक छंद जिसके अंत में थोथनी-(स्त्री०) 1 जानवर का मुँह 2 (घणा में) आदमी का एक गुरु या सगण होता है; ~कार्यवाही (स्त्री०) सज़ा का
काम; ~ग्रहण (पु०) संन्यास लेना; दास (पु०) अर्थ थोथरा, थोथा-I (वि०) 1 तत्वरहित, निःसार (जैसे-थोथा दंड न दे सकने के कारण दास बनाया गया व्यक्ति; ~~अर विवाद) 2 निकम्मा, बेढंगा और भद्दा 3 भोथरा 4 खोखला (पु०) 1 दंड धारण करनेवाला व्यक्ति 2 राजा 3 शासक बोथा-(पु०) 1 खाली 2 खोखला
4 संन्यासी; नायक (पु.) 1 न्यायाधीश 2 एंड विधायक चोपड़ी-(स्त्री०) चपत, थोपी
3राजा 4 सेनापति; ~नीति (स्त्री०) दंड देकर वश में करने बोप-थाप-(सी०) गड्ढे भर कर लीपना
की नीति; ~पाशक (पु०) 1दंड देनेवाला कर्मचारी,