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त्रुटि
ईश्वर ; ~ लोचन (पु० ) शिव; ~ वर्ग (पु० ) 1 धर्म, अर्थ और काम ये तीन वर्ग 2 सत रज एवं तम ये तीन समूह 3 ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य ये तीन जातियाँ 4 क्षय, स्थिति एवं वृद्धि ये तीन बातें (राजनीति); ~ वर्त्मा (वि०) तीन मार्गों में जानेवाला; ~ वर्षात्मक (वि०) तीन वर्ष का; विक्रम (पु०) विष्णु वली (स्त्री०) = त्रिबली; ~विद (पु० ) तीन वेदों का या विद्याओं का ज्ञाता; ~विध ( वि०) तीन प्रकार का; वृत् I (वि०) तीन हिस्सोंवाला II (पु० ) 1 तीन लड़ियों की करधनी, 2 एक यज्ञ 3 निसोथ; वेणी (स्त्री०) 1 वह स्थान जहाँ तीन नदियाँ आकर मिलती हों 2 तीन नदियों की संयुक्त धारा 3 गंगा, यमुना एवं सरस्वती इन तीन नदियों का संगम; ~वेद (पु०) 1 ऋक्, यजुः एवं साम ये तीन वेद 2 इन तीन वेदों का ज्ञाता; ~वेदी (पु०) 1 ऋक्, यजुः एवं साम वेदों का ज्ञाता 2 ब्राह्मणों की एक जाति; ~ शंकु (पु०) प्रसिद्ध सूर्य वंशी राजा जो यज्ञ करके स-शरीर स्वर्ग पहुँचना चाहते थे; शक्ति (स्त्री०) इच्छा, ज्ञान एवं क्रिया रूपी तीन शक्तियाँ, शिख I (वि०) तीन चोटियोंवाला II (पु० ) 1 त्रिशूल 2 बेल का पेड़; ~शिर I (वि०) तीन सिरोंवाला II (पु० ) खर-दूषण की सेना में राम के द्वारा मारा गया एक राक्षस 2 कुबेर; शीर्ष I (वि०) तीन चोटियोंवाला II (पु० ) त्रिकुट नामक पर्वत; शूल (पु० ) 1 लोहे का एक अस्त्र जिसमें तीन नोकदार फल होते हैं। (जैसे - शिव का त्रिशूल) 2 दैहिक, दैविक एवं भौतिक ये तीन दुःख, त्रिताप; ~शूली I ( पु० ) त्रिशूल धारण करनेवाला शिव II (स्त्री०) दुर्गा; शोक (पु० ) = त्रिताप, त्रय ताप; षष्ठ (वि०) तिरेसठ षष्ठी (वि०) तिरेसठवाँ; ~संगम (पु० ) 1 तीन नदियों के मिलने का स्थान, त्रिवेणी 2 तीन तरह की वस्तुओं का मिश्रण; ~संध्य (पु०) दिन के तीन भाग-प्रातः, मध्याहून एवं शाम; ~संध्या (स्त्री०) प्रातः, मध्याहून एवं शाम ये तीनों संध्याएं ~सदस्यीय (वि०) तीन सदस्योंवाली, जिसमें तीन सदस्य हों; सप्तति (वि०) तिहत्तर; ~ स्थली (स्त्री०) काशी, गया, और प्रयाग ये तीन पवित्र नगर ~ स्थान (पु० ) 1 सिर, ग्रीवा और वक्ष ये तीन स्थान 2 तीनों लोकों में रहनेवाला, ईश्वर; हायण (वि०) तीन वर्ष का त्रिक - I सं० (वि० ) 1 तीन अंगों या इकाइयों या रूपोंवाला 2 तीसरी बार होनेवाला 3 तीन प्रतिशत II (पु०) 1 एक ही तरह की तीन वस्तुओं का समूह 2 तीन अंग-कमर, पीठ और रीढ़ 3 त्रिफला 4 त्रिकटु 5 त्रिमुहानी 6 तीन प्रतिशत लाभ; - शूल (पु०) कमर और रीढ़ का दर्द त्रितय-सं० (पु० ) तीन का समूह (जैसे- धर्म, अर्थ काम) त्रिधा - I ( क्रि० वि०) 1 तीन तरह से 2 तीन रूपों में II (वि०) 1 तीन तरह से 2 तीन रूपोंवाला। मूर्ति (पु० ) परमेश्वर जिसके अंतर्गत ब्रह्मा, विष्णु और महेश ये तीनों हैं; ~सर्ग (पु० ) तीन तरह की सृष्टि (देव, कीड़े-मकोड़े, मनुष्य)
त्रिल-सं० ( पु० ) तीन लघुवर्ण (III) त्रुटि-सं० (स्त्री०) 1 भूल, चूक 2 कमी, (पु० ) त्रुटियों की ओर संकेत करना; कमियों से भरा हो, जिसमें कमियाँ हों;
चाप की ज्या ज्या (स्त्री०) वृत्त के केंद्र से परिधि तक खिंची हुई रेखा, व्यासार्थ; ~ताप (पु० ) = त्रय ताप; दंड (पु० ) संन्यासियों का वह डंडा जिसके ऊपरी सिरे पर दो छोटी लकड़ियाँ बँधी होती हैं जिसके सहारे वे चलते हैं; दंडी (पु०) 1 वह संन्यासी जो त्रिदंड धारण किए हो 2 मन, वचन एवं कर्म को वश में रखनेवाला व्यक्ति दल (पु०) बेल का पेड़ दली, दलीय (वि०) तीन दलवाला; ~दिवसीय (वि०) तीन दिनोंवाला, तीन दिन तक चलनेवाला (जैसे- त्रिदिवसीय समारोह); दश (वि०) तीनों दशाओं में एक-सा बना रहनेवाला; ~दिव (पु०) स्वर्ग; देव (पु० ) ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश; दोष (पु० ) 1 वात, पित्त एवं कफ ये तीन दोष 2 काम क्रोध लोभ ~धातु (पु०) चाँदी, सोना एवं तांबा तीन धातुएँ धाम (पु० ) 1 विष्णु 2 अग्नि 3 शिव धारा (स्त्री०) गंगा; --नयन (पु० ) शि; नेत्र (त्रि०) तीन आँखोंवाला (शंकर भगवान्); पताक (पु०) एस्तक जिसपर तीन बल पड़े हों; पथ (पु० ) 1 ज्ञान, कर्म एवं उपासना ये तीन मार्ग 2 आकाश, पृथ्वी और पाताल 3 वह स्थान जहाँ तीन रास्ते मिले हों; पत्र (पु०) तुलसी, कुंद और बेल के पत्ते; पथगा त्रिपथा (स्त्री०) गंगा नदी पद (वि०) 1 तीन चरणोंवाला, तीन पदोंवाला 2 जिसमें तीन पाये हों; पदा (स्त्री०) एक वैदिक छंद पदी (स्त्री०) 1 तीन पदोंवाली कविता 2 तीन पायोंवाला आसन, तिपाई 3 गायत्री छंद; पाठी I (वि०) तीनों वेदों का ज्ञाता II (पु० ) ब्राह्मणों की एक उपाधि, तिवारी, त्रिवेदी; पाल (पु० ) दे० तिरपाल I; ~पिंड (पु० ) पिता, पितामह प्रपितामह के निमित्त श्राद्ध; ~पिटक (पु०) तीन बौद्ध महाग्रंथ पुंड (पु० ) तीन आड़ी रेखाओं का तिलक, पुटी (स्त्री०) 1 छोटी इलायची 2 (ज्ञाता, ज्ञान एवं ज्ञेय) तीन का समूह; पुर (पु० ) 1 मय निर्मित स्वर्ग, अंतरिक्ष एवं पृथ्वी पर के नगर 2 बाणासुर; पुरा (स्त्री०) एक देवी पुरारि (पु० ) शिव पुरुष (पु० ) तीन पीढ़ियाँ, फला (पु० ) 1 हरड़ 2 बहेड़ा 3 आँवला, बली (स्त्री०) पेट पर पड़नेवाले तीन बल; ~ भंगी (वि०) तीन बल (गर्दन कमर और पैर में) देकर खड़ा भाषा-सूत्र (पु०) हिंदी, अंग्रेज़ी और अपनी भाषा की पढ़ाई से संबंधित नियम; भुज | (वि०) तीन भुजाओंवाला II (पु० ) ज्या० तीन भुजाओंवाली आकृति: -भुजाकार (वि०) त्रिभुज के आकारवाला, त्रिभुज की तरह का (जैसे- त्रिभुजाकार यंत्र); भुजीकरण (पु० ) त्रिभुज के समान बनाने की क्रिया; भुवन (पु० ) 1 त्रिलोक 2 त्रिपुर; - मधु (पु० ) घी शहद और चीनी का मधुपर्क मार्गा (स्त्री०) = त्रिपथगा; मात्रिक (वि०) तीन मात्राओंवाला; -मास (पु० ) 1 तीन महीनों का समय 2 वर्ष के तीन महीनों के चार विभागों में कोई एक मुहानी + फ़ा० + हिंο (स्त्री०) = तिरमुहानी मूर्ति (पु० ) ब्रह्मा, विष्णु और महेश ये तीन देवता; -यामा (स्त्री०) रात्रि युग (पु० ) सतयुग, द्वापर एवं त्रेता ये तीन युग; ~ रत्न (पु० ) बुद्ध, धन और संघ - लवण (पु०) तीन नमक सेंधा, साँभर और सोंचर, लोक (पु० ) स्वर्ग, मर्त्य एवं पाताल ये तीन लोक; लोक-नाथ, पति (पु०) तीनों लोकों का स्वामी,
कसर। निर्देश पूर्ण (वि०) जो स्वीकार ( पु० )