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तिहरा
तेहरा
तिहरा - I ( वि०) तिहरा - II मिट्टी का बर्तन
तिहराना - (स० क्रि०)
तेहराना तिहरी - I ( स्त्री०) तीन लड़ों की माला
तिहरी - II (स्त्री०) दही जमाने का मिट्टी का छोटा बर्तन तिहवार - ( पु० ) त्योहार
तिहाई - (स्त्री०) 1 तीसरा भाग, तीसरा अंश 2 फ़सल, उपज । ~मारी जाना फ़सल का न उपजना, नष्ट होना तिहायत - (पु० ) तिसरैत
तिहाव बो० (वि०) 1 क्रोध, गुस्सा 2 अनबन, बिगाड़ तिहुँलोक - हिं + सं० (पु० ) तीन लोक-स्वर्ग, पृथ्वी, पाताल तिहैया - ( पु० ) तीसरा भाग
ती - (स्त्री०) 1 स्त्री औरत 2 जोरु, पत्नी
I=
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तीकुर - ( पु० ) तीन हिस्सों में फ़सल का बँटवारा
तीक्ष्ण - I सं० (वि०) 1 तेज़ नोकवाला 2 तीव्र बुद्धिवाला, कुशाग्र 3 प्रखर, तेज़ 4 मर्मभेदी 5 उग्र, तीखा 6 चरपरे स्वादवाला 7 उत्कट गंधवाला । ~ता (स्त्री० ) पैनापन; - दंष्ट्र (वि०) तेज़ दाढ़वाला; दृष्टि (वि०) 1 जिसकी नज़र तेज़ हो 2 सूक्ष्मदर्शी । ~ धार (पु० ) खड्ग, तलवार; बुद्धिवाला; रश्मि (वि०) जिसकी किरणें बहुत
तेज़
हों
तीक्ष्णाग्नि-सं० (स्त्री०) प्रबल जठराग्नि तीक्ष्णान-सं० (वि०) नुकीला
तीक्ष्णायस - सं० ( पु० ) इस्पात तीखा - (वि०) 1 तीक्ष्ण 2 कटु
तीखुर - (पु० ) हल्दी की जाति का एक पौधा जिसकी जड़ का सार सफेद चूर्ण के रूप में होता है
तीखेपन - ( पु० ) तीक्ष्णता
तीज - (स्त्री०) प्रत्येक पक्ष की तीसरी तिथि, तृतीया तीजा - I ( वि०) तीसरा II मुसलमानों में मृत्यु के बाद का तीसरा दिन
तीतर - (पु० ) मुर्गी की जाति का एक प्रसिद्ध पक्षी । आधा तीतर आधा बटेर न इधर का न उधर का, दोगला तीता - 1 (वि०) तीखा और चरपरा (जैसे- तीता मिर्चा) तीता - II ( वि०) गीला, आर्द्र
तीन - I ( वि०) दो से एक अधिक II (पु० ) 3 की संख्या । पाँच करना 1 बहानेबाज़ी करना 2 हुज्जत की बात करना; ~तेरह करना 1 वर्ग-भेद उत्पन्न करना 2 तितर-बितर करना तीमार - फ़ा० (पु० ) 1 टहल, सेवा 2 रक्षा। दार (वि०) 1 सेवा करनेवाला 2 रक्षा करनेवाला; दारी (स्त्री०) रोगी की सेवा सुश्रुषा
तीय - (स्त्री०) 1 औरत, स्त्री 2 पत्नी तीरंदाज़ - फ़ा० (पु०) तीर से लक्ष्य को भेद करनेवाला तीरंदाजी - फ़ा० (स्त्री०) तीर से लक्ष्य भेद करने की क्रिया तीर - I सं० (पु० ) 1 नदी का किनारा, तट 2 किसी वस्तु का किनारा (जैसे- साड़ी का तीर पकड़ना) । ~वर्ती (वि०) किनारे का
तीर - II फ़ा० (पु० ) 1 वाण, शर (जैसे-धनुष पर तीर चढ़ाना) 2 चालाकी से भरी हुई तरकीब कमान (स्त्री०) धनुषवाण । चलाना, फेंकना तरकीब लगाना;
-- लगना काम बनना, युक्ति सफल होना
तीरस्थ-सं० (वि०) तीरवर्ती
तीर्ण-सं० (वि०) 1 जो पार हो गया हो 2 जिसे पार कर लिया हो
तीर्णा-सं० (स्त्री०) एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में एक नगण और एक गुरु होता है
तीर्थंकर -सं० (पु० ) जैनियों के 24 महान् व्यक्ति तीर्थ - सं० ( पु० ) 1 पुण्यस्थान (जैसे- गया एवं बद्रीनाथ पवित्र तीर्थ हैं) 2 क्षेत्र 3 घाट । काक (पु०) 1 तीर्थ पर रहकर धन ऐंठनेवाला 2 अत्यंत लोभी पति (पु० ) तीर्थराज; पादीय (वि०) वैष्णव; ~ यात्रा (स्त्री०) तीर्थ हेतु की गई यात्रा, तीर्थाटन यात्रिणी (स्त्री०) तीर्थयात्रा करनेवाली स्त्री ~ यात्री (पु०) तीर्थ यात्रा करनेवाला पुरुष; ~राज (पु० ) प्रयाग; स्थान (पु० ) पुण्य स्थान तीर्थाटन-सं० (पु० ) तीर्थयात्रा
तीर्थिक सं० (पु० ) 1 पंडा 2 तीर्थंकर 3 तीर्थयात्री तीला - ( पु० ) लंबा तिनका
तीली - (स्त्री०) 1 सलाई, मोटी सींक (जैसे- माचिस की तीली) 2 रेशम लपेटने का पटवों का एक औज़ार तीव्र सं० (वि०) 1 तेज़, तीक्ष्ण 2 अत्यधिक, अत्यंत 3 कडुआ, कटु 4 ऊँचा (जैसे- तीव्र स्वर ) 5 उग्र, प्रचंड 6 असह्य (जैसे- तीव्र वेदना)। गामी (वि०) तेज़ गतिवाला; ता (स्त्री०) तीव्र होने की अवस्था तीव्रानुराग-सं० (पु० ) अत्यधिक अनुराग तीव्रीकरण-सं० (पु० ) और तेज़ करना
तीस - I (वि०) बीस से दस अधिक II (पु० ) 30 की संख्या तीसमार खाँ हिं + फ़ा० (पु०) बहुत बड़ा बहादुर तीसर - ( स्त्री०) खेत की तीसरी जुताई
तीसरा - (वि०) 1 तीन के स्थान पर पड़नेवाला 2 जो दो में से किसी पक्ष का न हो, गैर, पराया
तुंद
तीसी - (स्त्री०) 1 तेलहन, अलसी 2 तीस वस्तुओं का एक मान तीहा - I ( पु० ) तिहाई, तृतीयांश II (वि०) तिहाई (जैसे-आधा तीहा माल )
तीहा - II बो० ( पु० ) तसल्ली, ढाढ़स
तुंग- I सं० (वि०) 1 बहुत ऊँचा 2 उग्र, तीव्र 3 प्रधान, मुख्य II (पु० ) पर्वत । ~ता (स्त्री०) ऊँचाई ~नाथ (पु० ) हिमालय पर स्थित एक शिव लिंग और तीर्थस्थान तुंगिमा -सं० (स्त्री०) ऊँचाई
तुंड - सं० (पु०) 1 मुख, मुँह 2 चोंच 3 थूथन 4 तोंद 5 तलवार का अगला भाग
तुंडि -सं० (स्त्री०) 1 नाभि 2 बिंबाफल, कुंदरू तुंडिक - सं० (वि०) जिसका मुँह आगे की ओर निकला हो तुंडिका-सं० (स्त्री०) 1. टोंटी 2 चोंच 3 नाभि । शोथ (पु० ) चि० घाँटी की सूजन तुंडिल-सं० (वि०) तोंदवाला
लुंडी - I सं० (वि०) 1 तुंडवाला 2 चोंचवाला 3 थूथनवाला II (पु० ) 1 गणेश 2 शिव की नंदी III (स्त्री०) 1 ढोंढ़ी 2 तोंद
तुंद - I सुंद - II फ्रा०
सं० (पु० ) उदर, पेट, तोंद
(वि०) तेज़, तीव्र, प्रचंड