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तिन्नी
तिनी - 1 (स्त्री०) स्वयं उत्पन्न होनेवाला धान तिन्नी - II ( स्त्री०) नीवी, फफूंदी तिपल्ला - (वि०) 1 तीन पल्लेवाला (दरवाजा) परतोंवाला 3 तीन तागों या तारों का तिपहिया - (वि०) तीन पहिएवाला तिपाई - (स्त्री०) तीन पायोंवाली बैठने की चौकी तिपाड़ - ( पु० ) 1 तीन पाट जोड़कर बनाया गया पड़ा (जैसे- तिपाड़ चादर ) 2 तीन परतोंवाला कपड़ा तिब-अ० (दे०) तिब्ब
तिबारा - I ( क्रि० वि०) तीसरी बार II ( पु० ) 1 तीन बार चुआने पर तैयार की गई शराब 2 तीन दरवाज़ोंवाला कमरा तिबारी- (स्त्री०) तिदरा तिबासी - (वि०) तीन दिन का बासी ( खाद्य पदार्थ ) तिब्ब- अ० (स्त्री०) 1 चिकित्साशास्त्र 2 यूनानी चिकित्साशास्त्र, हकीमा
=
363
2 तीन
तिब्बती - I ( वि०) तिब्बत संबंधी, तिब्बत का II (पु० ) तिब्बत देश का निवासी III (स्त्री०) तिब्बत देश की भाषा तिभाषिया हिं + सं० (वि०) तीन भाषाएँ बोलनेवाला तिमंज़िला - हिं अ० (वि०) तीन मंज़िलवाला ( मकान ) तिमाना- (स० क्रि०) भिगोना तिमाही हिं + फ़ा० (वि०) तीन माह पर होनेवाला तिमिंगल-सं० (पु०) ह्वेल मछली
तिमि - I सं० ( पु० ) ( चि०) रतौंधी रोग II बड़ा मगरमच्छ
+
तिमुहानी - हिं फ़ा. (स्त्री०) तिरमुहानी तिय-सं० (स्त्री०) औरत, स्त्री
तिमित सं० (वि०) 1 अचल 2 शान्त
तिमिर - सं० (पु० ) अंधकार, अँधेरा। हर (वि०) अंधकार दूर करनेवाला
तिमिराच्छन्न, तिमिराच्छादित, तिमिरावृत्त-सं० (वि०) अंधकार से छाया हुआ, अंधकारमय
तिमिरारि-सं० ( पु० ) सूर्य
तियतरा - ( पु० ) तीन पुत्रियों के उपरांत पैदा होनेवाला पुत्र तियला - ( पु० ) स्त्रियों का एक पहनावा, पोशाक तिया - ( पु० ) स्त्री, औरत
तिरंगा - (वि०) तीन रंगोंवाला (जैसे-तिरंगा झंडा ) तिरक-सं० ( पु० ) रीढ़ के नीचे दोनों कूल्हों की अस्थि-संधि तिरकट - ( पु०) नाव का अगला पाल
तिरकना-I (अ० क्रि०) तड़कना II (अ० क्रि०) थिरकना तिरकाना - (सं० क्रि०) रस्सी ढीली छोड़ना तिखूँटा - (वि०) तिकोना
तिरछा - (वि०) 1 जो एक ओर कुछ झुका हो, वक्र, बाँका 2 कुटिल। ~ई (स्त्री०) = तिरछापन; पन (पु० ) तिरछा होने का भाव
तिरछाना - I (अ० क्रि०) तिरछा होना II (स० क्रि०) तिरछा
करना
तिरछे - ( क्रि० वि०) तिरछेपन की अवस्था में, वक्रता से तिरछोहा-बो० (वि०) तिरछा
तिरपन - I ( वि०) पचास से तीन अधिक II (पु० ) तिरपन की संख्या, 53 की संख्या
तिरपाई - (स्त्री०) तिपाई
रोगन चढ़ाया हुआ
तिरपाल - अ० (पु० ) के नीचे सरकंडे का मुट्टा
तिर्यक्
मोटा कपड़ा, छाजन
तिरपोलिया - ( पु० ) तीन फाटकवाला स्थान
तिरमिरा - I ( पु० ) 1 आँख का एक रोग जिसमें देखने की शक्ति क्षीण हो जाती है 2 चकाचौंध
तिरमिरा - II ( पु० ) घी, तेल की तैरती चिकनाहट तिरमिराना - 1 (अ० क्रि०) आँखें चौंधियाना II ( अ० क्रि०) तिलमिलाना
तिरमिराहट - (स्त्री०) तैरती चिकनाहट
तिरमुहानी - (स्त्री०) वह स्थान जहाँ से तीन तरफ़ को रास्ता जाता हो 2 वह स्थान जहाँ तीन ओर से नदियाँ आकर मिलती हों
तिरलोक - (पु० ) त्रिलोक
तिरश्चीन-सं० (वि०) 1 तिरछा 2 टेढ़ा
तिरशूल - ( पु० ) त्रिशूल
तिरसठ - I (वि०) साठ से तीन अधिक II ( पु० ) 63 की संख्या
तिरस्कारिणी -सं० (स्त्री०) 1 आड़ 2 परदा 3 अदृश्य हो जाने की विद्या
तिरस्कार-सं० ( पु० ) 1 अपमान, अनादर 2 अवज्ञा तिरस्कृत -सं० (वि०) 1 अपमानित, अनादृत 2 जिसकी अवज्ञा की गई हो 3 आड़ में छिपा हुआ
तिरस्क्रिया - सं० (स्त्री०) 1 तिरस्कार 2 आच्छादन 3 पोशाक,
वस्त्र
तिरहुत - ( पु० ) मिथिला प्रदेश
तिरहेल - (वि०) क्रम में तीसरा
तराई
तिराई - ( स्त्री०)
तिरानवे - I ( वि०) नब्बे से तीन ज्यादा II (पु० ) 93 की संख्या
तिराना (स० क्रि०) 1 तैराना 2 तारना
तिरासी - 1 (वि०) अस्सी से तीन अधिक II ( पु० ) 83 की संख्या
तिराहा - हिं + फ़ा० ( पु० ) तिरमुहानी
तिरिया - (स्त्री०) औरत, लुगाई । चरित्तर (पु० ) स्त्रियों द्वारा दूसरों को बेवकूफ़ बनाने की चतुराई, अभिनय, ढोंग तिरेंदा - (पु० ) 1 पानी में तैरता हुआ पीपा जो ख़तरे की सूचना हेतु लगाया जाता है 2 बंसी की डोरी में लगी हुई छोटी लकड़ी जो उतराती रहती है
तिरोधान-सं० ( पु० ) 1 अंतर्धान, लोप 2 अदृश्यता तिरोधायक-सं० (वि०) आड़ में छिपनेवाला तिरोभाव - सं० (पु० ) 1 अदृश्य हो जाना, अदर्शन 2 गोपन, छिपाव, दुराव 3 लोप
तिरोभूत-सं० (वि०) जो गायब हो गया हो, अंतर्हित, अदृश्य तिरोहित-सं० (वि०) 1 छिपा हुआ, अदृश्य 2 ढका हुआ तिरौंछा बो० (वि०) = तिरछा तिरौंदा - (पु० ) तिरेंदा
तिर्यक् - I सं० (वि०) 1 तिरछा 2 आड़ा 3 वक्र 4 कारकचिह्न लगने से बननेवाला (स्वर) II ( क्रि० वि० ) 1 वक्रतापूर्वक 2 तिरछे 3 आड़े। गामी (वि०) टेढ़ा चलनेवाला; पाती (वि०) आड़ा रखा हुआ