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तमाशबीनी
तमाशबीनी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 तमाशा देखने की क्रिया 2 रंडीबाज़ी, वेश्यागमन
तमाशा - अ० (पु० ) 1 मनोरंजक दृश्य 2 खेलकूद, हँसी अदि की कोई घटना 3 अद्भुत बात 4 ऐसा कार्य जिसे सुगमता किया जा सके (जैसे-लेख लिखना तमाशा नहीं है)। फ़ा० (स्त्री०) तमाशे की जगह
से गाह
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तमाशाई अ० + फ़ा० (पु० ) 1 तमाशा देखनेवाला व्यक्ति 2 तमाशा दिखलानेवाला व्यक्ति
तमिल - I ( पु० ) 1 दक्षिण भारत का एक प्रसिद्ध क्षेत्र 2 दक्षिण भारत की एक प्रसिद्ध जाति II (स्त्री०) दक्षिण भारत की
भाषा
तमित्र-सं० (पु० ) 1 अंधकार 2 अज्ञान तमिस्त्र -सं० (स्त्री०) अँधेरी रात तमी - सं० ( स्तरी०) अँधेरी रात। चर ( पु० ) राक्षस । तमीज़ - अ० (स्त्री०) 1 अदब, शिष्टाचार 2 अच्छे-बुरे की पहचान, विवेक। दार फ़ा० (वि०) 1 अदबवाला, शिष्ट 2 विवेकवाला, विवेकी
+
तमूरा - बो० ( पु० ) तंबूरा तमोऽन्ध-सं० (वि० ) अज्ञानी
तमोगुण-सं० (पु० ) अंधकार अज्ञान आदि गुण तमोगुणी - सं० (वि०) तमोगुणवाला
तमोघ्र-सं० (वि०) अंधकार का नाश करनेवाला
तमोमय-सं० (वि०) 1 अंधकार पूर्ण 2 तमोगुणी 3 अज्ञानी तमोल-बो० (५०) तंबोल तमोलिन-बो० (स्त्री० ) तमोली- बो० (पु० ) = तँबोली
तँबोलिन
तमोविकार-सं० (पु० ) तमोगुण से उत्पन्न विकार या दोष तमोवृत्ति-सं० (स्त्री०) तामसिक स्वभाव
तय - अ० (वि०) निश्चित, निर्णीत ।
तयार - अ० (वि०) = तैयार
=
तरंग-सं० (स्त्री०) 1 पानी की लहर, हिलोर 2 मौज़, उमंग (जैसे-मन की तरंग) 3 उछाल 4 हिलना-डोलना 5 स्वरों का आरोह-अवरोह । दैर्ध्य (पु० ) 1 अनुप्रस्थ तरंग में एक श्रृंग से निकटवर्ती श्रृंग तक की दूरी 2 अनुदैर्ध्य तरंग में एक संपीडन से निकटवर्ती संपीडन तक की दूरी; माला (स्त्री०) लगातार आनेवाली तरंगें; ~ लंबाई + हिं० (स्त्री० ) = तरंग दैर्ध्य तरंगायित-सं० (वि०) 1 तरंगयुक्त 2 लहरदार तरंगिका सं० (स्त्री०) लहरी
तरंगिणी -सं० (स्त्री०) नदी
तरंगित - सं० (वि) 1 लहराता हुआ 2 कंपायमान 3 जो मग्न हो रहा हो
तरंगी - सं० (वि०) 1 जिसमें लहरें उठती हों 2 भावुक, रसिक 3 मन की तरंग के अनुसार काम करनेवाला
तर - फ़ा० (वि०) 1 गीला, आर्द्र 2 आर्द्रता युक्त, नमी युक्त (जैसे - तर हवा) 3 ठंडा, शीतल (जैसे-तर जगह) 4 बहुत अच्छा और बढ़िया (जैसे- तर माल खाओ ) 5 खूब हरा-भरा । फ़ा० (पु० ) मृदुभाषी तरक - अ० ( पु० ) त्याग, छोड़ना तरकश - फ्रा० (पु०) तीर रखने का चोंगा, तूणीर, निषंग, भाथा
ज़बान +
तरफ़
रिका - अ० (पु० ) 1 उत्तराधिकारी को मिलनेवाली संपत्ति 2 उत्तराधिकार
तरकारी- (स्त्री०) 1 सब्ज़ी, शाक 2 तड़का देकर पकाई हुई सब्ज़ी आदि
तरकी - (स्त्री०) फूल की तरह का कान का एक गहना तरकीब - अ० (स्त्री०) 1 उपाय, युक्ति 2 ढंग, तरीका 3 बनावट, रचना 4 मिलान, मेल
तरकुला - (पु० ), तरकुली - (स्त्री०) कान का एक गहना = तरकी
तरक्क़ी - अ० (स्त्री०) 1 अभिवृद्धि (जैसे - यह पौधा तरक्की कर रहा है ) 2 उन्नत दशा प्राप्त करना (जैसे यह लड़का पढ़ाई में तरक्की करेगा) 3 पदोन्नति (जैसे-अधिकारी की तरक्की कर दी गई ) । पसंद फ़ा० (वि०) प्रगतिशील; ~~याफ़्ता + फ़ा० (वि०) उन्नत, विकसित तरखा - बो० (पु० ) नदी आदि के पानी का तेज़ बहाव तरखान - ( पु० ) बढ़ई, तक्षक
तरछाना-बो० (अ० क्रि०) 1 आँख से इशारा करना 2 तिरछी नज़र से देखना
तरज़ - अ० (पु० )
तर्ज़
तरजना - (स० क्रि०) 1 डाँटना 2 मना करना
तरजनी - (स्त्री०) तर्जनी
तरजीला - (वि०) 1 तर्जन करनेवाला 2 क्रोधपूर्ण 3 उग्र, प्रचंड तरजीह-अ० (स्त्री०) 1 प्रधानता 2 बढ़-चढ़कर होना 3 वरीयता, प्राथमिकता
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=
+
तरजुमा - अ० (पु० ) अनुवाद, भाषांतर (जैसे तरजुमा करना) तरजुमान - अ० (पु० ) 1 अनुवादक 2 प्रवक्ता तरण - सं० (पु० ) 1 पार जाना, पार करना 2 पार करने का साधन 3 छुटकारा, निस्तार 4 उद्धार
तरणि-सं० ( पु० ) सूर्य ।
तनूजा ( स्त्री०) यमुना सुता (स्त्री०) यमुना
(पु० ) 1 यम 2 शनि तरणी-सं० (स्त्री०) नाव, नौका
तरतीब - अ० (स्त्री०) क्रम, सिलसिला (जैसे- तरतीब से लगाना); ~वार + फ़ा० ( क्रि० वि०) सिलसिलेवार, क्रमवार, क्रम से
तरदीद-अ० (स्त्री०) 1 रद करना 2 खंडन तरद्दुद - अ० (पु० ) 1 झंझट, बखेड़ा 2 परेशानी 3 चिंता 4 अंदेशा (जैसे- तरद्दुद में पड़ना)
तरना-I (अ० क्रि०) 1 पार होना 2 तैरना 3 भव बंधन से मुक्ति पाना, सद्गति प्राप्त करना II (स० क्रि०) पार करना तरनी - I (स्त्री०) तरणी, नाव
तरनी - II ( स्त्री०) खोमचा रखने का डमरू की शक्ल का
आसन
तरपट - I (पु० ) 1 टेढ़ापन 2 अंतर, भेद II ( वि०) जिसमें कनेव पड़ी हो, जो टेढ़ा हो
तर पर - (अ०) 1 एक दूसरे के ऊपर और नीचे 2 एक के ऊपर एक-एक करके (जैसे- ऐसी घटनाएँ तर पर होती रहीं) 3 निरंतर, लगातार (जैसे वह सवाल-जवाब तर पर करता गया)
तरफ़ - अ० (स्त्री०) 1 ओर, बगल 2 दो या अधिक पक्षों आदि मैं से प्रत्येक, हर एक 3 दो या अधिक तलों में से कोई तल