________________
तन्मूलक
351
तफावत
मौसम
तम्मूलक-सं० (वि०) उससे निकला हुआ, तज्जन्य तपोभूमि-सं० (स्त्री०) तपोवन, तपस्थल तन्य-सं० (वि०) जिसे खींचा जा सके, तानने योग्य। ता तपोधन-सं० (पु०) तप ही जिसका धन है, तपस्वी (स्त्री०) 1 तन्य होने की अवस्था 2 तार के रूप में खींचे ज तपोधाम-सं० (पु०) तपोभूमि सकने का गुण
तपोनिधि-सं० (पु.) बहुत बड़ा तपस्वी तन्वंग-सं० (वि०) 1 सुकुमार अंगोंवाला, कोमलाग 2 दुर्बल तपोनिष्ठ-सं० (वि०) तप में लीन तन्वंगी-सं० (स्त्री०) सुकुमार और दुबले पतले अंगोंवाली स्त्री तपोमूर्ति-सं० (पु०) 1 ईश्वर 2 तपस्वी तन्वी-I सं० (वि०) कोमल अंगोंवाली II (स्त्री०) सुकुमार तपोलोक-सं० (पु०) पुराणानुसार सात लोकों में से छठा लोक स्वी. दुबली पतली स्त्री
जो जन लोक के बाद तथा सत्य लोक के पहले तप कश-सं० (वि०) तपस्या के कारण कमज़ोर तपःपूत-सं० (वि०) तपस्या के द्वारा पवित्र
तपोवन-सं० (१०) वह आश्रम, वन जहाँ बहुत से तपस्वी तपःशक्ति-सं० (स्त्री०) तपस्या का बल।
तपस्या करते हैं तप-1 सं० (पु०) 1 तपस्या (जैसे-राजा भगीरथ ने घोर तप तपोवृद्ध-[सं० (पु०) बढ़ा-चढ़ा तपस्वी II (वि०) तपस्या में किया। 2 ताप, दाह । - ऋतु (स्त्री०) ग्रीष्प काल, गर्मी का बढ़ा-चढ़ा
तपोव्रत-सं० (पु०) 1 तपस्या का व्रत 2 तपस्या का व्रत तपन- वि०) 1 तपनेवाला 2 दुःख देनेवाला II (पु०) सूर्य | लेनेवाला III स्त्री०) 1 तपे हुए होने की अवस्था 2 तपिश तपौनी-(स्त्री०) 1 तपाकर ठीक करने की क्रिया 2 मुसाफ़िरों को (जैसे-कमरे में तपन है)। ~मणि (पु०) सूर्यकांत मणि लूट चुकने पर ठगों का देवी को प्रसाद चढ़ाने का रिवाज । तपनांशु-सं० (पु०) सूर्य की किरण
~का गड खिलाना किसी नए आदमी को दीक्षित करके तपना-(अ० क्रि०) 1 तप्त होना (जैसे-धरती तपना) 2 तपस्या अपनी मंडली में मिलाना
करना 3 संतप्त होना 4 सिक्का जमाना, प्रभाव दिखाना तप्त-सं० (वि०) । गर्म 2 तपाया हुआ (जैसे-भट्ठी में का तप्त (जैसे-शहर कोतवाल अपने समय में बहुत तपा था) 5 व्यर्थ लोहा) 3 जिसने तपस्या की हो 4 परम दुःखी 5 आवेश आदि का व्यय करना
के कारण विकल। -कुंड, स्रोत (पू०) प्राकृतिक रूप तपनी-बो० (स्त्री०) 1 कौड़ा, अलाव 2 तपस्या, तप 3 तपन से गर्म जलाशय; कृच्छ (पु०) गरम दूध जल घी पीते तपश्चरण-सं० (पु०), तपश्चर्या-सं० (स्त्री०) तपस्या रहने का व्रत; ~~मुद्रा (स्त्री०) गरम ठप्पे का शरीर पर लगा तपस्-सं० (पु०) तप
दाग तपसी-सं० (पु०) तपस्वी
तप्तायनी-सं० (स्त्री०) दुःख का लोक, पृथ्वी तपस्या-सं० (स्त्री०) 1 तप, साधना (जैसे-सफलता हेतु कठिन | तप्ति-सं० (स्त्री०) ताप, गर्मी तपस्या करना) 2 अभीष्ट की सिद्धि के लिए किया जानेवाला तप्य-सं० (वि०) 1 तपाने योग्य 2 तप करनेवाला कठोर एवं कष्टदायक आचरण (जैसे-मोक्ष प्राप्त हेतु कठोर तकंग-फ़ा० (स्त्री०) - तुफंग तपस्या करना) 3 कष्टमय प्रतीक्षा
तफ़क्कुर-अ० (पु०) चिन्ता तपस्विता-सं० (स्त्री०) तपस्वी भाव
तफतीश-अ० (स्त्री०) 1 छानबीन 2 जाँच-पड़ताल तपस्विनी-सं० (स्त्री) 1 तपस्या करनेवाली स्त्री 2 तपस्वी की तफ़रक़ा-अ० (पु०) मन-मुटाव, भेदभाव पत्नी 3 पतिव्रता एवं सती स्त्री
तरीक़-अ० (स्त्री०) 1 अंतर 2 भित्रता 3 अलगपन, तपस्वी-सं० (पु०) तपस्या करनेवाला व्यक्ति, तपी
पार्थक्य 4 बँटवारा, विभाजन 5 ग० घटाना । तपाक-फा० (पु०) 1 जोश, आवेश 2 उत्साह और प्रेम | तफ़रीह-अ० (स्त्री०) 1 मन-बहलाव, मनाविनोद 2 (जैसे-बड़े तपाक से स्वागत करना) 3 तेज़ी, वेग। मन-बहलाव हेतु इधर-उधर घूमना-फिरना, सैर-सपाटा 3 मन बदलना नाराज़ होना, बिगड़ना
में होनेवाली प्रफुल्लता 4 पारस्परिक हास-परिहास, तपानल-सं० (पु०) तप का तेज़
हँसी-दिल्लगी। बाज़ + फ़ा० (पु०) 1 मनोरंजन कर्ता तपाना-(स० क्रि०) 1 खूब गर्म करना (जैसे-भट्टी में ईंट 2 सैर करनेवाला; बाज़ी + फ़ा० (स्त्री०) 1 मनोरंजन तपाना) 2 आग पर पिघलाना 3 शरीर को कष्ट देना | करना 2 सैर करना
(जैसे-तपस्या में शरीर तपाना) 4 दुःखी करना, संतप्त करना | तफरीहन-अ० (अ०) 1मनबहलाव के रूप में 2 तपाव-(पु०) 1 तपने की अवस्था 2 तपाने की क्रिया 3 ताप, हँसी-दिल्लगी के लिए
तफसीर-अ० (स्त्री०) 1 स्पष्टीकरण, टीका 2 कुरान की तपित-सं० (वि०). 1 तपाया हुआ 2 तपा हुआ
___ व्याख्या, भाष्य तपिश-फा० (स्त्री०) 1 गर्मी, ताप (जैसे-ज़मीन की तपिश) तफ़सील-अ० (स्त्री०) 1 विस्तृत वर्णन 2 विवरण केफ़ियत
2 बहुत बढ़ा हुआ ताप 3 ग्रीष्म ऋतु में होनेवाली तपन 3 व्याख्या 4 ब्यौरा 5 ब्योरेवार सूची। ~वार +फ़ा० (वि०) तपी-सं० (पु०) तपस्वी
ब्योरेवार बनाई गई तपेदिक-फा० + अ० (स्त्री०) क्षय, यक्ष्मा, टी० बी० का रोग तफ़सीली-अ० + फ्रा० (वि०) तफ़सील संबंधी तपेला-(पु०) 1 भट्ठा, बड़ी भट्ठी 2 पानी गर्म करने का बड़ा तफावत-अ० (पु०) 1 अंतर, फ़र्क 2 दूरी फ़ासला 3
मन-मुटाव 4 भेद-भाव
गर्मी
बर्तन