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तन्मिय
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तदर्थ
तडिन्मय-सं० (वि०) कौंधवाला
ता (स्त्री०) 1 तत्त्व होने की अवस्था 2 यथार्थता, तडिल्लता-सं० (स्त्री०) बिजली की कौंध की लहर वास्तविकता; दर्शन (१०) - तत्व ज्ञान; दर्शी (पु०) तड़ी-(स्त्री) 1 चपत, थप्पड़ 2 धोखा, छल 3 बहाना 4 झूठी - तत्त्वज्ञ; दृष्टि (स्त्री०) 1 बात के मूल कारण का पता शान
लगानेवाली दृष्टि 2 दिव्य दृष्टिः . भाव (पू०) स्वभाव, मूल तत्-सं० सर्व० 1 वही, वह 2 उस, उसी (जैसे-तत्काल, प्रकृति; ~भाषी (पु०) सच्ची बात कहनेवाला; मसि । तु तत्क्षण)
वही है 2 तत्सतः -मीमांसा (स्त्री०) । ईश्वरीय सत्ता तथा ततहँड़ा-(पु०) मिट्टी की बड़ी हाँड़ी
सृष्टि की उत्पत्ति से संबंधित विद्या 2 अध्यात्मज्ञान - वाद ततारना-(स० क्रि०) 1 गरम जल से धोना 2 जल आदि की (१०) 1 दर्शन शास्त्र संबंधी विचार 2 दार्शनिक विचार धार गिराना
प्रणाली; ~वादी I (पु०) तत्ववाद का ज्ञाता एवं समर्थक तति-सं० (स्त्री०) 1 ताँता, पंक्ति 2 फैलावा; विस्तार II (वि०) 1 तत्ववाद संबंधी तत्त्वकी 2 सच्ची और साफ़ बात ततिम्मा -अ परिशिष्ट, क्रोडपत्र
कहनेवाला; विचार (पु०) = तत्व मीमांसा; विद ततैया-I (स्त्री०) बरे, भिड़ II (वि०) तीखा, तीक्ष्ण, चपल (पु०) = तत्त्वज्ञ; -विद्या (स्त्री०); शास्त्र (पु०) और तीव्र बुद्धिवाला
दर्शनशास्त्र; --शून्य (वि०) निस्सार, असार ततोधिक-सं० (वि०) 1 उससे अधिक 2 उससे बढ़कर तत्वतः-सं० (अ०) यथार्थतः, वस्तुतः तत्काल-सं० (अ०) उसी समय, फौरन । रचित (वि०) तत्वान्वेषी-सं० (वि०) तत्व की खोज करनेवाला आशुलिखित, उसी समय का लिखा हआ
तत्वावधान-सं० (पु०) देखरेख, निरीक्षण तत्कालीन सं० (वि०) 1 उस समय का 2 उन दिनों का तत्सदृश-सं० (वि०) उसके समान तत्क्षण-सं० (अ०) उसी क्षण, तुरंत (जैसे-तत्क्षण प्रभाव तत्सम-सं० (पु०) शब्द जो मूल भाषा के शुद्ध रूप में हो' डालना)
तत्साामयिक-सं० (वि०) उस समय का तत्क्षेत्रीय-सं० (वि०) उसी क्षेत्र से संबंधित
तत्स्वरूप-सं० (वि०) तत्सदृश तत्ता-(वि.) अधिक तपा हुआ, गर्म, उष्ण
तथा-सं० (अ०) 1 और, व 2 किसी के अनुरूप, वैसा ही तत्ताथेई (स्त्री०) नाच के बोल, शब्द
(जैसे-यथा नाम तथा गुण) । -कथित, कथ्य (वि०) तत्तोथंबो (पु.) 1 बीचबचाव 2 दिलासा 3 बहकावा जो इस नाम से प्रसिद्ध हो परंतु ऐसा होना विवादस्पद एवं तत्त्व-सं० (प.) 1 आकाश, अग्नि, जल, थल और पवन ये संदिग्ध हो (जैसे-देश का तथाकथित नेता); गत (पु.) पाँच गुण 2 रसायन शास्त्र के अनुसार ऐसा पदार्थ जिसमें दूसरे भगवान् बुद्ध; -विध (वि०) उसी प्रकार का, तत्सदृश पदार्थों का कुछ भी अंश न पाया जाता हो, अमिश्र एवं विशुद्ध, तथापि-सं० (अ०) तो भी, तिस पर भी, फिर भी एलिमेंट 3 सार-वस्तु 4 असलियत 5 ईश्वर। -ज्ञ (पु०) तथास्तु-सं० 1 ऐसा ही हो 2 एवमस्तु 1 ब्रह्म ज्ञानी 2 दार्शनिक; ज्ञान (पु०) अध्यात्मज्ञान; तः तथैव-सं० (अ०) उसी प्रकार, वैसे ही (क्रि० वि०) मूल गुण के विचार से, वस्तुतः तथोक्त-सं० (वि०) उस प्रकार कहा हुआ तत्पद-(पु०) परमपद
तथ्य-सं० (पु०) 1 यथार्थ 2 वास्तविक घटना 3 सार तत्पर-सं० (वि०) 1 जो काम करने को तैयार हो, उद्यत, मुस्तैद | 4 सच्चाई। -कथन (पु०), गत (वि०) = तथ्यात्मक 2 मनोयोगपूर्वक लगा हुआ 3 दक्ष, निपुण, होशियार तः (क्रि० वि०) वस्तुतः; ~परक (वि०) वास्तविकता 4 चालाक, चतुर। ~ता. (स्त्री०) 1 मुस्तैदी 2 दक्षता, के अनुकूल; ~भाषी (वि०) सच्ची और सार गर्भ बात निपुणता 3 चतुराई, होशियारी
कहनेवाला; ~वाद (पु०) यर्थाथवाद; ~वादी (वि०) = तत्परायण-सं० (वि०) उसके प्रति आसक्त
तथ्यभाषी; हीन (वि०) 1 निस्सार 2 झूठा तत्पश्चात्-सं० (अ०) उसके बाद, अनंतर
तथ्यातथ्य-सं० (पु०) सचझूठ तत्पुरुष-सं० (पु०) 1 व्या० संस्कृत व्याकरण में एक समास तथ्यात्मक-सं० (वि०) वास्तविक जिसमें दो संज्ञाओं के बीच की विभक्ति लुप्त हो जाती है तथा तथ्यान्वेषी-सं० (वि०) तथ्य की खोज करनेवाला दूसरा पद प्रधान हो. यह बतलाता है कि वह पहले पद का तद्-I सं० (वि०) वह II (क्रि० वि०) उस समय, तब कार्य है (जैसे-देश-भक्ति में देश की भक्ति तत्पुरुष है) तदंतर, तदनंतर-सं० (अ०) उसके बाद, उसके उपरांत 2 ईश्वर, परमेश्वर
तदनन्यत्व-(पु०) कार्य-कारण की एकता तत्पूर्व-सं० (क्रि० वि०) उससे पहले
तदनुकूल-सं० (वि०) उसके अनुकूल, तदनुसार तत्र-सं० (अ०) उस स्थान पर, उस जगह, वहाँ तदनुरूप-सं० (वि०) उसी के रूप का, उसी के जैसा तत्रत्य-सं० (वि०) वहाँ रहनेवाला
तदनुवर्ती-सं० (वि०) उसके पीछे का तत्रापि-सं० (अ०) तथापि, तो भी
तदनुसार-I(क्रि० वि०) उसी के अनुसार, उसी तरह तत्व-सं० (पु.) 1 वास्तविकता 2 सार 3 जगत् का मूल कारण, | II (वि०) उसके अनुसार होनेवाला ईश्वर 4 घटक। (वि०) 1 ब्रह्म को जाननेवाला 2 जिसे तदपि-सं० (अ०) तो भी, तिस पर भी, तथापि मार वस्तु का ज्ञान हो 3 अध्यात्मवेत्ता 4 दार्शनिक; ज्ञान तदबीर-अ० (स्त्री०) 1 युक्ति 2 उपाय 3 यत्न, प्रयास (पु०) आत्मा, परमात्मा एवं उसकी सृष्टि के संबंध में | तदर्थ-सं० (अ०) केवल इसके वास्ते। समिति (स्त्री०) होनेवाला सच्चा ज्ञान, ब्रह्मज्ञान; नानी (पु०) = तत्वज्ञ; | इस विशिष्ट कार्य के लिए बनी समिति