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ठगाठगी
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ठयना
ठगाठगी-(स्त्री०) धोखेबाज़ी, वंचकता
खड़ा होना ठगाना- बो० ( क्रि०) 1 ठगा जाना, धोखा खा जाना - ठन-(स्त्री०) 1 धातु के बर्तन की आवाज़ 2 रुपये के गिरने, 2 अविश्वासी को अपना धन दे बैठना, सौंप बैठना 3 अनुरक्त । बजने से उत्पन्न शब्द होना
ठनक-(स्त्री०) 1 ठन-ठन की शब्द 2 रह-रहकर उठनेवाली ठगिन, ठगिनी-(स्त्री०) = ठगनी
पीड़ा, टीस ठगिया-(पु०) = ठग
ठनकना-(अ० क्रि०) 1 ठन-ठन शब्द होना, (जैसे-पीतल की ठगी-(स्त्री०) 1 ठगने का काम 2 ठग का पेशा 3 ठगपना थाली ठनकना, (तबला ठनकना) । माथा ~संदेह पैदा होना ठगोरी-(स्त्री०) 1 ठगने की विद्या, ठगी 2 जादू-टोना ठनका-(पु०) 1 दे० = ठनक 2 आघात 3 गरजता हुआ ठट-(पु०) 1 ठठ 2 ठाठ
बादल ठटकीला-(वि०) सजा हुआ
ठनकाना-(स० क्रि०) 1 ठन-ठन शब्द उत्पन्न करना 2 ढोल ठटना-(अ० क्रि०/स० क्रि०) = ठठना
आदि बजाकर ठन-ठन शब्द करना ठटरी-(स्त्री०) = ठठरी
ठनकार-(पु०) ठनक, ठनठन ठट्ट-(पु०) ढेर, समूह
ठन-गन-(पु०) आग्रह, हठ (जैसे-नाई, कहार आदि का राजा ठट्टी-(स्त्री०) 1 ढाँचा 2 शरीर का ढाँचा, कंकाल 3 भसा रखने से ठनगन करना) का जाल 3 अरथी
ठन-ठन-(स्त्री०) 1 धातु बजने का शब्द, ठनक 2 ठनठन, ठट्ठा-(पु०) ठट्ठा, मज़ाक, ठठोली
हठ। ~गोपाल + सं० I (वि०) 1 निर्धन 2 जिसमें कुछ ठठेबाज़-हिं० + फ़ा० मज़ाक बनानेवाला
भी सार न हो, निस्सार II (प.) रुपये-पैसे का अभाव ठठेबाज़ी-हिं० + फ़ा० मज़ाक बनाने की लत
ठनठनाना-I (स० क्रि०) ठन-ठन ध्वनि उत्पन्न करना II ठठ-(पु०) 1 जमाव, भीड़ 2 ठाट, सजावट
(अ० क्रि०) ठन-ठन ध्वनि उत्पत्र होना ठठकना- बो० (अ० क्रि०) = ठिठकना
ठनना-(अ० क्रि०) 1 छिड़ जाना (जैसे-दो देशों में युद्ध ठठना-I (अ० क्रि०) 1 खड़ा होना, स्थित होना 2 अड़ना रुक ठनना) 2 पक्का होना, निश्चित होना, तय होना
जाना 3 सुसज्जित होना, सजना II (स० क्रि०) 1 ठहराना 3 कार्य-व्यापार में उद्यत होना 4 दृढ़ता-पूर्वक उपस्थित होना, 2 निश्चित करना 3 सुसज्जित करना, सजाना
मुस्तैद होना ठठनी-(स्त्री०) सजावट
ठनाका-(पु०) 1 अचानक उत्पन्न होनेवाली तीव्र ठन-ठन ठठरी- बो० (स्त्री०) 1 हड्डियों का ढांचा, कंकाल 2 ढांचा ध्वनि 2 कुछ समय तक निरंतर होनेवाली ठन-ठन ध्वनि 3 अरथी 4 भूसा बाँधने का जाल
ठनाठन-(क्रि० वि०) 1 ठन-ठन शब्द करते हुए 2 टनाटन ठठाना-I (स० क्रि०) 1 आघात करना 2 मारना-पीटना ठप-I (वि०) 1 पूर्णतः बंद (जैसे-घनघोर वर्षा से सारा काम ठठाना-II (अ० क्रि०) ज़ोर से हँसना, अट्टहास करना ठप हो गया) 2 अनखोला (जैसे-वाद्य-यंत्र का ठप पड़ा ठठाना-III (अ० क्रि०) ठाट से एवं अच्छी तरह से होना रहना) II (पु०) 1 खुली पुस्तक सहसा बंद करने से उत्पन्न ठठियाना-(स० क्रि०) 1 सुसज्जित करना 2 सब कुछ लेकर शब्द, बंद करने की अवस्था कंगाल बनाना
ठपका-(पु०) 1 ठप शब्द 2 खली पुस्तक बंद करने की क्रिया ठठिरिन-(स्त्री०) ठठेरिन
3 आघात, धक्का ठठुकना- बो० (अ० क्रि०) - ठिठकना
ठपना-(स० क्रि०) 1 इस प्रकार बंद करना कि ठप शब्द होना ठठेरा-I (पु०) 1 ताँब, पीतल आदि के बर्तन बनानेवाला 2 कार्य-व्यापार बंद करना 3 बंद करके रखना कारीगर, कसेरा 2 बर्तन बेचनेवाला दुकानदार
ठप्प-(वि०) - ठप ठठेरा-II (पु०) ज्वार-बाजरे आदि का डंठल
ठप्पा-(पु०) 1 चिह्न विशेष, छाप लगाने के काम में आनेवाला ठठेरिन-(स्त्री०) ठठेरे की स्त्री, ठठिरिन
साँचा (जैसे-कपड़े छापने का ठप्पा, सिक्का बनाने का टप्पा) ठठेरी-I (स्त्री०) 1 ठठेरे का काम 2 ठठेरे की औरत, स्त्री | 2 इस तरह के साँचे से लगाई गई छाप, चिह्न (जैसे-टप्पा और (वि०) ठठेरों से संबंध रखनेवाला (जैसे-ठठेरी बाज़ार)।। मुहर लगा देना)
बज़ार • फ़ा० (पु०) वह बाज़ार जहाँ अधिकांश दुकानें ठमकना-1 (अ० क्रि०) 1 चलते-चलते सहसा रुक जाना, ठठेरों की हों.
ठिठकना 2 दे० ठुमकना || (अ० क्रि०) ठम-ठम की ठठोल-I (वि०) ठठोली करनेवाला, हँसोड || (प०) आवाज़ निकलना ठठोली। बाज़ - फ़ा० (वि०) हँसी-मज़ाक करनेवाला; ठमकाना-1 (स० क्रि०) 1 चलते-चलते सहसा रोक देना, ~बाज़ी (स्त्री०) हँसी-मज़ाक
ठिठकना 2 ठसक दिखलाते हए अंगों का संचालन करना ठठोली-(स्त्री०) हँसी-दिल्लगी (जैसे-हँसी-ठठोली मारना) 3 ठम-ठम शब्द उत्पन्न करना ठड़ा- बो० (वि०) खड़ा, सीधा स्थित
ठमकारना- बो० (स० क्रि०) 1 अचानक रोक लेना ठड्डा-(पु०) 1 रीढ़ 2 पतंग की खड़ी खपची
2 ठसकते हुए अंग संचालन करना ठढ़ा-(वि०) - ठड़ा
ठयना-| बो० (स० क्रि०) 1 ठहराना 2 प्रयुक्त करना, लगाना ठढ़िया-(पु०) ऊँचा ओखल
3 दे० ठानना II (अ० क्रि०) 1 स्थित होना 2 प्रयुक्त होना, ठढ़ियाना-[ बो० (स० क्रि०) खड़ा करना || (अ० क्रि०) | लगना 3 दे० ठनना