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ज्वलित
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झकझकाहट
ज्वलित-सं० (वि०) 1 जलता हुआ 2 जलाया हुआ 3 खूब | मंझरित-सं० (वि०) क्षतविक्षत चमकता हुआ
झैझरी-(स्त्री) 1 कोई जालीदार चीज़ 2 झरोखा 3 जालीदार ज्वायंट-अं० (वि०) 1 जुड़ा हुआ 2 जोड़ा हुआ, मिलाया हुआ चादर 4 चलनी। दार + फ्रा० (वि०) जालीदार ज्वार-I (स्त्री०) खरीफ की फसल में होनेवाला एक मोटा झंझा-(स्त्री०) तेज़ हवा, अंधड, आँधी
अनाज और इसका पौधा II (स्त्री०) समुद्र के जल का ऊपर झंझानिल, झंझावात-सं० (पु०) प्रचंड वायु, आँधी-तूफ़ान उठना। जल + सं० (पु०) उठान का पानी; ~भाटा झंझार-(स्त्री०) आग की ऊँची लपट (पु०) समुद्र के जल का वेगपूर्वक ऊपर उठना और पुनः नीचे | झंझी-(स्त्री०) 1 फूटी कौड़ी 2 दलाली की रकम गिरना, चढ़ाव-उतार
झंझोटी-(स्त्री०) एक रागिनी ज्वारी-बो० (पु०) = जुआरी
झंझोड़ना-(स० क्रि०) झटकना, झकझोरना ज्वाल-सं० (पु०) = ज्वाला
झंडा-(पु०) पताका, ध्वजा (जैसे-राष्ट्रीय झंडा फहराना)। ज्वालक-सं० (वि०) जलानेवाला, प्रज्वलित करनेवाला । जहाज़ + अ० (पु०) बेड़े के नायक का जहाज़; ज्वाला-सं० (स्त्री०) 1 आग की लपट, अनिशिखा 2 दुःख, बरदार + फ्रा० (पु०) झंडा ले चलनेवाला; ~गाड़ना कष्ट आदि के कारण होनेवाली पीड़ा, संताप 3 अत्यधिक अधिकार जमाना; झंडे तले आना एक हो जाना गर्मी। -जिह्न (पु०) अग्नि, आग; ~मुखी (पु०) पृथ्वी झंडी-(स्त्री०) 1 छोटा झंडा 2 काग़ज़ों की झंडाकार कतरन के तल पर कुछ ऐसे स्थानों मुख्यतः पर्वतों में मुख के आकार झेंडूला-I (वि०) 1 जिसका मुंडन संस्कार न हआ 2 जो गर्भ के बड़े-बड़े गड्ढे जिनमें से आग की लपटें, लावा, गली । काल से चला आता हो II (पु०) 1 वह बालक जिसके सिर धातुएँ आदि धुएँ सहित निकलते हैं (जैसे-ज्वालामुखी पर्वत); पर गर्भ के बाल हों 2 गर्भ समय से चले आते बाल ~मुखी विज्ञान (पु.) ज्वालामुखी से संबंधित विज्ञान: झंडोत्तोलन-हिं० + सं० (पु०) झंडा फहराना ~मुखी वैज्ञानिक (पु०) ज्वालामुखी विशेषज्ञ
झंप-सं० (पु०) 1 उछाल 2 कुदान पकना-(अ० क्रि०) = झपकना झंपन-सं० (पु०) 1 छिपाव 2 उछाल 3 झोंका अपना-(अ० क्रि०) 1 झपटना 2 उछलना 3 कूदना 4 झेंपना, लजाना 4 पलकों का बंद होना (स० क्रि०) 1 मूंदना, बंद करना 2 ढकना 3 छिपाना अपरिया-बो० (स्त्री०), झेंपरी (स्त्री०) पालकी के ऊपर
डाला जानेवाला कपड़ा झं-(पु०) धातु के पात्र पर आघात होने से उत्पन्न ध्वनि झंपाक-सं० (पु०) बंदर झंकना-(अ० क्रि०) = दे० झीखना
झैपान-(पु०) पहाड़ पर सवारी के काम आनेवाली खली झंकार-सं० (स्त्री०) 1 झनझन शब्द, झनकार (जैसे-पायल | खटोली, डांडी
की झंकार) 2 कीड़ों आदि का झन-झन शब्द (जैसे-झींगुर की | झंपित-सं० (वि०) 1 छिपा हुआ 2 ढंका हुआ झंकार)
अपोला-(पु०) 1 छोटा झापा 2 पिटारा झंकारना-I (स० क्रि०) झन-झन शब्द उत्पन्न करना II (अ० झैवना, झैवराना-I (अ० क्रि०) 1 झाँवला, काला पड़ना क्रि०) झन-झन शब्द उत्पन्न होना
2 कुम्हलाना, मुरझाना II (स० क्रि०) 1 काला करना किया-(स्त्री०) 1 झरोखा, रोशनदान 2 झंझरी, जाली 2 कुम्हलाने में प्रवृत्त करना झंकृत-सं० (वि०) झंकार उत्पन्न करता हुआ
झैव-बो० (पु०) = झाँवाँ झंकृति-सं० (स्त्री०) = झंकार
झैवाना-I (अ० क्रि०) 1 काला, झाँवला हो जाना (जैसे-धूप झंखना-(अ० क्रि०) झीखना
से शरीर का रंग अँवाना) 2 आग का जलते-जलते बुझने को झंखाड़-I (पु०) 1 काँटेदार एवं अन्य घने पौधों का समूह होना, आँच मंद पड़ना 3 कुम्हलाना, मुरझाना 4 निर्जीव, बेदम
2 कूड़े-करकट का ढेर II (वि०) जिसके पत्ते झर गए हों | होना 5 झेंपना || (स० क्रि०) 1 काला करना 2 बुझाना झंगरा-बो० (१०) बाँस की खपचियों का बना जालीदार बड़ा | 3 कुम्हलाने में प्रवृत्त करना 4 लज्जित करना 5 बेदम करना टोकरा
सना-I (स० क्रि०) ठगना, धोखा देकर पैसे वसूलना II अँगा, अँगुला-(पु०) झगा, बच्चों का ढीला कुरता (अ० क्रि०) रगड़ते हुए मलना जोड़ना-(स० क्रि०) = झंझोड़ना
झउआ-(पु०) : झाबा झंझट-(स्त्री०) झगड़ा, बखेड़ा (जैसे-झंझट पैदा करना)। झक-I (स्त्री०) हल्का पागलपन, ख़ब्त (जैसे-झक सवार ~झमेला (पु०) बखेड़ा
होना) II (वि०) 1 स्वच्छ तथा उज्ज्वल 2 चमकदार, झंझटी-(वि०) 1 झगड़ा पैदा करनेवाला 2 झगड़ालू
चमकीला झंझनाना-I (अ० क्रि०) झन-झन शब्द उत्पन्न होना। झक-झक-(स्त्री०) व्यर्थ की तकरार, किचकिच II झन-झन करना
झकझका-(वि०) 1बिल्कुल साफ़, स्वच्छ 2 चमकीला, झैझरा-I (पु०) छोटे-छोटे छेदोंवाला ढकना II (वि०) चमकदार 1 जिसमें बहुत से छोटे-छोटे छिद्र हों 2 झीना | झकझकाहट-(स्त्री०) 1 ओप, चमक 2 उज्ज्वलता