________________
टैंकाई
322
टक्क
II (स्त्री०) 1 जांघ 2 संपूर्ण जाति की एक रागिनी टकराना) 3 छेड़ना, बाधा डालना 4 संघर्ष करना (जैसे-अ टैकाई-(स्त्री०) 1 टाँकने की क्रिया 2 टाँकने का पारिश्रमिक बदमाश से टकराना अच्छा नहीं है) 5 सहसा आघात कर टैंकाना-I (स० क्रि०) 1 टाँके लगवाना 2 सिल आदि (जैसे-किले की दीवार से लहरों का टकराना) 6 इधर-उध
कुटवाना II (स० क्रि०) याददाश्त, स्मरण हेतु लिखवा देना मारा-मारा फिरना, ठोकरें खाना II (स० क्रि०) दो वस्तुऊं टंकार-1 सं० (स्त्री०) 1 धनुष की ध्वनि 2 धातु आदि की को आपस में लड़ा देना टन-टन, टनाका
टकराव-(पु०), टकराहट (स्त्री०) भिडंत टंकार-सं० 1 (स्त्री) 1 चिल्लाहट 2 आश्चर्य विस्मय, टकसाल-(स्त्री०) 1सिक्के आदि ढालने का कारखाना 24 अचरज
हर तरह से निर्दोष एवं प्रामाणिक हो। चढ़ाना ऐसी जगा टंकारना-सं० - हि० (स० क्रि०) 1 धनुष की प्रत्यंचा तानकर ले जाना जहाँ भलाई-बुराई की परख हो सके; बाहर
छोड़ना जिससे टन-टन ध्वनि उत्पत्र हो 2 टन-टन शब्द उत्पन्न प्रामाणिक न मानी जाती हो करना
टकसालना-(स० क्रि०) सिक्कों में ढालना टंकिका-सं० (स्त्री०) टाँकी, छेनी
टकसाली-(वि०) 1 टकसाल का 2 टकसाल में ढला हा टंकी-अं० + हिं० (स्त्री) कुंड, हौज, हौदी (जैसे-टंकी में | 3खरा 4 चलनसार एवं मान्य, सम्मत 4 प्रामाणिक
पानी नहीं है) टैकुआ-बो० (वि०) जिस पर कुछ टाँका गया । (जैसे-उनकी हर बात टकसाली होती है) हो (जैसे-टॅकुआ दुपट्टा)
टकहाई-(स्त्री०) = टकाही । टंकोर-(स्त्री०) . टंकार |
टकहाया-(वि०) = टकाहा टंकोरना-(स० क्रि०) . टंकारना
टकही-(वि०) टके भर का, सस्ता टंकौरी-(स्त्री०) बहुत छोटी तराज़
टका-(पु०) 1 चाँदी का पुराना सिक्का, रुपया 2 अंग्रेज़ी शासन टंग-सं० (पु०) 1 टॉग ? कुल्हाड़ी 3 फरसा 4 चार माशे की काल में प्रचलित दो पैसे का सिक्का, अधना 3 आधी छरक एक तौल, टंक
की तौल 4 धन-संपत्ति, रुपया-पैसा । ~पास न होना निर्ध टैंगड़ी-(स्त्री०) 1 टाँग पैर 2 अडंगा। -बाज़ - फ़ा० अड़गे होना; ~भर ज़रा सा, बहुत कम; ~सा जवाब देना साफ लगानेवाला
इन्कार कर देना ~सा मुँह लेकर रह जाना निराशा से.लज टंगण-सं० (१०) सोहागा
जाना; टके को न पूछना कोई मूल्य न रह जाना टैंगना-1 (अ० क्रि०) 1 टाँगा जाना 2 अटकाया जाना, जड़ा टकाटकी-(स्त्री०) = दे० टकटकी
जाना 3 फाँसी पर चढ़ाया जाना || (पु०) अलगनी टकार-सं० (पु०) 'ट' वर्ण टैंगरी-(स्त्री०) . टॅगडी
टकासी-(स्त्री०) 1 एक रुपपये पर प्रतिमास दो पैसे मुद लेने टैगाना-(स० क्रि०) टाँगने में पवन करना (जैसे-दीवार पर देने का ढंग 2 मध्ययुग में प्रत्येक गक्ति पर एक टके के तस्वीर टॅगाना)
हिसाब से लगनेवाला चंदा । टंग्स्टन-अं० (१०) क्रोमियम की जाति का एक धातु तत्त्व टकाहा-बो० (वि०) टके-टके पर बिकनेवाला, अत्यंत तुच्छ, टंच-1बो० (विल) 1 अत्यधिक कंजूस 2 दुष्ट 3 धूर्त, काँइयाँ, । हीन चंट 4 निष्टर
टकाही-I (स्त्री०) अत्यंत निम्न कोटि की वेश्या, बहुत है। टंच-II (वि०) 1 तैयार ? हृष्ट पुष्ट 3 ठीक-ठाक
दुश्चरित्रा स्त्री II बो० (स्त्री०) = टकासी टंट-घंट-(पु०) 1 पूजा-पाठ की आडंबरपूर्ण पद्धति, प्रपंच टकुआ-(पु०) 1 चरखे में का तकला 2 अँकुसीदार औजार 2 फ़ालतू सामान
| (जैसे-मोची का टकुआ) टंटा-(प०) 1 झंझट 2 सारहीन लड़ाई-झगड़ा, व्यर्थ का | टकुली-(स्त्री०) 1 पत्थर काटने की छेनी 2 नक्काशी करने का वैर-विरोध 3 फ़ालत सामान का फैलाव
___ एक औज़ार 3 छोटा टकुआ टंडल-(१०) टंडैल,
टकैत-(वि०) टकेवाला, धनवान, अमीर टैंडिया-(स्त्री०) बाँह पर पहना जानेवाला गहना
टकोर-(स्त्री०) 1 टंकार 2 डंके की चोट, नगाड़े की आवाब टंडैल-(पु०) मज़दूरों का मेट
3 हलका आघात, हलकी चोट 4 सेंक टक-(स्त्री०) गढ़ाकर लगी नजर, टक-टकी (जैसे-एक टक | टकोरना-(स० क्रि०) 1 धीरे से आघात करना 2 बजान देखना) दे० एकटक। लगाना । आसरा देखते रहना । 3 डंके आदि पर चोट करना 4 सेंक देना एकटक देखते रहना
टकोरा-(पु०)1 डंडे की चोट 2 आघात, ठेस टकटकाना-1बी (स० क्रि०) टकटकी लगाकर किसी की टक्क-सं० (पु०) 1 वाहीक जाति का आदमी 2 कंजूस
और देखते रहना ।। ( क्रि०) टक-टक ध्वनि उत्पन्न करना टक्कर-(स्त्री०) 1 आपस में भिड़ जाना, भिड़त (जैसेनेल टकटकी-(स्त्री०) स्थिर दृष्टि. एक टक
और बस की रक्कर में अनेक लोग मारे गए) 2 ठोक टकटोना, टकटोग्ना, टकटोलना-(म० क्रि०) टटोलना (जैसे-बाल्टी से टक्कर लगकर उसका सिर फट गया टकटोहन-(प.) टटोलकर देखना
3 मुकाबला (जैसे-आज अखाड़े में दो पहलवानों की टक्क टकतंत्री-सं० (सी) सितार की तरह का बाजा है)। का मुकाबले का; ~का होना बराबर होन टकराना-1 । अ० कि.। 1दी वस्तओं का आपस में भिड़ ~खाना 1 मारा-मारा फिरना 2 मकाबले का होना; ~मारन
जाना ? ठोकराना । जैसे- आदमी का रास्ता चलने पन्थर से । हैरान होना; ~लेना मुकाबला करना