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टाँचनी
टर-(सी०) 1कर्कश ध्वनि (जैसे-मेढक का टर-टर होना) | टहना-(पु०) बहुत बड़ी तथा मोटी टहनी 2 ईद के चाँद का मेला 3जिद
टहनी-(स्त्री०) वृक्ष की शाखा, डाली टरकना-(अ० क्रि०) = टलना
टहल-(स्त्री०) सेवा-सुश्रूषा, ख़िदमत। ~टई (स्त्री०) टरकाना-(स० क्रि०) = टालना
सेवा-सुश्रूषा; ~टकोर, टकोरी (स्त्री०) = टहल टरकी-अं० (पु०) पीरू पक्षी (अमरीकी)
टहलना-(अ० क्रि०) धीरे-धीरे चलना, मंद गति से भ्रमण टरकुल-(वि०) 1घटिया, निकम्मा 2 बहुत ही साधारण __करना हवाख़ोरी करना। -जाना चुपचाप चले जाना टरटराना-(अ० क्रि०) 1अंड-बंड बकना, लगातार व्यर्थ की । टहलनी-I (स्त्री०) 1 सेविका 2 मजदूरनी
बात करना 2 ज़ोर-ज़ोर से बोलना (जैसे-मेंढक) टहलनी-II (स्त्री०) दीये की बत्ती उसकाने की छोटी सींक टरना-बो० (अ० क्रि०) = टलना
टहलाना-(स० क्रि०) चलाना, घुमाना-फिराना टाइन-अं० (स्त्री०) गैस संचालित इंजन
टहलुआ-(पु०) सेवा करनेवाला व्यक्ति टर्र-टर्र-(स्त्री०) मेढक की तीव्र एवं कर्कश ध्वनि, मेढक की टहलुई-(स्त्री०) = टहलनी I __ आवाज़
टहलू-बो० (पु०) = टहलुआ टर्रा-(वि०) 1 कटुवादी 2 ऐंठकर बात करनेवाला 3 कठोर एवं टही-बो० (स्त्री०) 1 थाक 2 छोटी-मोटी युक्ति कर्णकटु (शब्द) 4 धृष्ट
टाआटारी-बो० (स्त्री०) चुगलखोरी टर्राना-(अ० क्रि०) 1 गर्व के साथ बातें करना 2 कटुवचन टहका-(पु०) 1 पहेली 2 चुटकुला कहना
टोका-(पु०) 1 हाथ-पैर से किया गया हल्का आघात 2 ठेस टर्स-(पु०) 1 अनावश्यक रूप से बोलनेवाला व्यक्ति 2 टर्रा 3 छटका आदमी 3 मेढक
टॉक-I (स्त्री०)- 1 चार माशे की एक तौल 2 अंश, हिस्सा टलन-I सं० (पु०) घबड़ाहट II (स्त्री०) टलने की अवस्था ___II1 टाँकने की क्रिया 2 लिखावट 3 क़लम का अगला भाग टलना-(अ० क्रि०) 1विचलित होना 2 खिसकना 3 अपने ___ III मान, मूल्य आदि का अनुमान, कूत स्थान से हटना, सरकना 4 मिटना 5 खंडित होना 6 स्थगित टांकना-(स० क्रि०) 1 सिलाई करके जोड़ना, सिलाई करके होना
दृढ़ करना (जैसे-रज़ाई टाँकना) 2 सूई डोरे से सीकर लगाना टलमल- (वि०) हिलता हुआ
(जैसे-बटन टॉकना) 3 सिल कूटना 4 स्मरण हेतु लिखना टलआ-I (वि०) टाल संबंधी II (पु०) टाल का स्वामी (जैसे-बही पर टॉकना) टल्ला -(पु०) 1 ठोकर 2 धक्का 3 टाल-मटोल
टाँका-I (पु०) सीवन (जैसे-कमीज़ के टॉक खुल गए) टल्लेनवीसी- +फ्रा० (स्त्री०) 1निकम्मे काम 2 बहानेबाज़ी 2 सिलाई के दिखनेवाले चिह्न, निशान 3 टाँका लगाकर जोड़ा टल्लेबाज़ी- + फ्रा० (पु०) बहानेबाज़
जानेवाला टुकड़ा, चकती 4 धातुओं का जोड़ 5 धातुएँ जोड़ने टल्लो-बो० (स्त्री०) छोटी हरी टहनी
का मसाला 6 छेनी टवर्ग-सं० (पु०) वर्णमाला के ट, ठ, ड, ढ एवं ण व्यंजनों का | टाँका-II (पु०) 1 हौज़ 2 कंडाल समूह
टाँकाटूक-(वि०) तौल में ठीक-ठाक टस-(स्त्री०) 1 भारी वस्तु के खिसकने का शब्द 2 ज़ोर लगाए टॉकी-I (स्त्री०) 1 छेनी 2 काटकर बनाया गया छेद 3 आरी जाने पर भी भारी चीज़ के अपने स्थान से न हिलने की का दाँत। बंद (वि०) टाँक लगाकर जोड़ा हुआ अवस्था। ~से मस न होना 1 ज़रा सा भी न हिलना 2 थोड़ा | टाँकी-II (स्त्री०) = टाँका II सा भी प्रभावित न होना
टाँग-(स्त्री०) 1 जाँघ से लेकर एड़ी तक का भाग 2 कुश्ती का टसक-(स्त्री०) टीस, कसक
एक पेंच जिसमें प्रतिद्वंद्वी की टाँग में टाँग अड़ाकर उसे चित टसकना-I (अ० क्रि०) 1 खिसकना 2 विचलित होना 3 टीस गिराते हैं। ~अड़ाना अनाधिकार हस्तक्षेप करना, बाधा उठना 4 फलों आदि का पककर गदराना II (अ० क्रि०) डालना, दखल देना; ~उठाना 1 जल्दी-जल्दी चलाना धीरे-धीर रोते हुए आँसू बहाना
2 प्रसंग करना; तले से निकलना पराजय स्वीकार करना; टसकाना-(स० क्रि०)1 खिसकाना 2 विचलित करना 3 आँसू पसारकर होना 1 बे खटके सोना 2 निश्चिंत रहना बहाना
टाँगन-(पु०) छोटे कद का घोड़ा, टट्ट टसना-(अ० क्रि०) मसकना, दरकना
टाँगना-(स० क्रि०) 1 अटकाना (जैसे-खटी पर कपड़े टाँगना टसर-(पु०) 1 मटमैले पीले रंग का मोटा रेशम 2 ऐसे ही रेशम | ___ 2 फाँसी देना का बना हुआ कपड़ा
टाँगा-I (पु०) कुल्हाड़ा II (पु०) दो ऊँचे पहियोंवाली एक टसरी-(वि०) 1 टसर का बना हुआ 2 टसर जैसा मटमैला घोड़ा गाड़ी टसुआ-बो० (पु०) आँसू, अश्रु
टाँगी-(स्त्री०) = टाँगा I टहक-(स्त्री०) 1 टहकने की क्रिया 2 रह-रहकर दर्द होने की | टाँच-(स्त्री०) 1 टाँचने की क्रिया 2 टाँका 3 चकृती 4 काटकर अवस्था
निकाला गया अंश 5 छीलन टहकना-(अ० क्रि०) 1 रह-रहकर दर्द होना 2 पिघलना टाँचना- (स० क्रि०) 1 टाँकना 2 सिलाई करना 3 काट-छाँट 3टक-टक शब्द करना
करना 4 उल्टी-सीधी बात कहकर काम में बाधा खड़ी करना टाटहा-(वि०) 1 हरा-भरा, लहलहाता हुआ 2 टटका, ताज़ा | टाँचनी-(स्त्री०) टाकने का उपकरण