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झाँसना
झाँसना - (स० क्रि०) 1 धोखा देना 2 झँसना झाँसा - ( पु० ) दमबाज़ी
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1 धोखा 2 छलपूर्ण बात। पट्टी (स्त्री०)
झाँसिया, झाँसू - (पु०) झाँसा देनेवाला, छली झा - (पु०) मैथिल तथा गुजराती ब्राह्मणों की उपाधि झाई - (स्त्री०) झाँईं
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= झागदार
झाऊ - I (पु० ) छोटा झाड़ II ( पु० ) मोर पंखी की जाति का एक पौधा जिसकी पत्तियाँ दवा के काम आती हैं झाग - (पु० ) फेन, गाज़ (जैसे- साबुन का झाग ) । ~दार + फ़ा० (वि०) जो झागयुक्त हो (जैसे-झागदार साबुन) झागना - I (अ० क्रि०) फेन निकलना II (स० क्रि०) फेन उत्पन्न करना झागिया - (वि०) झाझा- (वि०) 1 जला हुआ, दग्ध 2 गहरा गाढ़ा, तेज़ झाट-सं० (पु० ) 1 कुंज 2 झाड़ी 3 घाव धोकर साफ़ करना झाड़ - I (पु० ) 1 छोटे उलझे छितराए पेड़-पौधों का वर्ग 2 झाड़ की तरह का अनेक शाखाओंवाला चिराग़ आदि जलाने का शीशे का बहुत बड़ा आधान । - खंड + सं० (पु०) झार खंड; ~ झंखाड़ (पु० ) 1 काँटेदार झाड़ियों का समूह 2 व्यर्थ के पेड़-पौधों का समूह; ~दार I (वि०) 1 कँटीला 2 घना II (पु० ) कसीदा; फ़ानूस + अ० (पु० ) शीशे का बना दीपाधार; ~ का काँटा झगड़ालू आदमी झाड़- II (स्त्री०) 1 झाड़ने की क्रिया 2 झाड़ने पर निकलनेवाली धूल आदि, झाड़न झूड़ना (स० क्रि०) सफ़ाई करना; पोंछ (स्त्री०) सफ़ाई (जैसे-झाड़-पोंछ करना); ~ फूँक (स्त्री०) 1 झाड़ना-फूँकना 2 प्रेत बाधा दूर करना; ~बुहार (स्त्री०) = झाड़-पोंछ झाड़न - (स्त्री०) 1 झाड़ने से निकलनेवाली धूल आदि 2 झाड़ने का कपड़ा
झाड़ना - (स० क्रि०) 1 झटकारना (जैसे-दरी झाड़ना) 2 साफ़ करना (जैसे- अलमारी झाड़ना) 3 आघात करना जिससे सटी, जुड़ी वस्तुएँ अलग हो जाऐं (जैसे-पेड़ से आम झाड़ना, इमली झाड़ना) 4 मंत्र पड़कर फूँकना (जैसे भूत-प्रेत झाड़ना, नज़र झाड़ना) 5 कंघी करना (जैसे- बाल झाड़ना) 6 फटकारना (जैसे-अधिकारी ने लिपिक को खूब झाड़ा) 7 योग्यता दिखाकर धाक जमाने के लिए उल्टी-सीधी बातें करना (जैसे- कानून झाड़ना) । ~ झटकना (स० क्रि०) डाँट फटकार सुनाना, डाँटना-फटकारना; पोंछना
साफ़-सुथरा करना
झाड़ा - I ( पु० ) 1 जामा तलाशी 2 मंत्रोपचार II ( पु० ) 1 पाखाना फिरने की क्रिया 2 पाखाना, शौचालय 3 मल, गुह III (पु० ) झांड-फूँक झाड़ी - (स्त्री०) 1 कँटीले पौधों का समूह 2 एक में मिले हुए कँटीले पौधे । ~दार + फ़ा० (वि०) 1 काँटेदार 2 छोटे झाड़ का सा 3 जहाँ बहुत सी झाड़ियाँ हों, झाड़दार झाडू-(पु०) लंबी सीकों आदि का मुट्ठा जिससे कूड़ा साफ़ करते हैं, बुहारी । ~कश + फ़ा० (पु० ) 1 झाडू देनेवाला व्यक्ति 2 भंगी; बरदार + फ़ा० (पु० ) 1 झाडू देनेवाला . सेवक 2 गलियों-नालियों में झाडू देनेवाला मेहतर; बुहारी (स्त्री०) 1 झाडू 2 घर की सफ़ाई; देना 1 कूड़ा-करकट
झिर
साफ़ करना 2 सब कुछ नष्ट करना, फिरना कुछ बाकी न रहना, बर्बाद हो जाना; मारना ठोकर मारना, तिरस्कार
करना
झापड़ - ( पु० ) थप्पड़, तमाचा झाबर - ( पु० ) दलदल
झाबा - (पु० ) 1 टोकरा 2 कुप्पा 3 चमड़े का बड़ा थाल, सफरा 4 शीशे का बड़ा झाल
झामक - सं० (पु० ) जली हुई ईंट, झाँवा
झामर - सं० ( पु० ) 1 टेकुआ रगड़ने की सान, सिल्ली 2 पैर में पहनने का गहना
झामर झुमर - (पु० ) 1 व्यर्थ की बातें 2 निर्रथक एवं सारहीन
तथ्य
झाँय - झाँय - (स्त्री०) सुनसान जगह में होनेवाली झन झन की
आवाज़
झारखंड - हिं० + सं० (पु० ) 1 उजाड़ ज़गह 2 बिहार में एक भूभाग
झारन - (स्त्री०) = झाड़न झारना- (स० क्रि०) = झाड़ना
झारा - ( पु० ) बहुत पतली धुली हुई भाँग झारी- (स्त्री०) टोटीदार बर्तन
झाल - I (स्त्री०) 1 गंध, स्वाद आदि की तीव्रता 2 स्वाद का चरचरापन, तीक्ष्णता II (स्त्री०) 1 झालने की क्रिया 2 धातु आदि का वह अंश जिसमें टाँका लगा हो III (स्त्री०) 1 बादलों आदि के कारण होनेवाला अँधेरा 2 झड़ी झालना - (स० क्रि० ) 1 धातु की बनी वस्तु को टाँके से जोड़ना 2 ठंडा करने के लिए शोरे या बर्फ़ में रखना झालर - ( स्त्री०) 1 लटकनेवाला हाशिया 2 लहरदार किनारा । दार + फ़ा० (वि०) जिसमें झालर लगी हो झाँव - झाँव - (स्त्री०) हुज्जत, तकरार झावर - ( पु० ) = झाबर झावुक-सं० (पु०) झाऊ झिंगवा - ( स्त्री०) झींगा मछली
झिंगारना - I (अ० क्रि०) झींगुर का बोलना II (स० क्रि०) झींगुर की तरह का शब्द उत्पन्न करना झिझिया - (स्त्री०) झाँझी झिंझी-सं० (स्त्री०) झींगुर, झिल्ली
झिंझोटी - ( स्त्री०) एक रागिनी जो दिन के चौथे पहर में गाई जाती है
=
झिझक - (स्त्री०) संकोच, हिचक झिझकना - (अ० क्रि०) संकोच करना झिटकारना - (स० क्रि०) झटकारना
झिड़कना - (स० क्रि०) 1 डाँटना, फटकारना 2 तिरस्कार के साथ फेंक देना
झिड़की - (स्त्री०) डाँट फटकार
झिझिङ्गाना- (अ० क्रि०) = चिड़चिड़ाना झिपना-बो० (अ० क्रि०) झेंपना झिपाना - (स० क्रि०) लज्जित करना झिमकना - बो० (अ० क्रि०) झमकना झिमिटना - (अ० क्रि० ) इकट्ठा होना झिर-बो० (स्त्री०)
झिरी
=