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जीवन
धारा
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प्रिय, प्राणाधार धारण (पु० ) जन्म लेना; (स्त्री०) जीवन गति; ध्येय (पु०) जीवन का उद्देश्य; ~ निर्वाह (पु० ) जीवन बसर करना; निर्वाह प्रणाली (स्त्री०) = जीवन चर्या निर्वाह मान (पु० ) जीवन स्तर; ~ निर्वाह संग्राम (पु० ) = जीवन संग्राम; नौका (स्त्री०) जीवन रक्षा हेतु बड़ी नाव के साथ जोड़ी जाने वाली छोटी नौका, नाव, लाइफ बोट पथ (पु० ) जीवन का मार्ग; ~ पद्धति (स्त्री०) 1 जीवन चर्या 2 रहन-सहन का ढंग; पर्यंत ( क्रि० वि०) उम्र भर, जीते जी प्रक्रिया (स्त्री०) जीवन चर्या -प्रद (वि०) जीवन देनेवाला, जीवनदाता ~ प्रभा (स्त्री०) आत्मा; बीमा + फ़ा० (पु०) जीवन पर कोई ख़तरा होने पर कंपनी ज़मानत; बूटी + हिं० (स्त्री०) 1 मरे हुए आदमी को जिलानेवाली कल्पित जड़ी, संजीवनी 2 प्राण प्रिय वस्तु मरण (पु० ) जीना मरना, जिंदगी-मौत; मान (पु० ) जीवन स्तर; ~ मार्ग (पु० ) = जीवन पथ; मुक्त (वि०) जीवन-मरण के बंधन से मुक्त; मूरि + हिं० (स्त्री०) जीवन बूटी; ~यापन (पु० ) जीवन निर्वाह; यापन व्यय (पु० ) जीवन निर्वाह का खर्च, रक्षक, रक्षी (वि०) जीवन की रक्षा करनेवाला; रस (पु० ) जीव धातुः ~लीला (स्त्री०) जीवन के कार्य-कलाप वृत्तांत (पु० ) जीवन - कथा, जीवन-चरित; वृत्ति (स्त्री०) जीवन साधन, जीविका; ~ वृद्धि (स्त्री०) जिंदगी बढ़ जाना; ~ व्यवस्था (स्त्री०) जीवन चर्या
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वृत्त,
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+
शक्ति (स्त्री०) जीवन का बल; ~ शास्त्र (पु० ) = जीव विज्ञान; ~शैली (स्त्री०) = जीवन चर्या: ~ श्वास (पु० ) प्राण; संगिनी (स्त्री०) पत्नी; ~संगी (पु० ) पति संग्राम, संघर्ष (पु० ) जीवित बने रहने के लिए किया जानेवाला कठिन प्रयत्न, अपने अस्तित्व को बनाए रखने हेतु किया गया प्रयास; ~संध्या (स्त्री०) बुढ़ापा, सहचर (पु० ) = जीवन संगी; ~सहचरी (स्त्री०) = जीवन संगिनी; ~साथी जीवन संगी; ~ साधन (पु० ) जीने का ज़रिया; (पु० ) रहन-सहन का तौर-तरीक़ा हीन (वि० ) निर्जीव; हेतु (पु० ) जीवन साधन
हिंο
स्तर
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जीवनक-सं० (पु० ) 1 अन्न 2 आहार जीवनांक -सं० (पु० ) जीवन-मृत्यु के आँकड़े जीवनांत - सं० (पु०) जीवन का अंत, मृत्यु जीवनाघात-सं० (पु०) विष, ज़हर जीवनानंद -सं० (पु०) जीवन का सुख जीवनावस्था-सं० (स्त्री०) 1 जीवन की अवस्था 2 जीने की
उम्र
जीवनावास - I सं० (वि०) जल में रहनेवाला II ( पु० ) 1 शरीर 2 वरुण
जीवनी -सं० + हिं० (स्त्री०) जीवन कथा, जिंदगीनामा जीवनीय - I सं० (वि०) 1 जो जीने योग्य हो, जी सकनेवाला 2 जीवन शक्ति प्रदान करनेवाला 3 स्वयं अपनी जीविका चलानेवाला II ( पु० ) 1 जल 2 दूध जीवनोत्तर -सं० (वि०) जीवन के बाद का जीवनोद्देश्य-सं० (पु० ) = जीवन ध्येय जीवनोपयोगी-सं० (वि०) जीवन के लिए लाभदायक
जीवन साधन
जीवनोपायसं० (पु० ) जीवनोपार्जन -सं० (पु० ) जीविका हेतु धन कमाना जीवनौषध-सं० (स्त्री०) जीवन बूटी, संजीवनी जीवन्मुक्त-सं० (वि०) आत्मज्ञान प्राप्त कर जो सांसारिक बंधनों से मुक्त हो गया हो, मोक्ष जीवन्मृत-सं० (वि०) जो जीवित होने पर भी मरे के समान हो जीवांतक - सं० (वि०) जीव का नाश करनेवाला जीवांतर - I सं० ( क्रि० वि०) जीवन के बाद II ( पु० ) दूसरा
जीवन
जुआ
जीवा - सं० (स्त्री०) 1 एक सिरे से दूसरे सिरे तक जानेवाली सीधी रेखा, ज्या (जैसे- वृत्त की जीवा ) 2 धनुष की डोरी, प्रत्यंचा
जीवाणु -सं० ( पु० ) 1 विकार से उत्पन्न होनेवाले अतिसूक्ष्म जीव जो अनेक रोगों की उत्पत्ति के कारण होते हैं तथा कुछ शरीर के लिए लाभदायक भी होते हैं 2 क्षुद्रतम जीव । त्व (पु० ) = जीवाणु विज्ञान; नाशक, नाशी (वि०) जो रोग उत्पन्न करनेवाले जीवाणुओं का नाश करने में समर्थ हों, रोगजन्य जीवाणुओं को नाश करनेवाला (जैसे-जीवाणु नाशक दवाएँ); ~ विज्ञान (पु०) वह विज्ञान जिसमें जीवाणुओं की उत्पत्ति, विकास आदि का विवेचन होता है; विद (पु०) जीवाणु संबंधी जानकारी रखनेवाला, जीवाणु विज्ञान जाननेवाला; ~हीन (वि०) जीवाणु रहित जीवातु-सं० (पु० ) 1 प्राणदायक औषधि 2 आहार जीवात्मा - सं० ( पु० ) 1 जीव, प्राणियों में रहनेवाली आत्मा 2 हृदय (जैसे- किसी की जीवात्मा को मत सताओ) जीवाधार सं० ( पु० ) हृदय
जीवाशेष, जीवाश्म -सं० ( पु०) मृत जीवों के अवशेष, पुराजीव । ~विज्ञान (पु० ) वह विज्ञान जिसमें पुराजीव एवं उनके मिलने के स्थानों के विषय में अध्ययन किया जाता है; - वैज्ञानिक ( पु०) जीवाश्म विज्ञान का ज्ञाता जीविका सं० (स्त्री०) जीवन निर्वाह का साधन, रोज़ी (जैसे- जीविका अर्जित करना) । वृत्ति (स्त्री०) जीविका
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का काम
जीविकार्जन -सं० (पु०) रोज़ी कमाना जीविकार्थ-सं० (वि०) रोज़ी-रोटी के लिए जीविकावश-सं० (वि०) जीविका के लिए जीविकोपार्जन-सं० (पु० ) जीविकार्जन जीवित-सं० (वि०) 1 जीता हुआ, जीवन युक्त 2 जो क्रिया रूप में वर्तमान हो (जैसे- भारतीय आर्य भाषाएँ अभी जीवित हैं) । ~ काल जीवन काल; ~क्रिया (स्त्री०) = जीवन क्रिया
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जीवितावस्था-सं० (स्त्री०) जीवनावस्था जीवितेश - सं० (पु०) जीवन का स्वामी जीवी-सं० (पु० /वि०) 1 जीनेवाला 2 जीविका से अपना निर्वाह करनेवाला (जैसे- श्रमजीवी मज़दूर, शस्त्र जीवी योद्धा) जीवेश-सं० (पु० ) 1 ईश्वर 2 प्रियतम जुंबिश - फा० (स्त्री०) गति, हिलना-डुलना । खाना इधर-उधर होना
जुआँ- (पु०) = जूँ
जुआ - I (पु०) बो० बैलगाड़ी, हल आदि के आगे की लकड़ी