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ज़माना
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ज़र
समूह
(जैसे-महफ़िल में अपनी धाक जमाना) 10 प्रहार करना, चोट | जमोग-(पु०) जमोगने की क्रिया। दार + फ़ा० (पु०) देना (जैसे-उसने सिर पर ज़ोर से लाठी जमा दी) II (स० | ऋणी का ऋण चुकानेवाला व्यक्ति क्रि०) उगाना, उपजाना (जैसे-मैदान में घास जमाना) | जमोगना-(स० क्रि०) 1 आय-व्यय की जाँच करना 2 ब्याज ज़माना-अ० (पु०) 1 काल 2 युग 3 अवधि 4 संसार, दुनिया | को मूलधन में जोड़ना 3 अपने उत्तरदायित्व को दूसरे को 5 सौभाग्यकाल (जैसे-उनका भी ज़माना था कि सफलता सौंपकर पूरा करने की स्वीकृति दिला देना, सरेखना 4 बात उनकी अनुगामिनी थी)। ~साज़ + फ़ा० (वि०) 1 जो | आदि का अन्य व्यक्ति से समर्थन कराना समय के अनुरूप अपने को ढाल सके 2 विभिन्न परिस्थितियों जमौआ-बो० (वि०) जमाकर बनाया हआ (जैसे-जमौआ में विभिन्न रूप धारण करनेवाला; ~साज़ी + फ़ा० (स्त्री०) | कंबल) परिस्थिति के अनुरूप ढालना; उलटना समय का | जम्बो-जेट-अं० (पु०) एक प्रकार का तेज़ हवाई जहाज़ यकबारगी बदल जाना, नया युग शुरू होना; छानना बहुत | जम्हाई-(स्त्री०) = जंभाई तलाश करना; ~देखना अनुभव प्राप्त करना; ~देखे होना जम्हाना-(अ० क्रि०) = अँभाना अनुभवी होना; ~पलटना, बदलना अच्छे-बुरे दिन का जयंत-I सं० (वि.) 1 जय प्राप्त करनेवाला, विजयी आते-जाते रहना; ज़माने भर का अत्यधिक (जैसे-उसने | 2 बहुरूपिया 3 इंद्र का पुत्र ज़माने भर का दुःख उठाया है)
जयंती-I सं० (वि०) विजय प्राप्त करनेवाली. विजयिनी II जमाल-अ० । (पु०) बहुत सुंदर रूप, खूबसूरती 2 सुंदरता, (स्त्री०) 1 विजय प्राप्त करनेवाली स्त्री, दुर्गा 2 किसी महापुरुष खूबसूरती;
या संस्था की जन्म-तिथि (25 वर्ष में रजत जयंती, 50 वर्ष में जमालगोटा-(पु०) एक पौधा जिसका बीज अत्यधिक रेचक स्वर्ण जयंती, 100 वर्ष में हीरक जयंती) होता है, दंतीफल
जय-सं० (स्त्री०) महत्त्वपूर्ण विजय, सफलता। ~कार जमाव-(पु०) 1 जमने का भाव 2 भीड़, मजमा (जैसे-सेनाओं (पु०) 'जय' कहने की क्रिया; ~घोष (पु०) ज़ोर से कही का जमाव कैसा है)
जानेवाली जय (जैसे-श्री रामचंद्र जी की जय); चिह्न जमावट-(स्त्री०) 1 जमने का भाव 2 जमाने की क्रिया (पु०) ऐसा संकेत जो जीत का सूचक हो, ट्राफी; ~जयकार जमावटी-(वि०) जिसे जमाया गया हो (जैसे-जमावटी दूध) (स्त्री०) सामूहिक रूप से बार बार जय कहने की क्रिया; जमावड़ा-(पु०) एक स्थान पर इकट्ठा होनेवाले व्यक्तियों का जीव (पु०) 'चिरंजीवी हो' ऐसा अभिवादन; ~ढक्का
(स्त्री०) जीत का डंका; ~दुंदुभि जीत का नगाड़ा; --ध्वज ज़मी-फ़ा० (स्त्री०) ज़मीन। ~कंद + सं० (पु०) सूरन; (पु०) विजय पताका; ~ध्वनि (स्त्री०), नाद (पु०).
दार (पु०) 1 ज़मीन का मालिक 2 काश्तकारों और जय जयकार; पत्र (पु०) 1 न्यायालय द्वारा दिया गया सरकार के बीच का बिचौलिया अधिकारी; दोज़ (वि०) मुकद्दमे की जीत से संबंधित पत्र 2 पराजित राजा द्वारा विजयी ज़मीन में दबा हुआ
राजा को पराजय संबंधित दिया गया पत्र; -पाल (पु०) जमींदारी-फा० (स्त्री०) 1 ज़मींदार होने की अवस्था 2 ज़मींदार 1 जमालगोटा 2 राजा; ~भेरी (स्त्री०) जय दुदुभिः की वह भूमि जिसका लगान वह काश्तकारों से वसूल करता है ~मंगल (पु०) राजा की सवारी का हाथी; ~~माला
उन्मूलन + सं० (पु०) ज़मीदारी खत्म कर देना; ~प्रथा (स्त्री०) 1 विजेता को पहनाई जानेवाली माला, विजयहार + सं० (स्त्री०) ज़मींदार बिचौलिया के होने का रिवाज़: 2 कन्या द्वारा वर को पहनाई जानेवाली माला, वरमाला;
दोज़ (वि०) 1 ज़मीन से सटा हुआ 2 जो ज़मीन के बराबर यज्ञ (पु०) अश्वमेध यज्ञ; लेख (पु०) : जय पत्र; हो गया हो 3 भू गर्भ में स्थित
~शब्द (पु०) जय जयकार; ~श्री (स्त्री०) 1 विजय की जमीन-फा० (स्त्री०) 1 पृथ्वी 2 पृथ्वी का धरातल धरती, भूमि अधिष्ठात्री देवी, विजय लक्ष्मी 2 विजय; --स्तंभ (पु०) 3 पृथ्वी का स्थल भाग 4 ज़मीन का टुकड़ा 5 आधार, सतह विजय स्मृति में बनवाई गई वास्तु रचना (जैसे-इस साड़ी की ज़मीन चिकनी है)। जायदाद जयकरी-(स्त्री०) चौपाई नामक छंद (स्त्री०) अचल संपत्ति; ~दोज़ (वि०) = ज़मींदोज़; जयखाता-(पु०) वह बही जिसमें बनिया अपना प्रतिदिन का ~आसमान एक करना बहुत अधिक श्रम करना; लाभ खिता है ~असमान का फ़र्क बहुत भारी अंतर; पैरों से ~ जयदेव-(पु०) 'गीत गोंविद' पस्तक के रचयिता; खिसकना होश-हवास न रहना; ~पर पैर न रखना घमंड जयचंद -(स्त्री०) जयचंद जैसा देसाप्रोटी दिखाना
जयपत्री-सं० (स्त्री०) जावित्री ज़मीना-फा० (वि०) ज़मीन संबंधी, ज़मीन का जया-सं० (स्त्री०) 1 दुर्गा 2 भाँग 3 पताका जमीमा-अ० (पु०) 1 पूरक 2 परिशिष्ट 3 कोड पत्र जयिष्णु-सं० (वि०) 1 जय दिलानेवाला 2 विजय प्राप्त जमीर-अ० (स्त्री०) आत्मा, अंतःकरण
करनेवाला 3 सदा जीतनेवाला जमुरी-(स्त्री०) नालबंदों का औजार
जयी-सं० (वि०) विजयी जमुरंद-फा० (पु०) पन्ना (रत्न)
जरंड-(वि०) सीण 2 वृद्ध जमुरंदी-I फा०+ हिं० (वि०) पन्ने के रंग का, नीलापन लिए | जरंत-सं० (पु०) 1 अत्यंत वृद्ध व्यक्ति 2 भैंसा हुए हरे रंग का
ज़र-फा० (पु०) 1 धन, संपत्ति 2 स्वर्ण, सोना। खरीद जमेयत-अ० (स्त्री०) परिषद, संस्था
(वि०) 1 धन देकर ख़रीदा हुआ (ज़मीन, गुलाम) 2 जिसपर