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जन्मतः
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ज़बाँ
मा'
प्रतिष्ठा (स्त्री०) 1 जन्म होने का स्थान 2 माँ, माता; | (जैसे-राम-राम जपना) 2 पूजा, संध्या वंदन करते समय
प्रदेश (पु०) - जन्म भूमिः -प्रमाणक, प्रमाण-पत्र संख्यानुसार मन ही मा उच्चारण करना 3 यज्ञ करना (पु०) ऐसा प्रमाण-पत्र जिसमें किसी के जन्म काल, जन्म जपनी-(स्त्री) 1 जप करने की माला 2 गोमखी 3 जपने की तिथि, जन्म स्थान आदि का अधिकारिक विवरण होता है, बर्थ क्रिया 4 बार-बार आग्रह पूर्वक कहना, रटना सर्टिफिकेट; ~भूमि (स्त्री०) वह देश, राज्य, गाँव जहाँ | जपनीय-सं० (वि०) जपे जाने योग्य किसी का जन्म हुआ हो; --मरण (प्०) जीना-मरना; जपा-[सं० (स्त्री०) अड़हल II (प.) जप करनेवाला व्यक्ति
योग (३०) जन्म होने का समय एवं ग्रह स्थिति बताने जपी-सं० (वि०) जप करनेवाला वाली पत्रिका; राशि (स्त्री०) वह राशि जिसमें किसी का जप्त-(वि०) = ज़ब्त जन्म हुआ हो; -रोगी (वि०) जन्म का रोगी; लग्न जप्ती-(स्त्री०) - ज़ब्ती (पु०) - जन्म राशि; विधवा (स्त्री०) अक्षत योनि, बाल जप्य-सं० (वि०) जपे जाने योग्य, जपनीय विधवा; शताब्दी, शती (स्त्री०) जन्म से सौवाँ वर्ष; ज़फ़र-अ० (पु०) विजय, सफलता -सिद्ध (वि०) जिसकी सिद्धि या प्राप्ति जन्म से ही मानी गई | जफ़ा-अ० (स्त्री०) 1 अत्याचार, जुल्म, अन्याय पूर्ण कार्य। हो (जैसे-जन्म सिद्ध अधिकार होना); ~स्थली (स्त्री०) कश + फ़ा० (वि०) 1 अन्याय सहन करनेवाला, स्थान (पु.) 1 जन्म भूमि 2 माँ का गर्भ
सहनशील 2 कठोर परिश्रम करनेवाला, मेहनती, परिश्रमी जन्मतः-सं० (क्रि० वि०) जन्म से
ज़फ़ीर, ज़फ़ील-अ० (स्त्री०) 1 मुँह से निकाली जानेवाली जन्मना-I सं0+ हिं० (अ० क्रि०) 1 जन्म होना, जन्म ग्रहण सीटी की आवाज़ 2 सीटी करना, पैदा होना 2 अस्तित्व में आना II (स० क्रि०) 1 जन्म जब-(अ०) 1 जिस समय, जिस वक्त (जैसे-जब सबेरा होगा देना, प्रसव करना 2 अस्तित्व में लाना
तब तारे डूब जायेंगे) 2 जिस अवस्था में, जिस हालत में जन्मना-|| सं० (अ०) जन्म के विचार से, जन्म की दृष्टि से (जैसे-जब उन्हें क्रोध आता है उनकी आँखें लाल हो जाती हैं) जन्मांतर-सं० (पु०) मरने के बाद होनेवाला दूसरा जन्म जबड़ा-(पु०) मुँह में नीचे-ऊपर की हड़ी जिसमें दाँत जमे होते जन्मांतरीय-सं० (वि.) अनेक जन्मों से संबंधित
हैं। तोड़ (वि०) 1जो मुंह तोड़ सके, बलिष्ठ, बलवान् जन्मांध-सं० (वि०) जो जन्म से अंधा हो
2 जिसका उच्चारण कठिन हो (शब्द) जन्मा-सं० पैदा हुआ, उत्पन्न
जबर-अ० (पु०) जुल्म, अत्याचार जन्मा-[ सं० (पु०) जिसका जन्म हुआ हो वह शिशु जन्म जबर-फा० (वि०) 1 ऊपर का 2 अधिक प्रबल। दस्त लेनेवाला शिशु, वस्तु आदि (जैसे-अग्र जन्मा) Ii (वि०) । (वि.) 1 जो अत्यधिक शक्तिशाली एवं कठोर प्रकृति का हो जन्मा हुआ, जो पैदा हुआ हो।
(जैसे-वह ज़बरदस्त इंसान है) 2 जो बहुत दृढ़, मज़बूत हो जन्माना-(स० क्रि०) जन्म देना, पैदा करना
3 जो अत्यधिक कठिन हो; ~दस्ती (स्त्री०) 1बलपूर्वक जन्माष्टमी-सं० (स्त्री०) भाद्र पक्ष की कृष्णाष्टमी किया गया काम, व जुल्म 2 ज्यादती; दस्ती जनमास्पद-सं० (पु०) जन्म भूमि, जन्म स्थान
(अ०) बलपूर्वक (जैसे-वे ज़बरदस्ती अंदर चले आए) जन्मी-I सं० (पु०) प्राणी, जीव II (वि०) जन्मा हुआ | ज़बरजद-अ० (पु०) एक तरह का पत्रा, पुखराज जन्मोत्सव-सं० (पु०) 1 जन्म के समय होनेवाला उत्सव जबरन-अ० (अ०) बलपूर्वक, बलात् 2 जन्म दिन के स्मरण में होनेवाला उत्सव (जैसे-भाई का जबरा-अं० (पु०) घोड़े की तरह का एक जंगली जानवर, जन्मोत्सव मनाना) जन्य-[ सं० (वि०) 1 जन संबंधी 2 जन्म लेनेवाला 3 जाति, जबह-अ० (पु०) 1 गला काटकर प्राण लेने की क्रिया 2 मंत्र वंश, राष्ट्र आदि से संबंध रखनेवाला, जातीय, राष्ट्रीय आदि पढ़कर पशु-पक्षियों आदि का गला काटना 4 किसी चीज़ से उत्पन्न होनेवाला (जैसे-कृषि-जन्य पदार्थ) | जबहा-(पु०) जीवट, साहस II (प०) 1 साधारण मनुष्य 2 पिता 3 राष्ट्र 4 जन्म 5 पुत्र । ज़बाँ, ज़बान-फा० (स्त्री०) 1 जीभ, रसना 2 वाणी, बोली ता (स्त्री०) जन्म होने की अवस्था
3 भाषा (जैसे-वह उर्दू ज़बान बोलता है) 4 वचन, बात जन्या-सं० (स्त्री०) 1माता की सखी 2 वध की सहेली (जैसे-गंदी ज़बान मत निकालो)। दराज़ (वि०) 1 बहुत 3 आनन्द
बोलनेवाला 2 बदज़बान 3 बोलने में धृष्ट, मुँहफट; दराज़ी जप-सं० (पु०) 1 जाप करने की क्रिया 2 वह पद, वाक्य या (स्त्री०) 1 वाचालता 2 धृष्टता 3 बदज़बानी; दाँ (वि०) शब्द जिसका उच्चारण बारंबार किया जाए (जैसे-राम-राम भाषा का पंडित, दान (वि०) जो भाषा का विद्वान् हो; जप) 3 मंत्र या नाम आदि में संख्या पूर्वक पाठ करना। --जी दानी (स्त्री०) भाषा का पूर्ण ज्ञान, पांडित्य; बंदी + हिं० (पु०) सिक्खों का प्रसिद्ध ग्रंथ; तप (पु०) (स्त्री०) 1 खामोशी. चुप्पी 2 साक्षी की गवाही। खींचना पूजा-पाठ; ~ध्यान (पु०) जपना और ध्यान लगाना, कठोर दंड देना; खलना 1 बोलने में समर्थ होना, मँह से
माला (स्त्री०) जप करते समय हाथ में ली जानेवाली • भत निकलना 2 बच्चे का बोलने लगना; खलवाना अप्रिय माला, जपनी
बात कहने को विवश करना. मुंह खुलवाना; खुश्क होना जपतव्य-सं० (वि०) जपे जाने योग्य
अत्यधिक प्यासा होना; खोलना 1कुछ बोलना जपन-सं० (पु०) जपने की क्रिया, जप
2 शिकायत करना; चलना बराबर कुछ न कुछ बोलते जपना-(स० क्रि०) 1 श्रद्धा पूर्वक बार-बार कहना । रहना; चलाना 1 जल्दी-जल्दी बातें कहना 2 अन्चित बातें