________________
गूढांग
गूढांग - सं० ( पु० ) 1 कछुआ 2 गुप्त अंग गूढा - बो० (स्त्री०) 1 वह बात जिसका अभिप्राय जल्दी न समझा जा सके 2 पहेली
गूढार्थ - सं० ( पु० ) गूढ़ अभिप्राय से युक्त बात गूढोक्ति-सं० (स्त्री०) 1 गूढ़ कथन 2 अर्थालंकार जिससे कोई बात संबंधित व्यक्ति को न कहकर अन्य को लक्ष्य कर के कही जाये
222
गूढोत्तर - सं० (पु० ) उत्तर अलंकार का एक भेद जिसमें दिया
जानेवाला उत्तर अपने में कोई गंभीर अर्थ छिपाये रहता गूथना - (स० क्रि०) 1 पिरोना (जैसे -माला गूथना) 2 टाँकना 3 मोटी सिलाई करना (जैसे - कथरी गूथना)
गूदड़ - ( पु० ) फटा-पुराना कपड़ा गूदा - (पु० ) 1 फल आदि के अंदर का गुदगुदा भाग (जैसे-आम का गूदा ) 2 चीज के अंदर का गीला गाढ़ा सार भाग, मज्जा 3 खोपड़ी का सार भाग, भेजा। मारते-मारते निकालना दुर्गति करना, अत्यधिक सताना गून - (स्त्री०) नाव खींचने की रस्सी
गूमड़ा - ( पु० ) माथे पर की कड़ी सूजन
गूमना - बो० (स० क्रि०) 1 गूंधना, माड़ना, सानना 2 कुचलना, रौंदना
गूलर - (पु० ) पीपल, की जाति का एक पेड़ एवं उसका फल । उदूंबर । ~ का कीड़ा कूप मंडूक; ~का पेट फड़वाना भेद खुलवाना ~ का फूल 1 दुर्लभ फूल 2 असंभव बात गृह - ( पु० ) पाखाना, मल
गूहन-सं० (पु०) छिपाना गूहा - छीछी - ( स्त्री०) गंदी कहा-सुनी
गुंजन-सं० (पु०) 1 लाल रंग का लहसुन 2 शलजम गृध्र-सं० (पु० ) गीध, गिद्ध; ~राज (पु०) जटायु गृध्रसी - सं० (स्त्री०) चि० एक तरह का वात रोग सृष्टि - सं० (स्त्री०) 1 एक ही बार ब्यायी हुई गाय 2 ऐसी स्त्री जिसे एक ही संतान हुई हो
गृह-सं० ( पु० ) घर, भवन। ~ उद्योग (पु० ) घरेलू उद्योग;
कन्या (स्त्री०) = ग्वारपाठा; कलह (पु० ) 1 आपस का लड़ाई-झगड़ा, घरेलू झगड़े 2 राष्ट्र देश में होनेवाला झगड़ा - लड़ाई (जैसे- आंतरिक गृह कलह ); ~कार्य (पु० ) 1 घर गृहस्थी के काम-काज 2 घर में किया जानेवाला कार्य (जैसे- अध्यापक ने बच्चों का गृह कार्य देखा; गोधा (स्त्री०) छिपकली; जन (पु०) घर परिवार के लोग, कुटुंबी; ज्ञानी (वि०) जिसका सारा ज्ञान घर तक ही सीमित हो, कूप मंडूक; ~ त्याग (पु० ) घर को छोड़कर चला जाना; ~ दाह (पु० ) 1 घर में आग लगाना 2 इस तरह का गृह कलह कि घर का सब कुछ नष्ट हो जाये; देवता (पु० ) घर के विभिन्न कार्यों के विभिन्न देवता; देवी (स्त्री०) घर की स्वामिनि, गृहिणी; ~ निर्माण (पु०) घर बनाने की क्रिया; ~ निर्माण कला (स्त्री०) गृह निर्माण की विधि; ~ निर्माण सामग्री (स्त्री०) गृह निर्माण में प्रयुक्त होनेवाली वस्तुएँ: पति (पु०) 1 घर का मालिक 2 परिवार का मुख्य व्यक्ति; पत्नी (स्त्री०) = गृहिणी; (स्त्री०) घर घुस्सूपन; परिभाग (पु० ) परिस्थिति (स्त्री०) घर की दशा (जैसे-गृह परिस्थिति अब
=
गृहीत
बिगड़ चुकी है); ~शु (पु०) पालतू जानवर (जैसे-गाय एक गृह पशु है); ~पाल (पु०) घर की रखवाली करनेवाला चौकीदार प्रबंध (पु०) घर-गृहस्थी का इंतज़ाम; ~ प्रवेश (पु० ) नए घर में पहली बार विधि पूर्वक पूजन अदि करने के बाद जाना (जैसे- आज मेरे यहाँ गृह प्रवेश है); ~ भूमि (स्त्री०) घर बनाने के लिए उपयुक्त जमीन; भेद (पु०) घर में लड़ झगड़कर अलग होना, अलगोझा, बँटवारा; ~ भेदी (वि०) घर में फूट डालनेवाला; ~ मंत्रालय (पु०) ऐसा विभाग जहाँ राष्ट्र, देश के लोग राष्ट्र के गृह संबंधी कार्यो की देख-भाल करते हैं; मंत्री (पु० ) राष्ट्र एवं राष्ट्र के आंतरिक मामलों की व्यवस्था करनेवाला मंत्री (जैसे- भारत देशका गृह मंत्री कौन है, केंद्रीय गृह मंत्री मणि (पु० ) दीपक, दीया युद्ध (पु० ) 1 घरेलू लड़ाई-झगड़ा 2 देश का आंतरिक लड़ाई-झगड़ा (जैसे- पाकिस्तान में गृह-युद्ध चल रहा है); ~ रक्षक (पु०), रक्षी (स्त्री०) 1 अर्द्ध सैनिक संगठन जो भारत में स्थायी शांति एवं सुरक्षा के उद्देश्य से बनाया गया है 2 अर्द्ध सैनिक संगठन का कोई अधिकारी, . सदस्य लक्ष्मी (स्त्री०) गृहस्वामिनी, बहू विच्छेद (पु० ) परिवार में पड़नेवाली फूट, परिवार की बरबादी; ~ विहीन (वि०) बिना घर का शिल्प (पु०) घरेलू दस्तकारी; ~ संघर्ष (पु०) गृह युद्ध; ~ सचिव (पु०) गृह मंत्रालय का प्रधान शासनिक अधिकारी; ~सज्जा (स्त्री०) घर की सजावट और उसकी सामग्री, स्वामिनि (स्त्री० ) गृहिणी; ~ स्वामी (पु०) घर का मालिक गृहणी -सं० (स्त्री०) काँजी गृहप-सं० ( पु० ) घर का स्वामी, गृहपति गृहस्थ-सं० ( पु० ) 1 घर-बार बनाकर परिवार के साथ रहनेवाला व्यक्ति 2 ब्रह्मचर्य का पालन समाप्त करके विवाहित होकर अन्य आश्रम में प्रवेश करनेवाला व्यक्ति, गृही। जीवन (पु० ) गृहस्थाश्रम
गृहस्थाश्रम -सं० (पु०) 1 ब्रह्मचर्य के बाद का आश्रम 2 विवाहित जीवन
गृहस्थी -सं० + हिं० (स्त्री०) 1 गृहस्थ का जीवन 2 घर-बार और बाल-बच्चे, गार्हस्थ्य (जैसे-गृहस्थी सँभालना) 3 घर का सामान, माल असबाब 4 खेती-बारी (जैसे-गृहस्थी का काम कैसे किया जाएगा)
परता गृहोपांत;
गृहाक्ष-सं० (पु० ) घर की खिड़की, झरोखा गृहागत - I सं० (वि०) घर में आया हुआ II (पु० ) अतिथि, मेहमान
गृहावली -सं० (स्त्री०) घरों का सिलसिला गृहाश्रम -सं० (पु० ) गृहस्थाश्रम
गृहासक्त - सं० (वि.) 1 घर से दूर रहने के कारण जो चिंतित एवं दुःखी हो 2 जिसे हर समय घर गृहस्थी की चिंता लगी हो, घरघुस्सू
गृहिणी -सं० (स्त्री०) 1 घर की मालकिन, गृहस्वामिनी 2 पत्नी, भार्या
गृहिणीत्व - सं० (पु०) गृहिणी का गुण-कर्म गृही-सं० ( पु० ) गृहस्थ
गृहीत - सं० (वि०) 1 प्राप्त किया गया 2 पकड़ा हुआ 3 धारण किया हुआ