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जठरामय
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जन
भोजन पचाने का काम करता है 2 पाचक शक्ति जडिमा-सं० (स्त्री०) 1 जड़ता, जड़त्व 2 स्तब्धता 3 संज्ञाहीनता जठरामय-सं० (पु०) चि० 1 अतिसार रोग 2 जलोदर रोग | 4बुद्धूपन जड़-(स्त्री०) 1 पेड़-पौधों आदि का वह मूल भाग जो ज़मीन के जड़िया-(पु०) नग जड़ने का काम करनेवाला, कुंदनसाज
अंदर रहता है, मूल (जैसे-बरगद की जड़ बहुत गहराई में है) | जड़ी-(स्त्री०) औषधि के काम आनेवाली वनस्पति की जड़। 2 नींव आधार स्थल (जैसे-संस्था की जड़ दृढ़ होनी चाहिए) -बूटी (स्त्री०) वन औषधि 3 बिलकुल नीचेवाला भाग (जैसे-नाखून को जड़ से मत | जड़ीकृत-सं० (वि०) जड़ रूप में लाया हुआ काटना) 4 जगह जिसमें कोई वस्तु गड़ी फँसी हो (जैसे-दाँत | जड़ीभूत-सं० (वि०) जो जड़ हो गया, निःस्पंद, स्तब्ध को जड़ से उखाड़ना) 5 मूल कारण (जैसे-यही है सारे फ़साद जड़ीला-(वि०) जो जड़युक्त हो की जड़)। ~उखाड़ना, काटना, ~खोदना 1 ऐसा जड़ल-(पु०) त्वचा पर काला दाग़, प्राकृतिक लच्छन, पैदाइश काम करना जिससे कोई आगे न बढ़ सके 2 बहत बड़ी हानि दाग करना; ~जमना अच्छी तरह प्रगति की स्थिति में आना; | जडैया-I बो० (स्त्री०) जाड़ा लगकर आनेवाला ज्वर, जडी,
-जमाना ऐसा आधार बनाना जिससे आगे काम बढ़ता रहे; | मलेरिया II (वि०) जड़िया .~में पानी देना 1 पौधों-वृक्षों को सींचना 2 समूल नाश जतनी-I (वि०) यल करनेवाला || (स्त्री०) सूत कातने के करने का प्रयत्न करना
चरखे की रस्सी जड़-सं० (वि०) 1जिसमें जीवन न हो, निर्जीव (जैसे-पत्थर जतलाना-(स० क्रि०) जताना
आदि जड़ पदार्थ हैं) 2 जिसमें चेतना शक्ति न हो, अचेतन जतसर-(पु०) = जैतसर 3 जिसमें व्यावहारिक बुद्धि न हो। ~ता (स्त्री०) 1 जड़ होने जताना-(स० क्रि०) 1 जानकारी कराना, ज्ञात कराना, बतलाना की अवस्था, अचेतनता 2 मूर्खता 3 साहित्य में एक संचारी ___ 2 पूर्व सूचना देना, चेताना भाव एवं पूर्वराग की अवस्था जिसमें मनुष्य आश्चर्य एवं भय के जतारा-(पु०) कुल, वंश कारण अत्यधिक स्तब्ध हो जाता है कि उसे कर्तव्य बोध नहीं हो जती-(पु०) = यति पाता; पूजक (पु०) जड़ (मूर्ति आदि) की पूजा जतु-सं० (पु०) लाख, लाक्षा। पुत्रक (पु०) 1 शतरंज का करनेवाला; पूजा (स्त्री०) जड़ (मूर्ति आदि) की पूजा; मोहरा 2 चौसर की गोटी
बुद्धि (वि०) मूर्ख, उल्लू; ~भक्त (पु०) जड़ पदार्थों में जतुक-सं० (पु०) 1 हींग 2 लाख 3 दे० जटुल भक्ति रखनेवाला; ~मूल (पु०) वास्तविक जड़; ~वत् जत्था-(पु०) छोटा संगठित दल जो कार्य विशेष से कहीं (वि०) जड़ के समान, पत्थर की तरह; ~वाद (पु०) चेतन __ आता-जाता हो, यूथ (जैसे-स्वयं सेवकों का जत्था) आत्मा का अस्तित्व न माननेवाला दार्शनिक मत: वादी जत्थेदार-हिं+फा० संगठित दल का नेता सिख धर्म का औहदा (वि०) जड़वाद का अनुयायी; -विज्ञान (१०) पदार्थ | जत्बंद-हिं. + फ़ा० (वि०) दल में संगठित विज्ञान, प्रकृति विज्ञान
जत्थेबंदी-हिं + फ़ा० (स्त्री०) जत्था बनाना, दलबंदी जड़त-(स्त्री०) जड़ाऊ काम
(जैसे-स्वयं सेवकों की जत्थेबंदी) जड़त्व-सं० (पु०) = जड़ता
जत्र-(क)-सं० (पु०) गले के नीचे एवं छाती के ऊपर दोनों जड़ना-(स० क्रि०) 1 ठोंक ठाककर नियत स्थान पर बैठाना । __तरफ की अर्द्धचंद्राकार हड्डियाँ, हँसली (जैसे-दीवार में कील जड़ना) 2 जमाकर अच्छी तरह बैठाना जथा-(पु०) धन, पूँजी (जैसे-अँगूठी में नगीना जड़ना) 3 आघात करना, मारना जदीद-अ० (वि०) 1 नया, नवीन 2 आधुनिक, हाल का (जैसे-घूसा जड़ना, लाठी जड़ना) 4 चुगली खान्न जद्द-बद्द-(पु०) अश्लील बात, बुरी बात (जैसे-आपने उनसे सारी बातें जड़ दी)
जद्दी-I अ० (वि०) बाप-दादाओं के समय से चला आनेवाला जड़हन-(पु०) एक जगह से उखाड़ कर दूसरी जगह रोपा II (स्त्री०) कोशिश, प्रयत्न जानेवाला धान का पौधा
जद्दोजेहद-अ० + फ़ा० + अ० (स्त्री०) 1 संघर्ष 2 दौडधूप जड़ाई-(स्त्री०) 1 जड़ने की क्रिया 2 जड़ने की मज़दरी जन-स०I (पु०) 1 लोक, लोग 2 प्रजा 3 सर्वसाधारण, जनता जड़ाऊ-(वि०) जिसमें नग, मोती आदि जड़े गऐ हों 4 अनुयायी, अनुचर II (अ०) = जनि। ~अवज्ञा जड़ात्मवाद-सं० (पु०) यह मत कि प्रकृति में भी चेतन आत्मा आंदोलन (पु०) जनता द्वारा सरकारी आज्ञा के उल्लंघन का से विकार होता है
आंदोलन; ~आंदोलन (पु०) विशेष उद्देश्य की पूर्ति हेतु जड़ाना-I (स० क्रि०) जड़ने का काम कराना, जड़वाना II जनता द्वारा चलाया गया आंदोलन; ~आदेश (पु०) (अ० क्रि०) बो० जाड़ा लगना, ठंडे से सिकुड़ना (जैसे-नगन लोकतंत्र में जनता की राय -कथा (स्त्री०) लोक कथा; जड़ाती ते अब नगन जड़ाती हैं)
~कथा विज्ञान (पु०) लोक कथा विज्ञान; कला जड़ाव-(पु०), जड़ावट-(स्त्री०) जड़ने का काम, पच्चीकारी (स्त्री०) लोक कला; -कलाकार (पु०) लोक कलाकार; जड़ावर-(पु०) 1 जाड़े में पहनने के वस्त्र, गर्म कपड़ा 2 नौकर, ~कवि (पु०) लोक कवि; ~कार्य विभाग (पु०) लोक श्रमिक आदि को जाड़े के मौसम में दिया जानेवाला कार्य विभाग; क्रांतिदल (स्त्री०) जनता द्वारा उलट फेर; कपड़ा
क्रांति (पु०) क्रांति चाहनेवाला लोकदल, जड़ावर्त-सं० (पु०) अज्ञान का चक्कर
ल्खुशहाली-फा० + अ० + फ्रा० (स्त्री०) लोक की जड़ित-(वि०) 1 जड़ा हुआ 2 जकड़ा हुआ
'संपन्नता; ~गणना (स्त्री०) मर्दमशुमारी; ~घनत्व (पु०)