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जैतसर
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जगदंतक
जैतसर-(पु०) चक्की जांता पीसते समय स्त्रियों द्वारा गाया | जई-1 (स्त्री०) 1 जौ की जाति का एक अनाज जो प्रायः धोड़ों जानेवाला गीत
को खिलाया जाता है, ओट 2 जौ का अँखुआ 3 विशिष्ट पौधों जंता-I (पु०) । यंत्र, कल 2 सुनारों का तार खींचने का | में लगनेवाली बतिया। -डालना अत्र को अँखुए निकलने
उपकरण || (वि०) । दंड देनेवाला 2 यंत्रणा देनेवाला हेतु भिगोना II (वि०) विजयी जैताना-(अ० क्रि०) जाते में पीसा जाना
ज़ईफ़-अ० (वि०) 1 बूढा, वृद्ध 2 कमज़ोर, दुर्बल जंती-I (स्त्री०) छोटा जंता || (स्त्री०) जननी, माता ज़ईफ़ी-अ० + फा० (स्त्री०) 1 बुढ़ापा, वृद्धावस्था 2 कमज़ोरी, जंतु-सं० (पु०) 1 पाणी, जीव 2 कीड़ा-मकोड़ा 3 पशु । दुर्बलता
~कोष (पू०) शरीर के भीतर की जीव इकाई; जगत जक-I (पु०) 1 यक्ष 2 कंजूस आदमी II (स्त्री०) हठ, ज़िद (१०) जानवरों की दुनिया, पशुवर्गः नाशक (वि०) ज़क-अ० (स्त्री०) 1 हार, पराजय 2 हानि कीड़ों, जंतुओं को मारनेवाला, फल (१०) गूलर; जकड़-(स्त्री०) 1 जकड़ने की क्रिया 2 दृढ़ बंधन में होने की
बाधा (स्त्री०) जीवों का अधिक होकर तंग करना: अवस्था। बंद फ़ा० (वि०) कसकर बाँधा हुआ -विज्ञान, शास्त्र (पु०) पशु-पक्षियों, जीव-जंतुओं जकड़ना-I (स० क्रि०) कसकर बाँधना II (अ० क्रि०)
आदि की उत्पत्ति, विकास, स्वभाव आदि का विवेचन 1 जकड़ा जाना, कसकर बाँधा जाना 2 अकड़ना (जैसे-ठंड से करनेवाला शास्त्र
शरीर जकड़ना) जंतुन-[सं० (वि०) - जतु-नाशक II (पू०) 1 बाय बिडंग ज़कात-अ० (स्त्री०) 1कर, महसूल 2 दान, खैरात 2 हींग
जकार-सं० (पु०) 'ज' व्यंजन या वर्ण जंतुला-सं० (स्त्री०) काँस नाम की घास
जक्ष-(पु०) : यक्ष जंत्र-(पु०) 1 यंत्र 2 ताबीज 3 ताला। ~मंत्र (पु०) दे० । जक्षण-सं० (पु०) 1 भक्षण 2 खाना, भोजन जंतर-मंतर
जखम-फा० (पु०) घाव। ~खाना चोट लगना; पर जंत्री-I (पु०) वीणा आदि बजानेवाला व्यक्ति II (स्त्री०) नमक छिड़कना दुःखी व्यक्ति को और दुःखी करना; हरा तिथि-पत्र
होना बीते हुए दुःख का पुनः याद आ जाना, अपकार स्मरण हो जंदरा-(पु०) 1 जाँता 2 ताला
आना जंपर-अं० (पु०) ब्लाउज, अंगिया, चोली
जखमी-फा० (वि०) घायल जंब-सं० (पु०) 1 कीचड़ 2 पाप
जखीरा-अ० (पु०) 1 ढेर, राशि 2 कोष जंबाल-सं० (पु०) । कीचड़ 2 मिट्टी 3 पानी में होनेवाली घास जखीरेबाज़-अ० + फ़ा० (पु०) जमाखोर जंबीर-सं० (पु०) 1 अँबीरी नीबू 2 वन तुलसी
जखीरेबाज़ी-अ० + फ्रा० (स्त्री०) जमाखोरी जंबील-फ़ां० (स्त्री०) फकीरों, साधुओं आदि की भिक्षा रखने | ज़ख़्म-फा० (पु०) दे० ज़ख़म की थैली
जग-(पु०) 1 संसार, जगत् 2 चेतन सृष्टि। “जाना, जंबु-सं० (पु०) जामुन का पेड़ एवं उसका फल
ज़ाहिर +अं० (वि०) सर्व विदित; बीती (स्त्री०) जंबुक-सं० (पु०) 1 जामुन 2 गीदड़, शृगाल, सियार किस्सा-कहानी; -हँसाई (स्त्री०) लोक निंदा, बदनामी जंबु द्वीप-सं० (पु०) संसार के सात महाद्वीपों में से एक जिसमें | जग-अं० (पु०) लोटे के तरह का एक पात्र भारत भी है
जगजगाना-(अ० क्रि०) बो० - जगमगाना जंबुमणि-(पु०) जमुनिया, याकूत (रत्न)
जगजगाहट-(स्त्री०) = जगमगाहट जंबुल-सं० (पु०) दे० जंबु
जगजनी-सं० (स्त्री०) 1 जगदंबा 2 परमेश्वरी 3 सीता जंबू-सं० (पु०) दे० जंबु
जगजयी-(वि०) विश्वविजयी जंबूका-सं० (स्त्री०) किशमिश
जगत्-सं० (पु०) 1 दुनिया, विश्व, संसार (जैसे-जगत् के जंबू द्वीप-सं० (पु०) = जंबुद्वीप
जंजाल से छूटना) 2 विशिष्ट प्रकार का कार्य क्षेत्र (जैसे-हिंदी जंबूर-फा० (पु०) सँड़सी
जगत, सौर जगत्) 3 पृथ्वी के निवासी (जैसे-जगत् तो हंसी जंबूरक-अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 छोटी तोप 2 तोपगाड़ी उड़ाने पर तुला है) जंबूरची-अ० + तु० (पु०) 1 तोपची 2 सिपाही | जगत-(स्त्री०) कुएँ के ऊपर चारों तरफ बना हुआ चबूतरा जंबूरा-अ० + हिं० (पु०) कील निकालने का एक औज़ार, (जैसे-जगत् पर पानी मत गिराओ) प्लास
जगतारण-सं० (वि०) संसार को तारनेवाला जंभ-सं० (पु०) 1दाढ़ 2 जबड़ा 3 जंभाई
जगती-सं० (स्त्री०) 1 जगत् 2 पृथ्वी 3 लोग, मनुष्य जंभका, जंभा-सं० (स्त्री०) जम्हाई, जंभाई
4जीवन। तल (पु०) 1 धरती 2 संसार भाई-(स्त्री०) शारीरिक क्रिया जिसमें गहरी श्वास हेतु मनुष्य | जगतासिद्ध-सं० (वि०) विश्व विख्यात
को पूरा मुँह खोलना पड़ता है (जैसे- भाइयाँ लेना) जगतप्राण-सं० (पु०) 1संसार को जीवित रखनेवाला तत्व जैभाना-(अ० क्रि०) पूरा मुँह खोलकर गहरी साँस लेना, 2 परमात्मा अँभाई लेना
जगत्साक्षी-सं० (पु०) सूर्य जंभिका-सं० (स्त्री०) जबड़ा
जगदंतक-सं० (पु०) 1 संसार का नाश करनेवाला 2 समाज ज-सं० (वि०) से उत्पन्न (जैसे-जारज, पंकज, आत्मज) | 3 मृत्यु
(पु०) 1 धरती 2 संसर
मनुष्य | जगतासि
ना पड़ता है और