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चढ़ना
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चतुर्वर्षीय
पढ़ना-(अ० क्रि०) 1 ऊपर की ओर बढ़ना (जैसे-आदमी का | चतुरंगुल-स० (पु०) अमलतास पहाड़ पर चढ़ना, सीढ़ी पर चढ़ना) 2 सवार होना (जैसे-घोड़े | चतुर-सं० (वि०) चार (जैसे-चतुर्भुज, चतुर्गुण) पर चढ़ना) 3 चढ़ाई करना 4 मेंट किया जाना 5 आवेश होना | चतुर-सं० (वि०) 1कुशल 2 अपना मतलब निकालनेवाला (जैसे-लगता है तुम पर भूत चढ़कर बोल रहा है) 6 अग्रसर ___3 दक्ष, निपुण 4 चालाक एवं धूर्त 5 बातें बनानेवाला। पता होना (जैसे-वह दसवीं कक्षा में चढ़ गया) 7 समर्पित होना (स्त्री०) 1 दक्षता 2 चालाकी एवं धूर्तता 3 बहानेबाज़ी (जैसे-मंदिर में दस किलो प्रसाद चढ़ेगा) 8 उठना, तनना चतुरई, चतुराई-सं० + हिं० (स्त्री०) 1 चतुर होने की अवस्था
जैसे-आकाश में पतंग चढ़ गई) 9 मान, मूल्य आदि बढ़ना 2 होशियारी 3 चालाकी एवं धूर्तता (जैसे-बाज़ार का चढ़ना) 10 फैलाया जाना, पोता जाना चतुरस्त-सं० (वि०) चौकोर (जैसे-दरवाज़े पर रंग चढ़ गया) 11 लिखा जाना चतुरानन-सं० (पु०) ब्रह्मा (जैसे-रजिस्टर में नाम चढ़ना) 12 संचार होना (जैसे-ठंड चतुर्गुण-सं० (वि०) 1 चौगुना 2 चार गुणोंवाला 3 चौपहला लगने से बुखार चढ़ गया) 13 मनोवेगों का उत्कट रूप में चतुर्थ-सं० (वि०) चौथा (जैसे-चतुर्थ आश्रम)। -काल प्रकट होना (जैसे-शराब पीने से मस्ती चढ़ना)
(पु०) 1 दिन का चौथा पहर 2 संध्या का समय; ~श्रेणी चढ़वाना-(स० क्रि०) 1 चढ़ने की क्रिया में अन्य को प्रवृत्त । (स्त्री०) सरकारी कर्मचारियों का निम्न वर्ग करना 2 चढ़ाने का काम कराना (जैसे-ट्रक पर मज़दूरों से माल | चतुर्थक-सं० (पु०) हर चौथे दिन आनेवाला बुखार, चौथिया चढ़वाना आवश्यक है) चढ़ाई-(स्त्री०) 1 चढ़ने की क्रिया 2 ऊँचाई की ओर जानेवाली | चतुर्थाश-सं० (पु०) 1 चौथाई 2 चार भागों में से एक भाग भूमि (जैसे-उस रास्ते से ज्यादा चढ़ाई पड़ेगी) 3 आक्रमण, | चतुर्थाशी-सं० (वि०) चौथा हिस्सा पानेवाला हमला (जैसे-शत्रु ने देश पर अचानक चढ़ाई कर दी) | चतुर्थाश्रम-सं० (पु०) आश्रमों में चौथा, संन्यास चढ़ा-उतरी-(स्त्री०) बार-बार चढ़ने-उतरने की क्रिया चतुर्थी-सं० (स्त्री०) चांद्र मास के किसी पक्ष की चौथी तिथि, चढ़ा-ऊपरी, चढ़ा-चढ़ी-(स्त्री०) 1लाग-डाट, होड़ __ चौथ 2 प्रतियोगिता
चतुर्दश-सं० (वि०) चौदह चढ़ाना-(स० क्रि०) 1 किसी को ऊपर जाने में प्रवृत्त करना चतुर्दश-पदी-सं० (स्त्री०) चौदह पदों की कविता, सॉनेट 2 कोई वस्तु ऊपर ले जाना 3 गाड़ी आदि में बैठाना (जैसे-उसे | चतुर्दशी-सं० (स्त्री०) चांद्र मास के किसी पक्ष की चौदहवीं रेलगाड़ी में चढ़ाना है) 4 अग्रसर करना, बढ़ाना (जैसे-उसे | तिथि, चौदस पाँचवें दरजा में चढ़ाया गया) 5मान, मूल्य आदि बढ़ाना | चतुर्दिक-I सं० (क्रि० वि०) चारों दिशाओं में, चारों ओर (जैसे-वेतन में वृद्धि होते देख व्यापारियों ने भी अनाज का | II (पु०) चारों दिशाएँ भाव चढ़ा दिया) 6 समर्पित करना 7 तानना (जैसे-आकाश में | चतुर्दिश-I सं० (पु०) चारो दिशाएँ II (क्रि० वि०) चारों पतंग चढ़ाना) 8 पहनाना (जैसे-तकिये पर खोल चढ़ाना) | ओर से, दिशाओं से 9 पोतना, फैलाना 10 अपने ऊपर लेना (जैसे-उसने मुझ-पर | चतुर्दोल-सं० (पु०) 1 हिंडोला, पालना 2 ऐसी सवारी जिसे सौ रुपये कर्ज़ चढ़ा दिए)
चार कहार उठाकर चलते हों, पालकी चढ़ानी-(स्त्री०) ऐसा स्थान जो उत्तरोत्तर ऊँचा होता चला गया चतुर्धा-सं० (क्रि० वि०) चार प्रकार से
चतुर्धाम-सं० (पु०) चार प्रमुख तीर्थस्थल (बद्रीनाथ, द्वारका, चढ़ा-बढ़ा-(वि०) बहुत उन्नत या समृद्ध
रामेश्वरम्, जगन्नाथ पुरी) चढ़ाव-(पु०) 1 चढ़ने-चढ़ाने की क्रिया 2 चढ़ाई 3 बढ़ती, चतुर्बाहु-सं० (वि०) चार बाहोंवाला, चार भुजाओंवाला वृद्धि 4 भाव की तेज़ी (जैसे-अनाज व्यापार चढ़ाव पर है) | चतुर्भद्र-I सं० (पु०) अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष इन चार पदार्थों 5 धारा के बहाव की उल्टी दिशा। ~उतार (पु०) | का समूह II (वि०) चारों पदार्थों से युक्त 1ऊँचा-नीचा स्थान 2 उन्नति-अवनति; जोड़ (पु०) शादी | चतुर्भुज-I सं० (वि०) 1 चार भुजाओंवाला 2 ग० आकृति में चढ़ाया जानेवाला कपड़ों का जोड़ा
जिसमें चार भुजाएँ हों (जैसे-समांतर चतुर्भुज) II (पु०) चढ़ावा-(पु०) 1 देवताओं आदि को चढ़ाई जानेवाली सामग्री, | 1 चार भुजाओंवाला क्षेत्र 2 विष्णु पूजाप 2 विवाह में वर पक्ष की तरफ़ से कन्या को दिए गए | चतुर्भुजाकार-सं० (वि०) चतुर्भुज की आकृति का
आभूषण 3 उत्तेजना, बढ़ावा 4 टोटके की सामग्री, उतारा चतुर्मास-सं० (पु०) चौमासा-आषाढ़ शुक्ला एकादशी से चढ़त-(वि०) 1 चढ़नेवाला 2 सवार होनेवाला
लेकर चार मास चढ़ावों-(वि०) = चढ़ाया जानेवाला
चतुर्मुख-I सं० (वि०) चार मुँहवाला II (क्रि० वि०) चारों चणक-(पु०) चना
ओर III ब्रह्मा (स्त्री०-चतुर्मुखी) चतुःशाख-सं० (वि०) चार शाखाओंवाला
चतुर्युगी-सं० (स्त्री०) सतयुग, द्वापर, त्रेता एवं कलियुग इन चतुःषष्ठि-सं० (वि०) चौंसठ
चार युगों का समूह चतुःसप्तति-सं० (वि०) चौहत्तर
चतुर्वर्ग-सं० (पु०) 1 धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष 2 चार का समूह चतुरंग-I सं० (वि०) चार अंगोंवाला II (पु०) 1 चतुरंगिणी | चतुर्वर्ण-सं० (पु०) हिंदुओं के चार वर्ण-ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य
सेना 2 चतुरंगिणी सेना का सेनापति 3 शतरंज का खेल | शूद्र चतुरंगिनी-सं० (स्त्री०) चार वर्गों में बँटी सेना | चतुर्वर्षीय-सं० (वि०) चार वर्ष का, चार वर्षवाला