________________
छत्तीसा 275
छपाई छत्तीस की संख्या
छनछनाना-I (अ० क्रि०) 1 छन-छन शब्द होना छत्तीसा-(वि०) 1बत चालाक 2 मक्कार
2 खौलते घी, तेल में तलने हेतु वस्तु आदि डालने पर छत्तीसी-(स्त्री०) छिनाल
छन-छन की आवाज़ होना, बजना II (स० क्रि०) छत्र-सं० (पु०) 1 राज-सिंहासन के ऊपर लगाया छन-छन ध्वनि उत्पन्न करना जानेवाला बड़ा छाता 2 छतरी। ~छाँह + हिं० बो० छनछनाहट-(स्त्री०) छन छन की आवाज़ (स्त्री०), छत्र-छाया (स्त्री०) ऐसा आश्रय जो छाते छनन-मनन-(पु०) 1 घुघरुओं आदि के बजने से की तरह सुरक्षित रखनेवाला और सुखद हो, शरण; होनेवाला छन-छन शब्द 2 खौलते घी, तेल में डाले ~धर (पु०) : छत्र धारण करनेवाला राजा 2 छत्र गए पदार्थ से उत्पन्न होनेवाला शब्द लगानेवाला सेवक; ~धारी (वि०) छत्र धारण छनना-1 (अ० क्रि०) 1 छाया जाना, छानने की क्रिया करनेवाला; पति (पु०) बहुत बड़ा राजा; भंग होना 2 छोटे-छोटे छिद्रों से होकर निकलना 3 अलग (पु०) 1 राजा का नाश, राज्य का पतन 2 अराजकता; होना II (पु०) 1 छानने का साधन महीन कपड़ा हीन (वि०) बिना छत्र का
आदि (जैसे-दूध छनना, चाय छनना) III (अ० छत्रक-सं० (पु०) 1 छतरी 2 शहद का छत्ता क्रि०) 1 मादक पदार्थ का सेवन किया जाना 3 कुकरमुत्ता, खंभी
(जैसे-शराब, भाँग आदि छनना) 2 खौलते तेल आदि छत्रकायमान्-सं० (वि०) छत्रक रूप में होनेवाला में सिक्त होकर पूरी कचौरी आदि निकलना । गाढ़ी~ छत्राक-(पु०) खंभी
घनिष्ठ संबंध होना (जैसे-आजकल दोनों मित्रों में गाढ़ी छत्री-I (पु०) - क्षत्रिय II (स्त्री०) छतरी। ~धारी
छन रही है) + सं० (वि०) = छतरीधारी
छनवाना-(स० क्रि०) छानने का काम अन्य से कराना द, छदन-सं० (पु०) 1 ढकनेवाली चीज़, आवरण छनाका-(पु०) 1 छन की आवाज़ 2 झनकार 2 खाल 3 छाल 4 खोल, गिलाफ़
छनाना-(स० क्रि०) 1 = छनवाना 2 पिलाना छदाम-(पु०) पुराने पैसे का चौथाई भाग
(जैसे-मित्रों को भाँग छनाना) छदम-I सं० (पु०) 1 छल, कपट, ढोंग 2 असली रूप |
छन्ना-(पु०) 1 द्रव पदार्थ आदि छानने का महीन कपड़ा छिपाना 3 बदला हुआ रूप, भेस 4 आवरण II 2 चलनी, छलनी (वि०) बनावटी, कृत्रिम । तापस (पु०) कपटी छप-(स्त्री०) 1 तरल पदार्थ, जल आदि के गिरने से साधु; नाम (पु०) बनावटी नाम; ~युद्ध (पु०) उत्पन्न शब्द 2 ज़ोर से छींटा पड़ने का शब्द दिखाऊ युद्ध, नकली लड़ाई; ~लीला (स्त्री०) । छपकना-(अ० क्रि०) पतली चीज़ से प्रहार करना कपटलीला; ~वेश (पु०) बनावटी रूप; छपका-I (पु०) 1 बाँस आदि की कमाची 2 पतली ~वेशधारी, ~वेशी (वि०) भेस बदलनेवाला, छड़ी II (पु०) 1 वस्तु को कीचड़, जल आदि में
फेंककर उसे उछालने की क्रिया 2 कपड़े आदि पर पड़ा दमावरण-सं० (पु०) धोखा देने के लिए वस्तु का रूप ढक कीचड़ आदि का धब्बा III (पु०) सिर पर पहनने
का एक गहना दमी-सं० (वि०) 1 = छदवेशी 2 छली
। छपछपाना-I (अ० क्रि०) छप-छप शब्द होना छन-I (पु०) क्षण, पल 2 पुण्यकाल II (स्त्री०) II (स० क्रि०) छप-छप शब्द करना 1 जलते तवे आदि पर पानी, कलकलाते घी, तेल छपटी-(स्त्री०) लकड़ी का टुकड़ा आदि में आटे की लोई आदि के पड़ने से होनेवाली
छपद-(पु०) भौंरा, भ्रमर आवाज़ 2 घुघरू आदि की ध्वनि, झनकार। छ्न छपना-(अ० क्रि०) 1 मुद्रित होना (जैसे-समाचार (स्त्री०) छन-छन की आवाज़
छपना, पुस्तक छपना) 2. ठप्पे आदि की छाप से युक्त छनक-I (स्त्री०) 1 छन-छन शब्द, झनकार | होना (जैसे-धोती छपना) (जैसे- घुघरुओं की झनक) 2 छन-छन शब्द होने की | छपरखट. छपरखाट-(स्त्री०) वह पलंग जिसके ऊपर अवस्था II (क्रि० वि०) क्षण-भर III (वि०) __ डंडों के सहारे कपड़ा तना हो 1 क्षणिक, क्षण भंगुर 2 क्षण-क्षण में अपना विचार छपरबंद-हिं० + फ़ा० (वि०/पु०) = छप्पर बंद बदलनेवाला। ~मनक (स्त्री०) 1 झनकार छपरबंदी-हिं० + फ़ा० (स्त्री०) = छप्पर बंदी 2 सजधज, नखरा
छपरा-बो० (पु०) 1 छप्पर 2 बाँस का टोकरा मकना-I (अ० क्रि०) 1 छन-छन शब्द होना, | छपरिया, छपरी-बो० (स्त्री०) 1 छोटा छप्पर 2 झोंपड़ी झनकार होना 2 छनछनाना II (अ० क्रि०) चौंकना, छपवाना-(स० क्रि०) = छपाना भड़कना
छपवैया-(वि०) छापनेवाला (जैसे-समाचार छपवैया) नकाना-I (स० क्रि०) 1 गर्म, तपे हुए पात्र में द्रव | छपा छपाया-(वि०) जो छपा हुआ प्राप्त हुआ हो पदार्थ डालकर गर्म करना 2 पानी को खौलाकर उसका (जैसे-छपा छपाया पत्र) परिमाण कम करना II (स० क्रि०) भड़काना छपाई-(स्त्री०) 1 छपने-छापने की क्रिया 2 छपने-छापने चौकाना
का पारिश्रमिक
कपटवेशी