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हपाका
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छलावा
देना
छपाका-(पु०) 1 कीचड़, पानी आदि में कोई वस्तु छरछराहट-II (स्त्री०) पीड़ा, जलन फेंकने से होनेवाला शब्द 2 धाराओं के टकराने से छरद-(स्त्री०) है, वमन
उत्पन्न शब्द 3 छींटा (जैसे-ज़ोर का छपाका मारना) छरना-I (अ० क्रि०) 1 चूना, रसना 2 छंटना, अलग छपाछप-(स्त्री०) पानी पर हाथ मारने की आवाज़ होना II (स० क्रि०) 1 ठगना, छलना 2 मोहना छपाना-(स० क्रि०) 1 छापने का काम दूसरे से कराना। ___3 आतंकित करना 2 टीका लगवाना
छरहरा-(वि०) 1 दुबला-पतला 2 चुस्त, फुर्तीला छपाव-बो० (पु०) = छिपाव
छरा-(पु०) 1 माला, हार की लड़ी 2 इज़ारबंद छप्पन-I (वि०) पचास से छः अधिक II (पु०) | छरोरा-बो० (पु०) शरीर के छिलने से बना हुआ 56 की संख्या
ज़ख़्म, घाव छप्पय-(पु०) छः चरणोंवाला मात्रिक छंद जिसमें पहले छर्दि-सं० (स्त्री०) है, उल्टी, वमन, मतली चरण में रोला के और फिर दो चरण उल्लाला के होते छर्दिधन-सं० (पु.) कै रोकने की दवाई
छर्रा-(पु०) 1 धुंघरुओं, गहनों आदि में भरी जानेवाली छप्पर-(पु०) बाँस, लकड़ी, फूस आदि से बनाई गई कंकड़ी 2 सीसे, लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े जो बारूद के
झोंपड़ी पर्णकुटी। ~बंद +फा० I (पु०) छप्पर साथ बंदूक़ में भरे जाते हैं 3 कंकड़। पिलाना छानेवाला मजदूर II (वि०) जो छप्पर में रहता हो; बंदूक में छर्रा भरना ~बंदी + फा० (स्त्री०) 1 छप्पर छाने का काम छल-सं० (पु०) 1 धोखा, कपट 2 बहाना। कपट 2 छप्पर छाने की उजरत; ~टूट पड़ना एकाएक कोई (पु०) छोखेबाज़ी; छंद, छद्म (पु०) 1 छल पूर्व बड़ा संकट आ पड़ना; ~पर फूस न होना अत्यधिक | व्यवहार 2 कपट-जाल, चालबाज़ी; ~छंदी (वि०) । निर्धन होना; ~फाड़कर देना 1 अनायास बहत छल-कपट करनेवाला; ~~छाया (स्त्री०) कपटजाल. अधिक धन देना 2 बिना परिश्रम के घर बैठे माया; ~छिद्र (पु०) = दे० छल-कपट; छिद्रव
(पु०) (दूसरों के) छलछिद्र (दोष) निकाला छबड़ा-(पु०) = टोकरा, झाबा (स्त्री० छबड़ी)
-छिद्री (वि.) कपटी; ~बल (पु०) मायाजाल छबीना-(पु०) पड़ाव
छलक-(स्त्री०) छलकने की क्रिया छबीला-(वि०) 1 जो बन ठनकर रहता हो, छैला, | छलकना-(अ० क्रि०) 1 उमड़कर बाहर गिरना बाँका 2 छवियुक्त, सुंदर
(जैसे-आँखों से आँसू छलकना) 2 झटके से उछलकर | छब्बीस-I (वि०) जो बीस से छः अधिक हो बाहर आना (जैसे-लोटे से दूध छलकना) 3 चारों। II (पु०) 26 की संख्या
ओर से फैला हुआ दिखाई पड़ना (जैसे-हृदय में प्रेम छमक-(स्त्री०) छमकने की क्रिया
का छलकना) छमकना-(अ० क्रि०) 1 घुघरुओं आदि के बजने का छलकाना-(स० क्रि०) हिलाकर गिराना (जैसे-बाल्टी ।
शब्द होना 2 स्त्रियों का आभूषण पहनकर इठलाते हुए _का पानी छलकाना) इधर-उधर आना-जाना
छल-छल-(पु.) पानी के छलकने की ध्वनि छम-छम-I (स्त्री०) 1 पायल, घुघरू आदि के बजने से छलछलाना-(अ० क्रि०) आँखों में आँस भर आना, उत्पत्र ध्वनि 2 ज़ोर से पानी बरसने का शब्द | आर्द्र हो जाना (जैसे-छम-छम वर्षा होना) II (क्रि० वि०) छलन-सं० (पु०) छलने की क्रिया, छलना
1 छम-छम शब्द करते हुए 2 चमकते-मटकते हुए || छलना-I (स० कि०) धोखा देना, ठगना सं० (स्त्री०) छमछमाना-I (अ० क्रि०) 1 छम-छम शब्द उत्पन्न 1 छलने का भाव 2 धोखा, वंचना (जैसे-सृष्टि स्वयं में होना 2 चमकना II (स० क्रि०) छम-छम शब्द उत्पन्न छलना है) 3 छल करनेवाली स्त्री (जैसे-छलनाओं से करना
दूर रहना) 4 माया, भ्रांति छमाछम-(क्रि० वि०) छमछम
छलनी-(स्त्री०) 1 आटा आदि छानने का जालीदार छमाशी-(स्त्री०) छः माशे की तौल का बाट
छोटा उपकरण, चलनी 2 छलनीदार वस्तु । ~में छमाही-I हिं० + फा० (स्त्री०) 1 छ: माह बाद होनेवाला कृत्य डालकर छाज में उड़ाना थोड़े से दोष को लेकर (जैसे-छमाही परीक्षा) 2 छः माह का समय II (वि०) हर अत्यधिक बदनाम करना; हो जाना फट-चिथकर छ: माह पर होनेवाला
बेकार हो जाना, नष्ट हो जाना छरकना-(अ० क्रि०) बिखरना
छलबल-(स्त्री०) 1 चटक-मटक 2 शोभा छर-छर-(पु०) चुन चुन शब्द
छलाँग-(स्त्री०) वेग पूर्वक उछलकर अन्य स्थान पर छरछराना-I (अ० क्रि०) 1 घाव में चुनचुनाहट होना जाने की क्रिया। - भरना, ~मारना 1 बहुत तेज़ या जलन होना 2 कणों का बिखरना II (स० क्रि०) चलना 2 शीघ्र तरक्की करना चुनचुनाहट उत्पन्न करना, जलन पैदा करना
छलावरण-सं० (पु०) धोखा देने के लिए रूप या छरछराहट-I (स्त्री०) 1 'छर-छर' ध्वनि में गिरने की | स्थान को ढक लेना आवाज़ 2 चुनचुनी
छलावा-(पु०) 1 धोखा 2 भ्रांति, माया 3 जंगलों और