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यूटा
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छक्केबाज़
यूटा-(पुल) च्यूटी की जाति या प्रकार का किंतु आकार में | (जैसे-घोड़े का पेर छंदना ) उससे बड़ा कीड़ा
छंदा-(वि०) दोनों पैर बाँधकर चरने हेतु छोड़ा हुआ यूटी-(स्त्री०) गुड़, शक्कर आदि चीजें खानेवाला अत्यंत छोटा (पशु) कीड़ा
छंदाघात-(०) (शब्द पर) संगीतात्मक बल व्यूड़ा-(पु०) चिवड़ा, भुने धान का कूटा हुआ चबेना
छंदात्मक-सं० (वि.) छद रूप में रचा हआ. पद्यमय छंदानुवृत्ति-(स्त्री०) स्वार्थपरायणता छंदित-सं० (वि०) प्रसन्न किया हुआ छंदोगति-(स्त्री०) ऐसी छंदयोजना कि शब्द में लय
और गति हो छंदोबद्ध-सं० (वि.) छंदात्मक, पद्य रूप में, पद्यबद्ध छंदोभंग-सं० (पु०) छंद-रचना में लय और गति का
अभाव, छंददोष छंगा-(वि.) जिसके हाथ में छह उँगलियाँ हों
छंदोयोजना-सं० (स्त्री०) छंद बनाना छंगुलिया, छंगुली-(स्त्री०) हाथ की सबसे छोटी । छंदोविश्लेष-सं० (पु.) छंद का वर्णों और मात्राओं में उंगली
वर्णन करना छंगू-(पु०) . छंगा
छः-I (वि०) गिनती में पांच से एक अधिक [[ (पु०) छंटना-(अ. क्रि०) 1 छाँटा जाना 2 अलग होना | छह की संख्या का सूचक अंक, 61 कोना (वि०) । जैसे-दल से चार आदमी उँट गए) 3 अनावश्यक षटकोण; ~माही (वि.) छ: महीने में होनेवाला अंश निकलना 4 तितर-बितर होना (जैसे-बादलों का (जैसे-छमाही परीक्षा) छरना) 5 क्रिया के फलस्वरूप कम होना (जैसे-आँख | छ-(वि०) = छ: की लाली छंटना) । छैटा हआ 1 चालाक, 2 धूर्त | छई-I (वि०) 1क्षय होनेवाला 2 क्षय रोगवाला 3 चुना हुआ
II (स्त्री०) क्षय रोग छंटनी-(स्त्री०) छाँटने की क्रिया, छंटाई (विशेषतः | छक-(स्त्री०) तृप्ति कर्मचारियों की)
छक-छक-(स्त्री०) छुक-छक छैटवाना-(स० क्रि०) छाँटने का काम दुसरे से कराना | छकड़ा-[ (वि.) 1ढीले ढाँचेवाला 2 धीमे चलनेवाली छंटाई-(स्त्री) 1 छाँटने की क्रिया 2 छाँटने की मज़दूरी (गाड़ी) II (पु०) माल ढोनेवाली गाड़ी छंटाना-(स० कि०) बो० - उँटवाना
छकड़ी-(स्त्री०) 1छ कहारों द्वारा उठाई जानेवाली छैटाव-(पु.) छंटाई
पालकी 2 छह का समूह छैटेल-(वि०) 1 छंटा हुआ 2 अत्यंत धूर्त
छकना-I (अ० क्रि०) 1 पूर्ण संतुष्ट होना, जी भरकर छंदःशास्त्र-सं० (पु०) वह शास्त्र जिसमें विभिन्न छंदों खाना, अघाना 2 नशे में चूर, मदमस्त होना 3 कौशल, के रूप और लक्षण बतलाए जाते हैं।
चातुरी आदि में परास्त होना, हारना || (अ० क्रि०) छंद-[ सं (पु.) 1 मात्राओं का निश्चित मान जिनके 1 चकराना 2 हैरान होना
अनुसार पद्य रचना की जाती है (जैसे-मात्रिक छंद, छकाछक-I (क्रि० वि०) 1 पूरी तरह से, भरपूर मुक्तक छंद) 2 मात्रा की गणना के अनुसार बना 2 भली-भाँति II (वि०) 1 पूर्णतः तृप्त 2 नशे में भरा पद्यबंध 3 वेद 4 कपट 5 मतलब। ~मुक्त (वि०) । जो छंद के नियमानुसार न हो (जैसे-छंदमुक्त रचनाएँ । छकाना-[ (स० क्रि०) 1 पूर्णतः संतुष्ट करना 2 भरपेट आधुनिक काव्य की देन हैं); -वासी (पु०) खिलाना || (स० क्रि०) 1 चक्कर में डालना मनमाना आचरण करनेवाला; -विधान (पु०), 2 परेशान करना 3 खिला-पिलाकर तृप्त करना ~व्यवस्था (स्त्री०) (काव्य रचना में) छंदयोजना; छकार-सं० (पु०) 'छ' वर्ण ~शास्त्र (पु०) = छंद शास्त्र
छक्का -(पु०) । छह का समूह 2 छह अवयवोंवाली छंद-II सं० (पु०) 1 अभिलाषा, इच्छा 2 अभिप्राय, वस्तु 3 ताश का छह बूटियोंवाला पत्ता (जैसे-पान का मतलब 3 कपट, छल 4 तरक़ीब, युक्ति, उपाय
छक्का ) 4 चौसर के खेल में पासे का छह छंदक-दान-सं० (पु०) 1 धोखा देना 2 रक्षा दान बिंदियोंवाला पहल 5 छह रनों का समह (क्रिकेट)। छंदक-पत्र-सं० (पु०) 1 छल पत्र 2 रक्षा पत्र
~~पंजा (पु०) दाँव-पेंच, छल-कपट, चालबाज़ी; छंदक-पेटिका, छंदक-पेटी-सं० (स्त्री०) रक्षक पेटी छूटना 1 हिम्मत हारना 2 परेशान होना; ~पंजा छंदक-प्रणाली-सं० (स्त्री०) रक्षा करने का ढंग भूल जाना अक्ल का काम न करना, उपाय न छंदत:-(क्रि० वि०) छल-कपट से
चलना; छक्के छुड़ाना हौंसला पस्त करना, पैर उखाड़ छंदन-(पु०) प्रसन्न करना
देना; छक्के छूटना बुद्धि चकराना छंदना-I (अ० क्रि०) 1 छंद बनाना 2 छंद में कविता | छक्केबाज़-हिं० , फ़ा० (वि.) 1 अत्यधिक चालबाज़ करना 3 कविता करना II (अ० क्रि०) बाँधा जाना | 2 अत्यंत धूर्त
हुआ