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चौड़ाना
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चौबग़ला
2 वह मान जिससे यह ज्ञात होता है कि वस्तु कितनी चौड़ी है चौपट-(वि०) 1 नष्ट-भ्रष्ट, बर्बाद (जैसे-सारा काम-काज (जैसे-इस कपड़े की चौड़ाई चार मीटर है)
चौपट कर दिया) 2 बिगड़ा हआ (जैसे-उसने अपना जीवन चौड़ाना-I (स० क्रि०) चौड़ा करना, फैलाना II (अ० क्रि०) चौपट कर डाला) 3 चारों ओर से खुला हुआ, अरक्षित । चौड़ा होना
चरण + सं० (वि०) जिसके पहँचते ही तबाही आ जाए, चौतगी-(स्त्री०) चार सूत मिलाकर बटा हुआ डोरा सत्यानाशी चौतनी-(स्त्री०) बच्चों की एक टोपी
चौपटा-(वि०) 1 चौपट करनेवाला 2 नष्ट-भ्रष्ट करनेवाला चौतरफा-हिं० + अ० + हिं० (वि०) चारों ओर का, चतुर्मुखी, चौपड़-(स्त्री०) 1 चौसर (खेल) 2 चौसर की आकृति का चौगिर्द (जैसे- चौतरफ़ा दृश्य)
खाट-पलंग आदि की बुनावट 3 मंदिर आदि के आँगन में चौतरा-(पु०) चबूतरा
चौसर आकृति की बनावट । ~मैंडना, ~मढ़ना, चौतही-(स्त्री०) चार तहोंवाला कपड़ा
~माँड़ना चौपड़ खेलने के लिए बिसात बिछाना चौताल-(पु०) 1 मृदंग की एक ताल जिसमें चार आघात और | चौपत-I (वि०) 1 चार परतों में लपेटा हुआ 2 चार तहोंवाला
दो खाली होते हैं 2 मृदंग की ताल पर गाया जानेवाला गीत | II (प०) वह पत्थर जिसमें लगी कील पर कुम्हार का चाक चोतुका-I (वि०) चार तुकोंवाला II (पु०) वह छंद जिसके टिका रहता है चारों चरणों में अनुप्रास होते हैं, वह छंद जिसके चारों चरणों के चौपतना-(स० क्रि०) कपड़े आदि तह करना तुक मिलते हों
चौपतिया-I (वि०) 1चार पत्तोंवाला 2 जिसमें चार पत्तियों चोथ-I (स्त्री०) 1 चांद्रमास के प्रत्येक पक्ष की चौथी अवस्था, ___ एक साथ दिखाई दें II (स्त्री०) 1 क़सीदे, चित्रकला आदि में चतुर्थी 2 चौथाई अंश, चतुर्थांश II (वि०) = चौथा ~पन | ऐसी बूटी जिसमें चार पत्तियाँ बनी हों 2 चार पत्रों की पुस्तिका 1 मानव जीवन की चौथी अवस्था, संन्यास आश्रम का समय चौपत्ती-(स्त्री०) चार लोगों में खेला जानेवाला ताश का खेल 2 बुढ़ापा, वृद्धावस्था; ~का चाँद भाद्र शुक्ल चतुर्थी का | चौपथ-(पु०) 1 चौराहा, चौमुहानी 2 कह पत्थर जिसकी कील चंद्रमा जिसे देखने से झूठा कलंक लगता है ऐसा अपवाद है । पर कुम्हार का चाक रहता है चोथा-(वि०) चार की जगह पड़नेवाला (जैसे-वह चौथी कक्षा | चौपदा-(पु०) 1 चार पैरोंवाला पशु, चौपाया 2 चार में पढ़ता है) । -पन (पु०) जीवन की चौथी अवस्था, चरणोंवाला पद्य बुढ़ापा
चोपन्ना-(पु०) चार पृष्ठ तह वाला काग़ज़ चौथाई-(स्त्री०) चौथा भाग, चतुर्थांश
चौपल-(पु०) = चौपथ चौथिया-(पु०) 1 हर चौथे दिन आनेवाल र 2 चौथे हिस्से | चौपहरा-(वि०) 1 चार पहर का 2 चार-चार पहरों के अंतर पर का मालिक
__ होनेवाला 3 चारों पहर होता रहनेवाला चौथी-(स्त्री०) 1 विवाह के चौथे दिन वर-वधू के कंगन चौपहल-हिं० + फ़ा० (वि०) चार पहल या पार्श्व का
खोलने की रस्म 2 विवाह के चौथे दिन कन्या के घर से कपड़े, | चौपहलू-हिं० + फ़ा० I (वि०) चार पहलुओंवाला II (पु०) मिठाइयाँ आदि भेजे जाने की रस्म 3 जमींदार को मिलनेवाला - = चौपाल । फ़सल का चौथाई भाग। ~का जोड़ा वर के घर से कन्या के | चौपहिया-I (वि०) चार पहियोंवाला II (पु०) चार लिए चौथे दिन आनेवाला कपड़े का कुलक
पहियोंवाली गाड़ी चौथैया-(पु०) चौथाई भाग, चतुर्थांश
चौपाई- (स्त्री०) चार चरण का प्रसिद्ध मात्रिक छंद जिसके चौदंता-(वि०) 1 चार दाँतोंवाला 3 छोटी उम्र का और अल्हड़ प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं चोदंती-(स्त्री०) 1 अल्हड़पन 2 अक्खड़पन
चौपाया-I (पु०) चार पैरोंवाला पशु, मवेशी II (वि.) चौदस-(स्त्री०) चांद्रमास के प्रत्येक पक्ष की चौदहवीं तिथि, जिसमें चार पावे हों चतुर्दशी
चौपार-बो० (स्त्री०) चोपाल (पु०) 1 छायादार बड़ा चबूतरा चौदह-I (वि) दस से चार अधिक II (पु०) चौदह की ___ 2 मंडपाकार बैठक जहाँ गाँव के लोग पंचायत करते हैं 3 एक संख्या
तरह की पालकी जो ऊपर से ढकी एवं चारों ओर से खली चौदाँत-I (वि०) जिनके दाँत लड़ने के लिए परस्पर आकर होती है
आमने-सामने मिल गए हों II (पु०) हाथियों की लड़ाई चौपुरा-(पु०) ऐसा कुआँ जिसपर एक साथ चार पुर चल सके चोदानी-हिं० + फ़ा० (स्त्री) 1 चार पत्तियोंवाली कान में | चौपेजी-हिं० + अं० + हिं० (वि०) चार पृष्ठोंवाला
पहनने की बाली 2 चार मोतियोंवाली कान की बाली चौफेर-I (क्रि० वि०) चारों ओर, चारों तरफ़ II (वि०) चार चौधराइन-(स्त्री०) चौप- की स्वी
तरफ मोड़ा हुआ चौधराई-(स्त्री०) चौधरा होने की अवस्था, चौधरीपन चौफेरी-I (स्त्री०) चारों ओर लगाई जानेवाली फेरी, परिक्रमा चौधरात-(स्त्री०) 1 चौधराना 2 चौधराई
__ II (क्रि० वि०) चारों ओर चौधराना-(पु०) 1 चौधरी का पद 2 चौधरी का हक़ 3 चौधरी | चौबंदी-हिं० + फ्रा० (स्त्री०) 1 चारों ओर से बांधने की क्रिया का काम
2 एक कुरती जिसके दोनों तरफ दो-दो बंद लगते हैं, बगलबंदी वोपरी-(पु०) 1 प्रधान, मुखिया 2 अगुआ 3 जाटों, कुर्मिये 3 घोड़े के चारों सुमों में नाल जड़ने की क्रिया आदि की पदवी
| चौबग़ला-हिं० + फ्रा० + हिं० 1 (पु०) करती, अंगे आदि में चोपखा-बो० (पु०) 1 चारों ओर की दीवारें 2 चहारदीवारी । दोनों बग़ल के नीचे और कली के ऊपर का पाग II (क्रि.
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