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चौबच्चा
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यामाग
वि०) ना.
चाचार
वि०) चारों ओर III (वि०) जिसमें चार पार्थ हों चौरानपन (पु०) तस्करी, स्मगलिंग चौबच्चा-फा० (पु०) = चहबच्चा
दौरानवे-I (वि०) नब्बे से चार अधिक II (पु०) 94 की चौबरसी-(स्त्री०) घटना आदि के चौथे साल होनेवाला उत्सव, संख्या कर्म
चौरासी-I (वि०) जो अस्सी से चार अधिक हो II (पु०) चौबा-(पु०) = चौबे
84 की संख्या चौबाइन-(स्त्री०) चौबे की स्त्री
चौराहा-हिं० +फ्रा० +हिं० (पु०) चारों ओर से आकर चौबाई-(स्त्री०) 1 चारों ओर से बहनेवाली हवा 2 चारों ओर मिलनेवाले रास्तों का केंद्र बिंदु, चौमुहानी, चौरस्ता फैलनेवाली बदनामी 3 धूम-धाम
| चौरी-I सं० (स्त्री०) चुराने की क्रिया, चोरी II (स्त्री०) छोटा चौबाछा-(पु०) मुग़ल काल में लगनेवाला कर
चैवर चौबारा-I (पु.) 1 वह कमरा जिसमें चारों ओर दरवाज़े हों | चौरेठा-(पु०) चावल पीसकर बनाया गया महीन चूर्ण 2 वह कमरा जिसमें चारों ओर खिड़कियाँ हों II (क्रि० वि०) चौर्य-सं० (पु०) चोरी। -पणन (पु०) चोरी का व्यापार; चौथी बार
वृत्ति (स्त्री०) 1 चोरी का पेशा :2 चोरी के धन से चौबीस-I (वि०) बीस से चार अधिक II (पु०) चौबीस की जीविकोपार्जन करनेवाला संख्या
चौर्योन्याद-सं० (पु०) चोरी करने का चस्का चौबे-(पु०) चतुर्वेदी
चौलड़ा-(वि०) जिसमें चार मालाएँ हों, चार लड़ियोंवाला चौबोला-(पु०) 15 मात्राओं का एक मात्रिक छंद चौला-(पु०) एक लता और उसके बीज, बोड़ा, लोबिया चौभड़-(पु०) = दे० चौघड़
चौलाई-(स्त्री०) एक पौधा जिसका साग खाए जाने योग्य होता चौमंजिला-हिं० + अ० (वि०) चार तल्लोंवाला, चार | है, खादेय साग का पौधा खंडोंवाला
चौवन-I (वि०) जो पचास से चार ज्यादा हो II (पु०) चौमसिया-(वि०) 1 चौमासे से संबंध रखनेवाला 2 चौमासे में 54 की संख्या होनेवाला
चौवा-(पु०) = चौआ चौमहला-हिं० + अ० + हिं० (वि०) = चौ मंजिला । चौवाई-(स्त्री०) = चौआई, चौबाई चौमाप-हिं० + सं० (स्त्री०) नाप के लंबाई, चौड़ाई, ऊँचाई | चौवालिस-(वि०/३०) चवालिस
एवं काल चारों का समन्वित रूप, चारों आयाम चौस-I (पु०) 1 बार-बार जोता हआ खेत 2 खेत की चौथी चौमापी-हिं० + सं० (वि०) चार आयामोंवाला __ जोताई II (पु०) चूर्ण, बुकनी चौमार्ग-हिं० + सं० (पु०) चौरस्ता, चौमुहानी
चौसठ-(वि०/(पु०) = चौंसठ चौमास, चौमासा-I (पु०) 1 वर्षाऋतु के चार महीने, चौसर-(पु०) 1 चार रंगों की चार-चार गोटियों और तीन पासों चातुर्मास 2 वर्षा ऋतु में गाया जानेवाला गीत 3 गर्भवती के | से खेला जानेवाला खेल, चौपड़ 2 चौपड़ की बिसात चौथे माह का कृत्य II (वि०) 1 चातुर्मास में होनेवाला 2 चार | चौहट्टा-(पु०) 1 ऐसा स्थान जिसके चारों ओर दुकानें हों महीनों में होनेवाला
2 चौरस्ता, चौमुहानी चौमासी-(स्त्री०) चातुर्मास का श्रृंगारिक गीत
चौहड़-(पु०) = दे० चौघड़ चौमुख-हिं० + सं० (क्रि० वि०) चारों तरफ़ II (वि०) | चौहत्तर-I (वि०) जो सत्तर से चार ज़्यादा हो II (पु०) चौमुखा
___74 की संख्या चौमुखा-हिं० + सं० + हिं० (वि०) 1 जिसके चारों ओर चार | चौहद्दी-हिं० + अ० + हिं० (स्त्री०) किसी स्थान के चारों ओर मुख हों 2 जो चारों ओर उन्मुक्त हो (जैसे-चौमखी लड़ाई छिड़ __ की सीमा (जैसे-महल की चौहद्दी)
गई)। दीया जलाना दिवाला निकालना, दिवालिया बनाना | चौहरा-I (वि०) 1 चार तहोंवाला (जैसे-चौहरा कपड़ा) चौमुहानी-(स्त्री०) चौरस्ता, चौराहा
2 चौगुना II (पु०) 1 एक में बँधी हुई एक प्रकार की चार चौरंग-(पु०) तलवार का एक प्रहार
चीजें 2 दे० चौषा चौरंगा-(वि०) 1 चार रंगोंवाला, चौरंगा 2 चारों ओर समान | चौहान-(पु०) अग्निकुल के अंतर्गत क्षत्रिय वंश की रूप से होनेवाला 3 सब तरह से एक जैसा
शाखा चौर-सं० (पु०) 1 चोर 2 चैवर
चौहैं-(क्रि० वि०) बो० चारों ओर, चारों तरफ़ चौरस-I (वि०) 1जो ऊबड़-खाबड़ न हो, समतल च्यवन-सं० (पु०) 1 चूना, टपकना 2 एक ऋषि (जैसे-चौरस ज़मीन, चौरस आँगन) 2 सब तरफ़ से एक जैसा च्यावन-सं० (पु०) टपकाना II (पु०) बर्तन खुरचकर चौरस करनेवाला ठठेरों का एक च्युत-सं० (वि०) 1 गिरा हुआ, पतित (जैसे-कर्तव्यच्यत, औज़ार
पदच्युत) 2 टपका हुआ। ~संस्कारता (स्त्री०) 1 संस्कार चौरसाई-(स्त्री०) 1 चौरसपन 2 चौरस करने की मज़दूरी | से च्युत होने की अवस्था 2 साहित्यिक रचना में व्याकरण चौरसाना-(स० क्रि०) चौरस करना, बराबर करना संबंधी दोष चौरस्ता-हिं० + फ़ा० (पु०) = चौराहा, चौमुहानी च्यताधिकार-सं० (वि०) पद, अधिकार से हटाया हुआ, हटा चौरा-(पु.) 1 चबूतरा, वेदी 2 चबूतरे के रूप में बनी हुई हुआ वास्तुरचना
| च्युति-सं० (स्त्री०) पतन (जैसे-पदच्युति, कर्तव्यच्युति)